2 राजाओं के पहले अध्याय की कहानी हिंदी में इस प्रकार है:
समय था जब इस्राएल का राजा अहज्याह था। वह यहोवा की आज्ञाओं को नहीं मानता था और बाल देवता की पूजा करता था। एक दिन, अहज्याह अपने महल की छत पर चढ़ गया और वहाँ से गिर पड़ा। वह बुरी तरह से घायल हो गया। उसने अपने सेवकों को बुलाया और कहा, “जाओ और एकरोन के देवता बालजबूब से पूछो कि क्या मैं इस चोट से ठीक हो जाऊंगा।”
यहोवा ने एलिय्याह नबी को यह बात बताई और उसे आज्ञा दी कि वह अहज्याह के सेवकों से मिले। एलिय्याह ने उनसे कहा, “क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तुम एकरोन के देवता से पूछने जा रहे हो? यहोवा कहता है कि तुम जिस बिस्तर पर लेटे हो, उससे तुम कभी उठ नहीं पाओगे। तुम निश्चित रूप से मर जाओगे।”
सेवक डर गए और वापस अहज्याह के पास लौट आए। उन्होंने राजा को बताया कि एक व्यक्ति ने उनसे यह बात कही है। अहजियाह ने पूछा, “वह व्यक्ति कैसा दिखता था?” सेवकों ने कहा, “वह बालों वाला था और उसने चमड़े का कमरबंध पहना हुआ था।” अहज्याह ने तुरंत पहचान लिया कि वह एलिय्याह था।
राजा ने एक सूबेदार को पचास सैनिकों के साथ एलिय्याह को पकड़ने के लिए भेजा। वे एलिय्याह के पास पहुंचे, जो एक पहाड़ी पर बैठा हुआ था। सूबेदार ने कहा, “हे परमेश्वर के व्यक्ति, राजा ने तुम्हें बुलाया है।” एलिय्याह ने उत्तर दिया, “यदि मैं परमेश्वर का व्यक्ति हूं, तो आकाश से आग उतरे और तुम्हें और तुम्हारे पचास सैनिकों को भस्म कर दे।” तभी आकाश से आग गिरी और उसने सूबेदार और उसके सैनिकों को जला दिया।
अहज्याह ने फिर एक और सूबेदार को पचास सैनिकों के साथ भेजा। वह भी एलिय्याह के पास पहुंचा और उसने वही बात कही। एलिय्याह ने फिर से कहा, “यदि मैं परमेश्वर का व्यक्ति हूं, तो आकाश से आग उतरे और तुम्हें और तुम्हारे पचास सैनिकों को भस्म कर दे।” फिर से आकाश से आग गिरी और उसने उन्हें भस्म कर दिया।
राजा ने तीसरी बार एक सूबेदार को पचास सैनिकों के साथ भेजा। इस बार, सूबेदार ने एलिय्याह के सामने घुटने टेक दिए और विनती की, “हे परमेश्वर के व्यक्ति, मेरी जान और मेरे सैनिकों की जान कीमती है। कृपया हम पर दया करो।” यहोवा ने एलिय्याह से कहा, “उसके साथ जाओ, डरो मत।” एलिय्याह उसके साथ चल दिया।
एलिय्याह राजा अहज्याह के पास पहुंचा और उससे कहा, “तुमने एकरोन के देवता से पूछने के लिए दूत भेजे, जैसे कि इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है। इसलिए, तुम जिस बिस्तर पर लेटे हो, उससे तुम कभी उठ नहीं पाओगे। तुम निश्चित रूप से मर जाओगे।” और ऐसा ही हुआ। अहज्याह ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और उसकी मृत्यु हो गई।
यह कहानी हमें सिखाती है कि यहोवा ही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है और उसकी आज्ञाओं को न मानने का परिणाम बहुत गंभीर हो सकता है। एलिय्याह की वफादारी और परमेश्वर की शक्ति ने इस्राएल के लोगों को यह दिखाया कि यहोवा ही सर्वशक्तिमान है।