यिर्मयाह 31 की कहानी हमें इस्राएल और यहूदा के लोगों के साथ परमेश्वर के प्रेम और उनकी वाचा की गहराई को दर्शाती है। यह अध्याय परमेश्वर की दया, क्षमा, और उनके लोगों के साथ उनके अनंत प्रेम को प्रकट करता है। आइए, हम इस कहानी को विस्तार से समझें।
उस समय, यिर्मयाह नबी इस्राएल और यहूदा के लोगों को परमेश्वर का संदेश सुनाते थे। वे लोग बहुत पीड़ा और कठिनाइयों से गुजर रहे थे। उन्होंने परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ दिया था और उनके बजाय मूर्तियों की पूजा करने लगे थे। इस वजह से, परमेश्वर ने उन्हें दंड दिया और उन्हें बंधुआई में भेज दिया। लेकिन परमेश्वर का प्रेम उनके लिए समाप्त नहीं हुआ था। वह उन्हें फिर से अपने पास लाना चाहते थे।
यिर्मयाह ने परमेश्वर के वचन को सुनाया: “उन दिनों में, मैं इस्राएल के सभी घरानों का परमेश्वर बनूंगा, और वे मेरी प्रजा होंगे।” परमेश्वर ने कहा कि वह उन लोगों को जो बंधुआई में हैं, वापस लाएंगे। वह उन्हें उनके दुखों से छुटकारा दिलाएंगे और उन्हें फिर से अपनी प्रजा बनाएंगे। परमेश्वर ने कहा, “मैं उन्हें उत्तर देश से ले आऊंगा और पृथ्वी के छोर से इकट्ठा करूंगा। उनमें अंधे और लंगड़े, गर्भवती और प्रसूता स्त्रियां भी होंगी। वे एक बड़ी मंडली के रूप में यहां लौटेंगे।”
परमेश्वर ने यह भी कहा कि वह उनके आंसू पोंछ देंगे और उन्हें सांत्वना देंगे। वह उनके दुखों को दूर करेंगे और उन्हें नई आशा देंगे। परमेश्वर ने कहा, “मैं उन्हें सीधे मार्ग पर ले चलूंगा, जहां वे ठोकर नहीं खाएंगे। क्योंकि मैं इस्राएल का पिता हूं, और एप्रैम मेरा पहलौठा है।”
परमेश्वर ने यिर्मयाह से कहा कि वह एक नई वाचा स्थापित करेंगे। यह वाचा पहले की वाचा से अलग होगी। परमेश्वर ने कहा, “मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में डालूंगा और उसे उनके हृदय पर लिखूंगा। मैं उनका परमेश्वर बनूंगा, और वे मेरी प्रजा होंगे।” यह नई वाचा उनके पापों को क्षमा करेगी और उन्हें परमेश्वर के करीब लाएगी। परमेश्वर ने कहा कि वह उनके अधर्म को क्षमा करेंगे और उनके पापों को फिर कभी याद नहीं करेंगे।
यिर्मयाह ने परमेश्वर के वचन को सुनाया कि इस्राएल और यहूदा के लोग फिर से आनंद और उल्लास से भर जाएंगे। वे अपने खेतों में बोएंगे और फसल काटेंगे। उनके शहर फिर से बसेंगे, और उनके मंदिरों में प्रार्थना और स्तुति की आवाजें गूंजेंगी। परमेश्वर ने कहा, “मैं उनके दुख को आनंद में बदल दूंगा। मैं उन्हें सांत्वना दूंगा और उनके शोक को हर्ष में बदल दूंगा।”
यिर्मयाह ने यह भी कहा कि परमेश्वर की दया कभी समाप्त नहीं होगी। वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेंगे और उनकी रक्षा करेंगे। परमेश्वर ने कहा, “जैसे आकाश पृथ्वी से ऊंचा है, वैसे ही मेरी दया तुम पर बनी रहेगी। जैसे सूरज और चांद सदा बने रहते हैं, वैसे ही मेरी वाचा तुम्हारे साथ सदा बनी रहेगी।”
इस कहानी में, हम देखते हैं कि परमेश्वर का प्रेम और दया उनके लोगों के लिए अटूट है। चाहे वे कितने भी पापी क्यों न हों, परमेश्वर उन्हें क्षमा करने और उन्हें फिर से अपने पास लाने के लिए तैयार हैं। यिर्मयाह 31 हमें यह सिखाता है कि परमेश्वर की वाचा हमेशा बनी रहती है, और उनका प्रेम हमें कभी नहीं छोड़ता।