एक समय की बात है, जब राजा दाऊद अपने महल के बगीचे में बैठे हुए थे। वह सुबह का समय था, और सूरज की पहली किरणें आकाश को सुनहरे रंग से रंग रही थीं। पक्षियों का मधुर गीत हवा में गूंज रहा था, और फूलों की सुगंध से वातावरण महक उठा था। दाऊद ने अपने हाथों में वीणा उठाई और अपने हृदय से परमेश्वर की स्तुति करने लगे। उनके मन में भजन संहिता 92 के शब्द उमड़ने लगे, और उन्होंने उन्हें गाना शुरू किया।
“हे परमेश्वर, यह कितना अच्छा है कि हम तेरी स्तुति करें, और तेरे नाम का जयजयकार गाएं। सुबह-सुबह तेरी करुणा का वर्णन करें, और रात को तेरी सच्चाई का बखान करें।”
दाऊद ने अपनी आँखें बंद कर लीं और परमेश्वर की महिमा के बारे में सोचने लगे। उन्होंने महसूस किया कि परमेश्वर की करुणा हर सुबह नई होती है, और उनकी सच्चाई हर रात प्रकट होती है। उन्होंने सोचा कि कैसे परमेश्वर ने उन्हें असंख्य बार बचाया था, और कैसे उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद उनके जीवन में हमेशा बने रहे थे।
दाऊद ने अपने गीत को जारी रखा, “हे परमेश्वर, तेरे काम कितने महान हैं! तेरे विचार कितने गहरे हैं! मूर्ख व्यक्ति इसे नहीं समझता, और अज्ञानी इसे नहीं जानता।”
उन्होंने सोचा कि कैसे परमेश्वर के काम मनुष्य की समझ से परे हैं। उन्होंने देखा कि कैसे परमेश्वर ने उनके शत्रुओं को पराजित किया था, और कैसे उन्होंने उन्हें विजय दिलाई थी। दाऊद ने महसूस किया कि परमेश्वर की योजनाएं हमेशा सही होती हैं, भले ही वे मनुष्य को समझ में न आएं।
दाऊद ने अपने गीत को आगे बढ़ाया, “जब दुष्ट फूलते-फलते हैं, और सब अधर्मी फलते हैं, तब भी वे सदा के लिए नष्ट हो जाएंगे। परन्तु तू, हे परमेश्वर, सर्वोच्च है, और सदा के लिए बना रहेगा।”
उन्होंने सोचा कि कैसे दुष्ट लोग अक्सर सफल और समृद्ध दिखाई देते हैं, लेकिन उनका अंत निश्चित है। उन्होंने देखा कि कैसे परमेश्वर ने उनके शत्रुओं को नष्ट किया था, और कैसे उनकी सत्ता सदा के लिए बनी रही। दाऊद ने महसूस किया कि परमेश्वर की सत्ता और महिमा कभी खत्म नहीं होगी।
दाऊद ने अपने गीत को समाप्त करते हुए कहा, “हे परमेश्वर, तेरे शत्रु नष्ट हो जाएंगे, और सब अधर्मी तितर-बितर हो जाएंगे। परन्तु तू मेरे सींग को गैंडे के सींग के समान ऊंचा उठाएगा, और मैं नए तेल से अभिषेक किया जाऊंगा। मेरी आंखें मेरे शत्रुओं पर विजय पाएंगी, और मेरे कान उनकी बुराई की बातें सुनेंगे। धर्मी खजूर के वृक्ष के समान फूलेगा, और लेबनान के देवदार के समान बढ़ेगा। वे परमेश्वर के घर में लगाए जाएंगे, और हमारे परमेश्वर के आंगन में फूलेंगे-फलेंगे। वे बुढ़ापे में भी फलते रहेंगे, और हरे-भरे और फलदार बने रहेंगे। यह प्रगट करने के लिए कि यहोवा सीधा है; वह मेरी चट्टान है, और उसमें कोई अन्याय नहीं।”
दाऊद ने महसूस किया कि परमेश्वर की सुरक्षा और आशीर्वाद उनके साथ हमेशा बने रहेंगे। उन्होंने देखा कि कैसे धर्मी लोग खजूर के वृक्ष के समान फलते-फूलते हैं, और कैसे वे परमेश्वर के घर में सदा के लिए बने रहते हैं। उन्होंने महसूस किया कि परमेश्वर की न्यायप्रियता और सच्चाई कभी नहीं बदलती।
दाऊद ने अपने गीत को समाप्त कर दिया और अपनी आँखें खोलीं। उन्होंने देखा कि सूरज अब पूरी तरह से उग चुका था, और उसकी रोशनी पूरे बगीचे को चमका रही थी। उन्होंने महसूस किया कि परमेश्वर की महिमा और करुणा उनके जीवन में हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने अपने हृदय से परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी स्तुति की।
दाऊद ने सोचा कि कैसे परमेश्वर ने उन्हें असंख्य बार बचाया था, और कैसे उनकी सुरक्षा और आशीर्वाद उनके जीवन में हमेशा बने रहे थे। उन्होंने महसूस किया कि परमेश्वर की करुणा हर सुबह नई होती है, और उनकी सच्चाई हर रात प्रकट होती है। उन्होंने सोचा कि कैसे परमेश्वर के काम मनुष्य की समझ से परे हैं, और कैसे उनकी योजनाएं हमेशा सही होती हैं।
दाऊद ने अपने हृदय से परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी स्तुति की। उन्होंने महसूस किया कि परमेश्वर की महिमा और करुणा उनके जीवन में हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने देखा कि कैसे धर्मी लोग खजूर के वृक्ष के समान फलते-फूलते हैं, और कैसे वे परमेश्वर के घर में सदा के लिए बने रहते हैं। उन्होंने महसूस किया कि परमेश्वर की न्यायप्रियता और सच्चाई कभी नहीं बदलती।
दाऊद ने अपने गीत को समाप्त कर दिया और अपनी आँखें खोलीं। उन्होंने देखा कि सूरज अब पूरी तरह से उग चुका था, और उसकी रोशनी पूरे बगीचे को चमका रही थी। उन्होंने महसूस किया कि परमेश्वर की महिमा और करुणा उनके जीवन में हमेशा बनी रहेगी। उन्होंने अपने हृदय से परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी स्तुति की।