पवित्र बाइबल

यहोशू की अद्भुत विजय और परमेश्वर की सामर्थ्य

यहोशू 10 की कहानी हमें एक ऐसे समय की याद दिलाती है जब यहोशू और इस्राएलियों ने परमेश्वर की सहायता से एक अद्भुत विजय प्राप्त की। यह कहानी न केवल युद्ध और जीत के बारे में है, बल्कि यह परमेश्वर की सामर्थ्य और उनकी प्रतिज्ञाओं के प्रति विश्वास की गवाही भी देती है।

उस समय, यहोशू और इस्राएलियों ने यरीहो और अय्य को जीत लिया था। यह समाचार पूरे कनान देश में फैल गया, और स्थानीय राजाओं के मन में भय व्याप्त हो गया। गिबोन के निवासियों ने, जो एक बड़े और शक्तिशाली नगर के रहने वाले थे, इस्राएलियों से शांति की संधि कर ली। उन्होंने चालाकी से यहोशू को यह विश्वास दिलाया कि वे दूर के देश से आए हैं, जबकि वास्तव में वे पास के निवासी थे। यहोशू ने उनके साथ शांति की संधि कर ली और उन्हें जीवनदान दे दिया।

जब यरूशलेम के राजा अदोनी-सिदेक ने सुना कि गिबोन ने इस्राएलियों के साथ संधि कर ली है, तो वह बहुत भयभीत हो गया। गिबोन एक बड़ा और शक्तिशाली नगर था, और उसके निवासी योद्धा थे। अदोनी-सिदेक ने हेब्रोन के राजा होहाम, यरमूत के राजा पिराम, लाकीश के राजा याफीय, और एग्लोन के राजा दबीर के साथ मिलकर गिबोन के विरुद्ध युद्ध की योजना बनाई। उन्होंने अपनी सेनाएँ एकत्रित कीं और गिबोन पर चढ़ाई कर दी।

गिबोन के निवासियों ने यहोशू को संदेश भेजकर सहायता माँगी। उन्होंने कहा, “हमारी सहायता करो, क्योंकि अमोरी के सभी राजा, जो पहाड़ी देश में रहते हैं, हमारे विरुद्ध एकत्रित हो गए हैं।” यहोशू ने परमेश्वर से प्रार्थना की, और परमेश्वर ने उसे आश्वासन दिया कि वह उन्हें विजय दिलाएगा। यहोशू ने अपनी पूरी सेना को एकत्रित किया और रात भर चलकर गिबोन पहुँच गया।

जब यहोशू और उसकी सेना गिबोन पहुँचे, तो परमेश्वर ने उनके लिए आश्चर्यकर्म किया। उसने अमोरी राजाओं की सेना में भगदड़ मचा दी, और इस्राएलियों ने उन्हें भारी हार दी। यहोशू ने परमेश्वर से प्रार्थना की, और परमेश्वर ने आकाश से बड़े-बड़े ओले बरसाए, जिनसे अमोरी राजाओं की सेना के अधिकांश सैनिक मारे गए। यहोशू ने परमेश्वर से एक और चमत्कार के लिए प्रार्थना की, और परमेश्वर ने सूर्य को गिबोन के ऊपर और चंद्रमा को अय्योन की तराई में रुक जाने का आदेश दिया। सूर्य और चंद्रमा रुक गए, और दिन लंबा हो गया, जिससे इस्राएलियों को विजय प्राप्त करने का पर्याप्त समय मिल गया।

यहोशू और उसकी सेना ने अमोरी राजाओं की सेना का पीछा किया और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने पाँचों राजाओं को पकड़ लिया और उन्हें एक गुफा में छिपा दिया। यहोशू ने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि वे गुफा के मुँह को बड़े पत्थरों से बंद कर दें और उनकी रखवाली करें। इसके बाद, यहोशू ने अपनी सेना को आदेश दिया कि वे शत्रु के शहरों पर आक्रमण करें और उन्हें जीत लें। इस्राएलियों ने मक्केदा, लिब्ना, लाकीश, एग्लोन, हेब्रोन, और दबीर को जीत लिया।

जब यहोशू ने सभी शत्रुओं को पराजित कर दिया, तो उसने गुफा में छिपे हुए पाँचों राजाओं को बाहर निकाला। उसने अपने सैनिकों को आदेश दिया कि वे उन राजाओं के पैरों पर पैर रखें, जो इस बात का प्रतीक था कि परमेश्वर ने उन्हें शत्रुओं पर विजय दिलाई है। यहोशू ने उन राजाओं को मार डाला और उनके शवों को पेड़ों पर लटका दिया। सूर्यास्त के बाद, उनके शवों को गुफा में वापस डाल दिया गया और गुफा के मुँह को बड़े पत्थरों से बंद कर दिया गया।

इस प्रकार, यहोशू और इस्राएलियों ने परमेश्वर की सहायता से एक बड़ी विजय प्राप्त की। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि परमेश्वर अपने लोगों के साथ रहते हैं और उन्हें विजय दिलाते हैं, जब वे उन पर विश्वास करते हैं और उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं। यहोशू की विजय न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि यह परमेश्वर की सामर्थ्य और उनकी प्रतिज्ञाओं के प्रति विश्वास की एक जीवंत गवाही भी थी।

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