पवित्र बाइबल

यूहन्ना का संदेश: यीशु के साथ संगति और पापों की क्षमा

एक समय की बात है, जब प्रेरित यूहन्ना ने परमेश्वर के प्रेम और सच्चाई के बारे में एक गहरी शिक्षा दी। वह उन लोगों को संबोधित कर रहा था जो यीशु मसीह में विश्वास रखते थे और उनके साथ संगति में जीवन बिताना चाहते थे। यूहन्ना ने उन्हें एक पत्र लिखा, जो आज हमारे पास 1 यूहन्ना 1 के रूप में उपलब्ध है। यह पत्र न केवल उस समय के विश्वासियों के लिए, बल्कि आज के हमारे लिए भी एक मार्गदर्शक है।

यूहन्ना ने अपने पत्र की शुरुआत इन शब्दों से की: “जो आदि से था, जिसे हमने सुना, जिसे हमने अपनी आँखों से देखा, जिसे हमने ध्यान से देखा और जिसे हमारे हाथों ने छुआ, जो जीवन का वचन है… हम उसकी घोषणा करते हैं।” यूहन्ना यहाँ यीशु मसीह के बारे में बात कर रहा था, जो परमेश्वर का वचन है और जो मनुष्य के रूप में इस धरती पर आया। यूहन्ना ने यीशु को अपनी आँखों से देखा था, उसके साथ चला था, और उसके साथ समय बिताया था। यीशु का जीवन और उसकी शिक्षाएँ यूहन्ना के लिए एक जीवंत अनुभव थीं।

यूहन्ना ने आगे कहा, “जो हमने देखा और सुना है, उसे हम तुम्हें भी बताते हैं, ताकि तुम भी हमारे साथ संगति करो। और हमारी यह संगति पिता और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है।” यूहन्ना का यह संदेश स्पष्ट था: यीशु मसीह के साथ संगति करने का अर्थ है परमेश्वर के साथ संगति करना। यह संगति हमें आशीष, शांति और अनंत जीवन की ओर ले जाती है।

फिर यूहन्ना ने एक महत्वपूर्ण सत्य को सामने रखा: “यदि हम कहें कि हमारे पास पाप नहीं है, तो हम अपने आप को धोखा देते हैं, और सच्चाई हम में नहीं है।” यूहन्ना यहाँ पाप के बारे में बात कर रहा था। हर मनुष्य पापी है, और यह स्वीकार करना कि हम पापी हैं, परमेश्वर के साथ संगति की पहली सीढ़ी है। यदि हम अपने पापों को स्वीकार नहीं करते, तो हम परमेश्वर के साथ सच्ची संगति नहीं कर सकते।

लेकिन यूहन्ना ने आशा का संदेश भी दिया: “यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है।” यहाँ यूहन्ना परमेश्वर की क्षमा और अनुग्रह की बात कर रहा था। यीशु मसीह के बलिदान के माध्यम से, हमारे पापों की क्षमा संभव है। परमेश्वर हमें हमारे पापों से शुद्ध करता है और हमें नया जीवन देता है।

यूहन्ना ने आगे कहा, “यदि हम कहें कि हमने पाप नहीं किया है, तो हम उसे झूठा ठहराते हैं, और उसका वचन हम में नहीं है।” यह एक गंभीर चेतावनी थी। यदि हम अपने पापों को नहीं मानते, तो हम परमेश्वर के वचन को झूठा ठहराते हैं। परमेश्वर का वचन स्पष्ट है कि सभी ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं। लेकिन यीशु मसीह के माध्यम से, हमें क्षमा और नया जीवन मिलता है।

यूहन्ना का यह पत्र हमें यह याद दिलाता है कि यीशु मसीह के साथ संगति करने का अर्थ है सच्चाई और प्रकाश में चलना। यूहन्ना ने लिखा, “यदि हम प्रकाश में चलें, जैसे वह प्रकाश में है, तो हमारे पास एक दूसरे के साथ संगति है, और उसके पुत्र यीशु का लहू हमें सब पाप से शुद्ध करता है।” प्रकाश में चलने का अर्थ है सच्चाई और पवित्रता में जीवन बिताना। यह एक ऐसा जीवन है जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलता है और उसकी महिमा को प्रतिबिंबित करता है।

यूहन्ना का संदेश स्पष्ट और शक्तिशाली था: यीशु मसीह के साथ संगति करो, अपने पापों को मानो, और परमेश्वर की क्षमा और अनुग्रह का अनुभव करो। यह संदेश आज भी हमारे लिए प्रासंगिक है। यीशु मसीह के माध्यम से, हम परमेश्वर के साथ संगति कर सकते हैं और अनंत जीवन पा सकते हैं।

इस प्रकार, यूहन्ना का पत्र हमें यह याद दिलाता है कि यीशु मसीह हमारे जीवन का केंद्र होना चाहिए। उसके साथ संगति करने से हमें सच्चा आनंद और शांति मिलती है। यह संगति हमें पाप से मुक्ति दिलाती है और हमें परमेश्वर के प्रेम और अनुग्रह में स्थिर रखती है। यूहन्ना का संदेश हमें यह प्रोत्साहित करता है कि हम सच्चाई और प्रकाश में चलें, और यीशु मसीह के माध्यम से परमेश्वर के साथ गहरी संगति बनाए रखें।

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