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जीवन की सच्चाई: एक बुद्धिमान व्यक्ति का ज्ञान और अनुभव

एक समय की बात है, जब एक बुद्धिमान व्यक्ति ने अपने जीवन के अनुभवों और परमेश्वर की सृष्टि को गहराई से देखा और समझा। उसने महसूस किया कि जीवन में सुख और दुख, अच्छाई और बुराई, ज्ञान और मूर्खता सभी कुछ परमेश्वर के हाथ में है। उसने यह सब लिखा, ताकि लोग उसके विचारों से सीख सकें और परमेश्वर की इच्छा को समझ सकें।

उस बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा, “एक अच्छा नाम तेल से बढ़कर है, और मृत्यु का दिन जन्म के दिन से बेहतर है।” उसने समझाया कि जीवन में नाम और प्रतिष्ठा का महत्व है। एक अच्छा नाम वह है जो परमेश्वर की नज़र में मूल्यवान है। यह तेल से भी अधिक सुगंधित है, क्योंकि तेल का सुगंध कुछ समय के लिए होता है, लेकिन एक अच्छा नाम हमेशा बना रहता है। उसने यह भी कहा कि मृत्यु का दिन जन्म के दिन से बेहतर है, क्योंकि मृत्यु के बाद हम परमेश्वर के सामने खड़े होते हैं और अपने कर्मों का हिसाब देते हैं। यह जीवन की असली परीक्षा है।

फिर उसने कहा, “ज्ञानी के घर जाना मूर्खों के आनंद से बेहतर है, क्योंकि मूर्खों की हंसी धुएं के समान है।” उसने समझाया कि ज्ञानी के साथ बिताया गया समय हमें बुद्धि और समझ देता है, जबकि मूर्खों के साथ बिताया गया समय केवल खोखला आनंद देता है, जो जल्दी ही खत्म हो जाता है। मूर्खों की हंसी धुएं के समान है, जो थोड़ी देर के लिए दिखता है, लेकिन फिर गायब हो जाता है।

उसने आगे कहा, “क्रोध मूर्खों के हृदय में रहता है, लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति शांत रहता है और अपने क्रोध को नियंत्रित करता है।” उसने समझाया कि क्रोध मनुष्य को अंधा बना देता है और उसे गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता है। लेकिन बुद्धिमान व्यक्ति शांत रहता है और परमेश्वर की इच्छा को समझने का प्रयास करता है। वह जानता है कि क्रोध से कुछ हासिल नहीं होता, बल्कि शांति और धैर्य से ही सही निर्णय लिया जा सकता है।

फिर उसने कहा, “अतीत के दिनों को याद करो, क्योंकि वे तुम्हारे लिए शिक्षाप्रद हैं।” उसने समझाया कि हमें अपने अतीत से सीखना चाहिए। जो कुछ हमने अच्छा किया है, उसे याद रखना चाहिए और जो गलत किया है, उससे सबक लेना चाहिए। अतीत हमें यह बताता है कि हम कहाँ से आए हैं और हमें कहाँ जाना है। यह हमें परमेश्वर की योजना को समझने में मदद करता है।

उसने यह भी कहा, “धन से बुद्धि बेहतर है, क्योंकि बुद्धि जीवन को बचाती है।” उसने समझाया कि धन सांसारिक है और यह केवल थोड़े समय के लिए सुख देता है। लेकिन बुद्धि हमें परमेश्वर के मार्ग पर चलना सिखाती है और हमारे जीवन को सुरक्षित रखती है। बुद्धि हमें सही और गलत का फर्क समझाती है और हमें परमेश्वर की इच्छा के अनुसार जीने में मदद करती है।

अंत में, उस बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा, “परमेश्वर की इच्छा को समझो और उसके मार्ग पर चलो, क्योंकि वही सच्चा ज्ञान और बुद्धि है।” उसने समझाया कि परमेश्वर की इच्छा को समझना और उसके मार्ग पर चलना ही सच्चा ज्ञान है। यही हमें सच्चे सुख और शांति की ओर ले जाता है। परमेश्वर की इच्छा के बिना, सारा ज्ञान और बुद्धि व्यर्थ है।

इस प्रकार, उस बुद्धिमान व्यक्ति ने लोगों को सिखाया कि जीवन में सच्चा सुख और शांति केवल परमेश्वर की इच्छा को समझने और उसके मार्ग पर चलने से ही मिल सकता है। उसने लोगों को यह भी सिखाया कि अतीत से सीखो, बुद्धि को महत्व दो, और क्रोध को नियंत्रित करो। यही सच्चा ज्ञान है, और यही परमेश्वर की इच्छा है।

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