एक बार की बात है, जब मिस्र देश में फिरौन का राज था। उस समय परमेश्वर ने मूसा को अपने लोगों, इस्त्राएलियों, को मिस्र की गुलामी से छुड़ाने के लिए भेजा था। परमेश्वर ने मूसा को आज्ञा दी कि वह फिरौन के पास जाए और उससे कहे कि वह इस्त्राएलियों को जाने दे। लेकिन फिरौन का मन कठोर था, और वह परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानता था। इसलिए, परमेश्वर ने मिस्र पर विभिन्न विपत्तियाँ भेजीं ताकि फिरौन को यह समझ आए कि वह सचमुच सर्वशक्तिमान है।
परमेश्वर ने मूसा से कहा, “फिरौन के पास जाओ और उससे कहो कि परमेश्वर यहोवा यह कहता है: ‘मेरे लोगों को जाने दे, ताकि वे मेरी उपासना कर सकें। यदि तू उन्हें जाने से इनकार करता है और उन्हें रोकता है, तो देख, मैं तेरे सारे देश के पशुओं पर भयंकर विपत्ति भेजूंगा। घोड़े, गधे, ऊँट, गाय, और भेड़-बकरियाँ, सभी मर जाएंगे। परन्तु इस्त्राएलियों के पशुओं को मैं बचा लूंगा।'”
मूसा ने परमेश्वर का यह संदेश फिरौन को सुनाया। लेकिन फिरौन ने उसकी बात नहीं मानी। तब परमेश्वर ने अपनी बात पूरी की। अगले दिन, मिस्र के सभी पशु एक भयंकर बीमारी से मरने लगे। गायें, बैल, भेड़-बकरियाँ, ऊँट, घोड़े—सभी जगह पशुओं के शव बिछे हुए थे। मिस्र के लोगों के लिए यह एक बहुत बड़ा आघात था, क्योंकि उनके पशु उनकी संपत्ति और जीविका का साधन थे। लेकिन इस्त्राएलियों के पशुओं पर कोई विपत्ति नहीं आई। उनके पशु स्वस्थ और जीवित रहे।
फिरौन ने लोगों को भेजकर देखा कि क्या इस्त्राएलियों के पशुओं को भी यह बीमारी लगी है। लेकिन जब उसे पता चला कि इस्त्राएलियों के पशु सुरक्षित हैं, तो उसका मन और भी कठोर हो गया। उसने मूसा और हारून को बुलाया और कहा, “तुम लोगों ने मेरे देश में क्या किया है? तुम्हारे परमेश्वर ने मेरे पशुओं को मार डाला है। लेकिन मैं तुम्हारे लोगों को जाने नहीं दूंगा।”
परमेश्वर ने फिर मूसा से कहा, “फिरौन के पास जाओ और उससे कहो कि परमेश्वर यहोवा यह कहता है: ‘यदि तू मेरे लोगों को जाने से इनकार करता है, तो मैं तुझ पर और तेरे दासों पर, तेरे लोगों पर, और तेरे घरों पर एक भयंकर विपत्ति भेजूंगा। तुम सबके शरीर पर फोड़े और छाले निकल आएंगे।'”
मूसा ने फिरौन को यह संदेश दिया। लेकिन फिरौन ने फिर भी परमेश्वर की बात नहीं मानी। तब परमेश्वर ने मूसा और हारून को आज्ञा दी कि वे अपने हाथों से भट्ठी की राख उठाएँ और उसे आकाश की ओर फेंकें। जैसे ही उन्होंने ऐसा किया, राख हवा में फैल गई और पूरे मिस्र देश में फोड़े और छाले निकल आए। मिस्र के लोगों और पशुओं के शरीर पर ये फोड़े और छाले हो गए। यहाँ तक कि जादूगर भी, जो फिरौन के दरबार में थे, इन फोड़ों से पीड़ित हो गए और वे मूसा के सामने खड़े भी नहीं हो सके।
लेकिन फिरौन का मन अभी भी कठोर था। उसने परमेश्वर की बात नहीं मानी, जैसा कि परमेश्वर ने पहले ही कहा था। परमेश्वर ने फिरौन के हृदय को कठोर कर दिया था, ताकि वह अपनी सामर्थ्य और महिमा को प्रकट कर सके।
इस तरह, परमेश्वर ने मिस्र पर एक के बाद एक विपत्तियाँ भेजीं, लेकिन फिरौन ने इस्त्राएलियों को जाने नहीं दिया। परमेश्वर की योजना पूरी होनी थी, और वह अपने लोगों को मिस्र की गुलामी से छुड़ाने के लिए तैयार था। उसकी महिमा और सामर्थ्य सभी को दिखाने के लिए, परमेश्वर ने यह सब किया। और इस तरह, इस्त्राएलियों की मुक्ति की कहानी आगे बढ़ती गई।