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निनेवे का पतन: परमेश्वर के न्याय की कहानी

नाहूम 3 की कहानी को विस्तार से समझने के लिए, हम एक काल्पनिक नगर “निनेवे” की कहानी सुनाते हैं, जो अपने अहंकार और पापों के कारण परमेश्वर के न्याय का सामना करता है। यह कहानी नाहूम के संदेश पर आधारित है, जो परमेश्वर की न्यायप्रियता और उसकी दया के बीच के संतुलन को दर्शाती है।

निनेवे एक विशाल और शक्तिशाली नगर था, जो अपनी सैन्य शक्ति, धन-दौलत और व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। नगर की दीवारें इतनी मजबूत थीं कि उन्हें कोई भी शत्रु आसानी से नहीं तोड़ सकता था। नगर के बाजारों में दुनिया भर से आए हुए व्यापारी अपना माल बेचते थे, और सड़कों पर सोने-चांदी के सिक्कों की खनक सुनाई देती थी। लेकिन इस समृद्धि के पीछे एक काला सच छिपा हुआ था। निनेवे के लोगों ने परमेश्वर को भुला दिया था और अपने अहंकार में चूर हो गए थे। वे हिंसा, अन्याय और मूर्तिपूजा में लिप्त थे। उनके हाथों निर्दोषों का खून बहाया जाता था, और उनकी सड़कों पर पाप का बोलबाला था।

एक दिन, परमेश्वर ने नाहूम नामक एक भविष्यद्वक्ता को निनेवे के लोगों के पास भेजा। नाहूम ने नगर के चौराहों पर खड़े होकर ऊंचे स्वर में घोषणा की, “हे निनेवे के लोगो, तुम्हारे पापों ने स्वर्ग को भर दिया है। तुम्हारी हिंसा, तुम्हारे झूठ और तुम्हारे अत्याचारों ने परमेश्वर के क्रोध को भड़काया है। वह दिन निकट है जब तुम्हारे नगर पर न्याय आएगा। तुम्हारी दीवारें टूट जाएंगी, तुम्हारे दुर्ग ध्वस्त हो जाएंगे, और तुम्हारे शत्रु तुम्हें लूट लेंगे। तुम्हारी समृद्धि धूल में मिल जाएगी, और तुम्हारे लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें हवा में गूंजेंगी।”

निनेवे के लोगों ने नाहूम की बातों को हंसी में उड़ा दिया। वे कहने लगे, “हमारा नगर अजेय है। हमारे पास शक्तिशाली सेना है और हमारे दुर्ग अभेद्य हैं। कोई भी हमें हरा नहीं सकता।” लेकिन नाहूम ने उन्हें चेतावनी दी, “तुम्हारी शक्ति और तुम्हारे धन का कोई मोल नहीं है। परमेश्वर की आंखों के सामने तुम्हारे सभी कर्म खुले हैं। वह तुम्हारे पापों को क्षमा नहीं करेगा।”

कुछ समय बाद, परमेश्वर का न्याय निनेवे पर आ गया। एक शक्तिशाली सेना ने नगर को घेर लिया। निनेवे के लोगों ने अपने दुर्गों और दीवारों पर भरोसा किया, लेकिन वे उन्हें बचा नहीं पाए। परमेश्वर ने उनकी शक्ति को तोड़ दिया, और उनके दुर्ग धूल में मिल गए। नगर के बाजारों में आग लग गई, और सोने-चांदी के सिक्के राख में बदल गए। निनेवे के लोगों की चीखें हवा में गूंजने लगीं, लेकिन कोई उनकी सहायता के लिए नहीं आया।

नाहूम ने देखा कि निनेवे का अंत हो गया है। उसने कहा, “तुम्हारे पापों ने तुम्हें इस दिन तक पहुंचाया है। तुमने परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ा और उसकी दया को ठुकराया। अब तुम्हारे लिए कोई आशा नहीं है। तुम्हारा नगर उजड़ गया है, और तुम्हारे लोग बिखर गए हैं।”

निनेवे की कहानी हमें यह सिखाती है कि परमेश्वर न्यायी है और वह पाप को बर्दाश्त नहीं करता। उसकी दया महान है, लेकिन जो लोग उसकी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हैं, उन्हें उसके न्याय का सामना करना पड़ता है। हमें अपने जीवन में परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करना चाहिए और उसकी दया के लिए धन्यवाद देना चाहिए।

यह कहानी नाहूम 3 के संदेश को दर्शाती है, जो परमेश्वर के न्याय और उसकी पवित्रता पर जोर देता है। यह हमें याद दिलाती है कि हमें अपने जीवन में पाप से दूर रहना चाहिए और परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलना चाहिए।

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