उत्पत्ति 5 की कहानी हिंदी में:
आदम से लेकर नूह तक की पीढ़ियों का वर्णन उत्पत्ति 5 में किया गया है। यह अध्याय हमें उन लोगों के बारे में बताता है जो पृथ्वी पर लंबे समय तक जीवित रहे और परमेश्वर के साथ चले। यह कहानी हमें उनकी आयु, उनके बच्चों, और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताती है।
आदम, जिसे परमेश्वर ने अपने स्वरूप में बनाया था, ने 130 वर्ष की आयु में एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम शेत रखा गया। शेत का अर्थ है “नियुक्त किया हुआ,” क्योंकि आदम और हव्वा का पहला पुत्र, कैन, ने अपने भाई हाबिल की हत्या कर दी थी, और परमेश्वर ने शेत को हाबिल के स्थान पर नियुक्त किया। आदम ने शेत के जन्म के बाद 800 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। आदम की कुल आयु 930 वर्ष थी, और फिर वह मर गया।
शेत भी परमेश्वर के मार्ग पर चला। जब वह 105 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम एनोश रखा गया। एनोश के जन्म के बाद, शेत ने 807 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। शेत की कुल आयु 912 वर्ष थी, और फिर वह मर गया।
एनोश ने भी परमेश्वर की आराधना की। जब वह 90 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम कैनान रखा गया। कैनान के जन्म के बाद, एनोश ने 815 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। एनोश की कुल आयु 905 वर्ष थी, और फिर वह मर गया।
कैनान ने भी परमेश्वर के मार्ग पर चलना जारी रखा। जब वह 70 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम महललेल रखा गया। महललेल के जन्म के बाद, कैनान ने 840 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। कैनान की कुल आयु 910 वर्ष थी, और फिर वह मर गया।
महललेल ने भी परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन किया। जब वह 65 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम येरेद रखा गया। येरेद के जन्म के बाद, महललेल ने 830 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। महललेल की कुल आयु 895 वर्ष थी, और फिर वह मर गया।
येरेद ने भी परमेश्वर के साथ चलना जारी रखा। जब वह 162 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम हनोक रखा गया। हनोक के जन्म के बाद, येरेद ने 800 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। येरेद की कुल आयु 962 वर्ष थी, और फिर वह मर गया।
हनोक एक विशेष व्यक्ति था। वह परमेश्वर के साथ बहुत घनिष्ठता से चला। जब वह 65 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम मतूशेलह रखा गया। मतूशेलह के जन्म के बाद, हनोक ने 300 वर्ष तक परमेश्वर के साथ चलना जारी रखा। हनोक की कुल आयु 365 वर्ष थी। परमेश्वर ने हनोक को इतना प्रिय पाया कि उसे मृत्यु का स्वाद चखे बिना ही स्वर्ग में उठा लिया। हनोक ने परमेश्वर के साथ इतना घनिष्ठ संबंध बनाया कि वह सीधे परमेश्वर के पास चला गया।
मतूशेलह ने भी परमेश्वर के मार्ग पर चलना जारी रखा। जब वह 187 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम लेमेक रखा गया। लेमेक के जन्म के बाद, मतूशेलह ने 782 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। मतूशेलह की कुल आयु 969 वर्ष थी, और फिर वह मर गया। मतूशेलह बाइबल में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाला व्यक्ति था।
लेमेक ने भी परमेश्वर के मार्ग पर चलना जारी रखा। जब वह 182 वर्ष का हुआ, तो उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम नूह रखा गया। लेमेक ने कहा, “यह हमें उस श्रम और पृथ्वी की शापित भूमि से आराम देगा जो परमेश्वर ने शाप दी है।” नूह के जन्म के बाद, लेमेक ने 595 वर्ष और जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियां हुईं। लेमेक की कुल आयु 777 वर्ष थी, और फिर वह मर गया।
नूह एक धर्मी व्यक्ति था, और वह अपने समय के लोगों में निष्कलंक था। नूह ने परमेश्वर के साथ चलना जारी रखा। जब वह 500 वर्ष का हुआ, तो उसने तीन पुत्रों को जन्म दिया: शेम, हाम और येपेत।
यह कहानी हमें दिखाती है कि कैसे परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया और कैसे उसने उन्हें पृथ्वी पर बसाया। यह हमें यह भी दिखाती है कि कैसे परमेश्वर के साथ चलने वाले लोगों ने उसकी आशीषों का अनुभव किया। हनोक की कहानी विशेष रूप से प्रेरणादायक है, क्योंकि वह परमेश्वर के साथ इतना घनिष्ठ था कि उसे मृत्यु का सामना किए बिना ही स्वर्ग में उठा लिया गया। यह कहानी हमें यह भी याद दिलाती है कि परमेश्वर के साथ चलने का मतलब है उसकी आज्ञाओं का पालन करना और उसके प्रेम में बने रहना।