पवित्र बाइबल

इस्राएल और यहूदा के राजाओं का पतन और यहोवा का क्रोध

2 राजाओं 15 की कहानी हिंदी में:

यहूदा के राजा उज्जिय्याह के शासनकाल के सत्ताईसवें वर्ष में, इस्राएल के राजा यरोबाम का पुत्र जकर्याह शोमरोन में राजा बना। उसने छह महीने तक शासन किया। वह यहोवा की दृष्टि में वही बुराई करता रहा जो उसके पूर्वजों ने की थी। उसने इस्राएल को पाप करने के लिए उकसाया, और उसने बाल की मूर्तियों की पूजा की, जिससे यहोवा का क्रोध भड़क उठा।

तब याबेस का पुत्र शल्लूम ने उसके विरुद्ध षड्यंत्र रचा और उसे शोमरोन में लोगों के सामने मार डाला। इस प्रकार जकर्याह की मृत्यु हो गई, और शल्लूम इस्राएल का राजा बन गया। यह यहोवा का वचन पूरा हुआ जो उसने यहू के घराने के बारे में कहा था कि उसके वंशज चौथी पीढ़ी तक इस्राएल के सिंहासन पर बैठेंगे।

शल्लूम ने केवल एक महीने तक शासन किया, क्योंकि गदी के पुत्र मनाहेम ने तिर्सा से आकर उस पर हमला किया और उसे मार डाला। मनाहेम ने शल्लूम को मारने के बाद राजा बन गया। उसने तिर्सा में रहने वाले सभी लोगों को बहुत क्रूरता से मार डाला, यहाँ तक कि गर्भवती स्त्रियों के पेट भी फाड़ डाले। यह इसलिए किया क्योंकि उन्होंने शल्लूम के लिए शहर के द्वार नहीं खोले थे।

मनाहेम ने दस साल तक शासन किया। वह यहोवा की दृष्टि में बुरा था और उसने इस्राएल को पाप करने के लिए उकसाया। उसने बाल की मूर्तियों की पूजा की और यहोवा के मार्ग से भटक गया। उसके दिनों में, अश्शूर का राजा पुल आया और मनाहेम ने उसे एक हज़ार तालेंट चाँदी दी ताकि वह उसका समर्थन करे और उसके राज्य को मजबूत करे। मनाहेम ने यह धन इस्राएल के धनी लोगों से वसूल किया, प्रत्येक से पचास शेकेल चाँदी लेकर। इस प्रकार अश्शूर का राजा वहाँ से चला गया और इस्राएल के देश में नहीं रुका।

मनाहेम की मृत्यु के बाद, उसका पुत्र पकह्याह राजा बना। उसने दो साल तक शासन किया, और वह भी यहोवा की दृष्टि में बुरा था। उसने इस्राएल को पाप करने के लिए उकसाया और बाल की मूर्तियों की पूजा की। तब उसके सेनापति, रमल्याह का पुत्र पेकह ने उसके विरुद्ध षड्यंत्र रचा और उसे शोमरोन में राजभवन के किले में मार डाला। पेकह ने पकह्याह को मारने के बाद राजा बन गया।

पेकह ने बीस साल तक शासन किया, और वह भी यहोवा की दृष्टि में बुरा था। उसने इस्राएल को पाप करने के लिए उकसाया और बाल की मूर्तियों की पूजा की। उसके दिनों में, अश्शूर का राजा तिगलतपिलेसेर आया और इस्राएल के कई शहरों पर कब्जा कर लिया। उसने गिलाद, गलील और नप्ताली के सारे प्रदेश ले लिए और उनके निवासियों को अश्शूर में बंदी बना कर ले गया।

इस्राएल के राजा पेकह के शासनकाल के बीसवें वर्ष में, यहूदा के राजा योताम का पुत्र आहाज राजा बना। आहाज ने सोलह साल तक शासन किया, और वह यहोवा की दृष्टि में बुरा था। उसने इस्राएल के राजाओं के मार्ग पर चलकर बाल की मूर्तियों की पूजा की और यहोवा के मार्ग से भटक गया। उसने अपने पुत्र को आग में होम करके दिया और टोनहों और मूर्तियों की पूजा की। इससे यहोवा का क्रोध भड़क उठा, और उसने यहूदा को उसके शत्रुओं के हाथ में सौंप दिया।

इस प्रकार, इस्राएल और यहूदा के राजाओं ने यहोवा की आज्ञाओं को तोड़ा और उसके मार्ग से भटक गए। उन्होंने मूर्तियों की पूजा की और यहोवा के प्रति विश्वासघात किया। यहोवा ने उन्हें दण्ड दिया, और उनके शत्रुओं ने उन पर आक्रमण किया। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने यहोवा की आज्ञाओं को नहीं माना और उसके मार्ग पर नहीं चले।

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