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ज़कर्याह का दर्शन: यरूशलेम की महिमा और परमेश्वर की योजना

ज़कर्याह 2 की कहानी को विस्तार से समझाते हुए एक लंबी और विस्तृत कथा लिखी जाएगी। यह कहानी नबी ज़कर्याह के दर्शन पर आधारित है, जिसमें परमेश्वर की योजना और उसकी प्रतिज्ञाओं का वर्णन किया गया है। यह कथा हिंदी में लिखी जाएगी और इसमें विवरणों को जीवंत बनाने का प्रयास किया जाएगा।

### ज़कर्याह का दर्शन: यरूशलेम की महिमा

एक दिन, जब ज़कर्याह परमेश्वर के वचन को सुनने और उसकी इच्छा को समझने के लिए प्रार्थना कर रहे थे, तब उन्हें एक अद्भुत दर्शन दिखाई दिया। उन्होंने देखा कि एक स्वर्गदूत उनके पास आया और उनसे बोला, “ज़कर्याह, उठो और यरूशलेम को देखो। परमेश्वर ने इस नगर के लिए एक महान योजना बनाई है।”

ज़कर्याह ने अपनी आँखें उठाईं और देखा कि यरूशलेम नगर बिना दीवारों के खड़ा है। उन्होंने सोचा, “यह नगर कैसे सुरक्षित रहेगा? शत्रु इसे आसानी से घेर सकते हैं।” तभी उन्होंने एक और स्वर्गदूत को देखा, जो एक मापने वाले डोरी के साथ खड़ा था। वह स्वर्गदूत यरूशलेम की लंबाई और चौड़ाई को मापने के लिए तैयार था।

ज़कर्याह ने उस स्वर्गदूत से पूछा, “तुम यरूशलेम को क्यों माप रहे हो? क्या यह नगर फिर से बसाया जाएगा?” स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “ज़कर्याह, यरूशलेम को मापने का उद्देश्य यह दिखाना है कि यह नगर इतना विशाल होगा कि इसे दीवारों से घेरा नहीं जा सकता। परमेश्वर स्वयं इस नगर की रक्षा करेगा और इसे महिमा से भर देगा।”

तभी एक और स्वर्गदूत आया और ज़कर्याह से बोला, “यरूशलेम के निवासियों को सुनाओ कि परमेश्वर उनके साथ है। वह उनकी रक्षा करेगा और उन्हें आशीष देगा। यरूशलेम न केवल एक नगर है, बल्कि यह परमेश्वर की उपस्थिति का स्थान है।”

ज़कर्याह ने स्वर्गदूत की बातों को ध्यान से सुना और उन्हें यरूशलेम के लोगों तक पहुँचाने का निश्चय किया। उन्होंने लोगों से कहा, “हे यरूशलेम के निवासियों, परमेश्वर तुम्हारे साथ है। वह तुम्हारी रक्षा करेगा और तुम्हें आशीष देगा। यरूशलेम को डरने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि परमेश्वर स्वयं इस नगर की दीवार है।”

ज़कर्याह ने आगे कहा, “परमेश्वर ने कहा है कि वह यरूशलेम को इतना विशाल और समृद्ध बनाएगा कि उसे दीवारों की आवश्यकता नहीं होगी। वह इस नगर में अपनी महिमा प्रकट करेगा और सभी राष्ट्र उसकी महानता को देखेंगे।”

इसके बाद, ज़कर्याह ने एक और दर्शन देखा। उन्होंने देखा कि परमेश्वर की महिमा यरूशलेम में उतर रही है। उन्होंने सुना कि परमेश्वर कह रहा है, “मैं यरूशलेम में वास करूँगा और यह नगर मेरी उपस्थिति से पवित्र होगा। मैं इस नगर को सभी राष्ट्रों के लिए एक प्रकाश बनाऊँगा।”

ज़कर्याह ने यह सब देखकर और सुनकर परमेश्वर की स्तुति की। उन्होंने कहा, “हे परमेश्वर, तू महान है और तेरी योजनाएँ अद्भुत हैं। तू यरूशलेम को महिमा से भर देगा और सभी राष्ट्र तेरे नाम की महिमा करेंगे।”

इस प्रकार, ज़कर्याह के दर्शन ने यरूशलेम के लोगों को आशा और सांत्वना दी। उन्होंने समझा कि परमेश्वर उनके साथ है और वह उन्हें सुरक्षा और आशीष प्रदान करेगा। यरूशलेम न केवल एक नगर था, बल्कि यह परमेश्वर की उपस्थिति का प्रतीक था, जो सभी राष्ट्रों के लिए एक प्रकाश बनने वाला था।

यह कहानी ज़कर्याह 2 के आधार पर लिखी गई है और इसमें परमेश्वर की योजना और उसकी प्रतिज्ञाओं को विस्तार से दर्शाया गया है। यह कथा हमें यह सिखाती है कि परमेश्वर हमारे साथ है और वह हमें सुरक्षा और आशीष प्रदान करता है।

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