यहेजकेल 17 की कहानी एक गहरी और प्रतीकात्मक कथा है, जो परमेश्वर के संदेश और उनकी योजना को दर्शाती है। यह कहानी दो बड़े ईगलों, एक दाखलता, और एक राजा के बारे में है, जो परमेश्वर के लोगों के साथ उनके संबंधों को प्रकट करती है। आइए, इस कहानी को विस्तार से समझते हैं।
एक समय की बात है, जब परमेश्वर ने यहेजकेल नबी को एक दृष्टि दिखाई। उस दृष्टि में, यहेजकेल ने देखा कि एक विशाल और शक्तिशाली ईगल लबानोन के पहाड़ों पर उड़ रहा है। यह ईगल बहुत ही सुंदर और ताकतवर था, जिसके पंख चौड़े और रंग-बिरंगे थे। वह ईगल देवदार के पेड़ के शिखर पर आकर बैठ गया और उसने उस पेड़ की सबसे ऊँची टहनी को तोड़ दिया। फिर उसने उस टहनी को व्यापारियों के देश में ले जाकर एक व्यापारिक नगर में रोप दिया।
यह ईगल बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर का प्रतीक था। देवदार के पेड़ की टहनी यहूदा के राजा यहोयाकीन को दर्शाती है, जिसे नबूकदनेस्सर ने बंदी बनाकर बाबुल ले जाया गया था। यहूदा के लोगों को भी बाबुल में निर्वासित कर दिया गया था, जैसे कि टहनी को दूसरे देश में ले जाया गया।
फिर यहेजकेल ने देखा कि दूसरा ईगल आया, जो पहले ईगल से कम शक्तिशाली था, लेकिन उसने भी अपने पंख फैलाए और उस दाखलता की ओर उड़ा, जो पहले ईगल द्वारा रोपी गई थी। यह दूसरा ईगल मिस्र के राजा को दर्शाता है, जो यहूदा के लोगों को बाबुल के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसा रहा था। दाखलता यहूदा के नए राजा सिदकिय्याह को दर्शाती है, जो बाबुल के साथ वफादार रहने के बजाय मिस्र की ओर झुक गया।
परमेश्वर ने यहेजकेल को समझाया कि यह दृष्टि उनके लोगों के साथ उनके संबंधों को दर्शाती है। पहला ईगल, यानी बाबुल, परमेश्वर के हाथ में एक उपकरण था, जिसके द्वारा उन्होंने यहूदा को दंडित किया क्योंकि उन्होंने परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ा था। लेकिन यहूदा के लोगों ने परमेश्वर की योजना को नहीं समझा और मिस्र की ओर देखने लगे, जो उनके लिए एक झूठी आशा थी।
परमेश्वर ने चेतावनी दी कि यदि यहूदा के लोग बाबुल के साथ वफादार नहीं रहेंगे और मिस्र की ओर झुकेंगे, तो उन्हें और भीषण दंड भुगतना पड़ेगा। उनकी दाखलता, यानी उनका राज्य, जड़ से उखड़ जाएगा और वे फिर से निर्वासित हो जाएंगे। परमेश्वर ने कहा कि वे अपने वचन के प्रति सच्चे हैं और जो उनकी आज्ञा मानेंगे, उन्हें वे आशीष देंगे, लेकिन जो उनकी अवज्ञा करेंगे, उन्हें दंड मिलेगा।
यहेजकेल की यह दृष्टि हमें सिखाती है कि परमेश्वर की योजना हमेशा सही होती है, भले ही वह हमें समझ में न आए। हमें उन पर भरोसा रखना चाहिए और उनकी आज्ञाओं का पालन करना चाहिए। जो लोग परमेश्वर की ओर देखते हैं और उनके मार्ग पर चलते हैं, वे हमेशा सुरक्षित और आशीषित रहते हैं। लेकिन जो लोग झूठी आशाओं और मनुष्यों की शक्ति पर भरोसा करते हैं, वे अंत में निराश और हारे हुए होते हैं।
इस कहानी के माध्यम से, परमेश्वर हमें यह संदेश देते हैं कि हमें उन पर पूरा भरोसा रखना चाहिए और उनकी योजना को समझने की कोशिश करनी चाहिए। वे हमारे जीवन के हर पल में हमारे साथ हैं और हमें सही मार्ग दिखाते हैं। हमें केवल उनकी आवाज सुननी है और उनके मार्ग पर चलना है।