पवित्र बाइबल

याकूब का अंतिम आशीर्वाद: मनश्शे और एफ्रयिम की कहानी

इन बातों के बाद एक व्यक्ति ने यूसुफ से कहा, “तेरे पिताजी बीमार हैं।” और उसने अपने दो पुत्रों, मनश्शे और एफ्रयिम को अपने साथ ले लिया।

याकूब को किसी ने बताया, “देखो, तेरे पुत्र यूसुफ तेरे पास आ रहे हैं।” याकूब ने खुद को सम्बलित किया और बिस्तर पर बैठ गया।

याकूब ने यूसुफ से कहा, “सर्वशक्तिमान ईश्वर ने मुझे कनान देश की लुज में दर्शन दिए और मुझे आशीर्वाद दिया।
उन्होंने मुझसे कहा, ‘मैं तुझे उपजाऊ और प्रजनन करूंगा, और तुझे जातियों की भीड़ बनाऊंगा, और तेरे वंशजों को यह देश हमेशा के लिए स्वामित्व में दूंगा।'”

“और अब, जो तेरे दो पुत्र इस मिस्र देश में मेरे पास आने से पहले तेरे हुए थे, वे मेरे हैं। एफ्रयिम और मनश्शे अब मेरे हैं, जैसे की रूबेन और सिमियोन मेरे हैं।”

“और तेरे उनके बाद के वंशज, वे तेरे होंगे। उनका नाम उनके भाईयों के वंश में पुकारा जाएगा।”

“और जब मैं पदान से लौट रहा था, तो राहेल मेरे पास कनान देश में मर गई थी, जब हमें अभी एफ्रथ में जाना बाकी था। मैंने उसे वहाँ गाड़ दिया, बैत लह्म के रास्ते में।”

याकूब ने यूसुफ के पुत्रों को देखा और पूछा, “ये कौन हैं?”

यूसुफ ने उनके पिताजी से

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