पवित्र बाइबल

मूर्तियाँ और पाप: इस्राएल की कठिनाई और यहोवा का संदेश

एक समय ऐसा आया जब इस्राएल के कुछ बुजुर्गों ने मुझसे मिलने का निर्णय लिया। वे मेरे सामने बैठे और यहोवा का वचन मुझ तक पहुंचा।
वचन में कहा गया था, “हे मनुष्य के पुत्र, ये लोग अपनी मूर्तियों को हृदय में अपने मन में रखते हैं और अपने पापों का आड़ा अपने चेहरे पर रखते हैं। क्या मैं उनसे पूछताछ करूंगा?

तुम उनसे कह दो, ‘यहोवा के प्रभु कहते हैं, हर व्यक्ति जो अपनी मूर्ति को अपने हृदय में रखता है और अपने पापों का अड़ा अपने चेहरे के सामने रखता है, मैं, वहोवा, उसके पास आते ही उसके अनेक मूर्तियों के अनुसार उसकी सजा देने वाला हूं।

मैं इस्राएल के लोगों को उनके अपने हृदय में लेने के लिए कहता हूं, क्योंकि वे सभी मुझसे अपनी मूर्तियों की वजह से अलग हो गए हैं। अतः,इस्राएल के लोगों से कहो, यहोवा के प्रभु कहते हैं, अपनी मूर्तियों की ओर से मुड़ो और सभी अपवित्रताओं से अपने चेहरे को घुमाओ।

जो कोई इस्राएल का निवासी, या इस्राएल में वास करने वाला अजनबी, मेरे से अलग होकर अपनी प्रतिमाओं को हृदय में ले लेता है और अपने पापों का आडा अपने चेहरे के सामने रखता है, और फिर मुझसे आशय जानने के लिए भविष्यवक्ता के पास आता है, मैं वहोवा, उसके ल

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