दानिय्येल 12 की कहानी एक गहरी और रहस्यमयी घटना को दर्शाती है, जो परमेश्वर के अंतिम समय की योजनाओं और उसकी महिमा को प्रकट करती है। यह कहानी दानिय्येल नबी के अंतिम दर्शन का हिस्सा है, जिसमें उसे स्वर्गदूतों के माध्यम से परमेश्वर की महान योजनाओं के बारे में ज्ञान दिया जाता है। यह घटना उस समय की है जब दानिय्येल बाबुल की बंधुआई में था और परमेश्वर के वचनों को सुनने और समझने के लिए तैयार था।
एक दिन, जब दानिय्येल प्रार्थना कर रहा था, उसने देखा कि आकाश खुल गया और दो स्वर्गदूत उसके सामने प्रकट हुए। उनमें से एक नदी के इस पार खड़ा था, और दूसरा नदी के उस पार। उनके वस्त्र चमकदार और शुद्ध सफेद थे, जैसे कि वे स्वर्ग की महिमा से ओत-प्रोत हों। उनके चेहरे तेज से भरे हुए थे, और उनकी आँखें आग की लपटों की तरह चमक रही थीं। दानिय्येल को यह दृश्य देखकर बहुत भय लगा, क्योंकि वह जानता था कि यह कोई साधारण घटना नहीं है।
तब एक स्वर्गदूत ने दानिय्येल से कहा, “हे दानिय्येल, परमेश्वर के प्रिय सेवक, तू धैर्य रख और इन बातों को समझ। क्योंकि ये बातें अंत के दिनों के लिए हैं। तेरे लोगों के लिए एक महान संकट का समय आने वाला है, परन्तु जो लोग परमेश्वर के वचन पर दृढ़ रहेंगे, वे बचाए जाएंगे।”
दानिय्येल ने स्वर्गदूत से पूछा, “हे प्रभु, ये बातें कब पूरी होंगी? और इन चीजों का अंत क्या होगा?”
स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “हे दानिय्येल, ये बातें गुप्त हैं और अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। परन्तु जब अधर्म अपने चरम पर पहुँचेगा, तब परमेश्वर की सामर्थ्य प्रकट होगी। उस समय, मीकाएल, जो तेरे लोगों का महान स्वर्गदूत है, खड़ा होगा और उनकी रक्षा करेगा। यह एक ऐसा समय होगा जैसा पहले कभी नहीं हुआ। परन्तु जो लोग परमेश्वर के नाम पर दृढ़ रहेंगे, वे बचाए जाएंगे।”
स्वर्गदूत ने आगे कहा, “उस समय, बहुत से लोग जो धूल में सोए हुए हैं, जाग उठेंगे। कुछ अनन्त जीवन के लिए जागेंगे, और कुछ लोगों को शर्म और अनन्त घृणा का सामना करना पड़ेगा। जो बुद्धिमान हैं, वे आकाश की चमक की तरह चमकेंगे, और जो बहुतों को धर्म की ओर मोड़ते हैं, वे सदा के लिए तारों की तरह चमकेंगे।”
दानिय्येल ने फिर पूछा, “हे मेरे प्रभु, ये बातें कब पूरी होंगी?”
स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “हे दानिय्येल, ये बातें एक समय, दो समय और आधे समय तक चलेंगी। जब पवित्र लोगों का बल टूट जाएगा, तब ये सब बातें पूरी होंगी।”
दानिय्येल ने यह सब सुनकर अपने हृदय में गहराई से विचार किया, परन्तु वह इन बातों को पूरी तरह समझ नहीं पाया। उसने स्वर्गदूत से पूछा, “हे मेरे प्रभु, इन बातों का अंत क्या होगा?”
स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, “हे दानिय्येल, तू अपने मार्ग पर चलता रह, क्योंकि ये बातें अंत के दिनों तक बंद और मुहरबंद रहेंगी। बहुत से लोग शुद्ध किए जाएंगे और परखे जाएंगे, परन्तु दुष्ट लोग दुष्टता करते रहेंगे। कोई भी दुष्ट इन बातों को नहीं समझेगा, परन्तु जो बुद्धिमान हैं, वे समझेंगे।”
स्वर्गदूत ने आगे कहा, “जब वह समय आएगा, तब नित्य बलिदान बंद कर दिया जाएगा और उस स्थान पर घृणित वस्तु स्थापित की जाएगी। जो लोग इसका विरोध करेंगे, उन्हें बहुत कष्ट सहना पड़ेगा। परन्तु जो लोग परमेश्वर के वचन पर दृढ़ रहेंगे, वे बचाए जाएंगे।”
अंत में, स्वर्गदूत ने दानिय्येल से कहा, “हे दानिय्येल, तू इन बातों को अपने हृदय में छिपा ले और इस पुस्तक को बंद कर दे, क्योंकि ये बातें अंत के दिनों तक गुप्त रहेंगी। बहुत से लोग इधर-उधर भटकेंगे, और ज्ञान बढ़ेगा।”
दानिय्येल ने यह सब सुनकर अपने हृदय में शांति पाई, क्योंकि वह जानता था कि परमेश्वर की योजनाएं सही और सच्ची हैं। वह समझ गया कि अंत के दिनों में परमेश्वर की महिमा प्रकट होगी और उसके लोगों को बचाया जाएगा। दानिय्येल ने स्वर्गदूत को धन्यवाद दिया और अपने हृदय में इन बातों को संजोकर रखा।
इस प्रकार, दानिय्येल 12 की कहानी हमें यह सिखाती है कि परमेश्वर की योजनाएं हमेशा सही होती हैं और उसका वचन सच्चा है। हमें उस पर विश्वास रखना चाहिए और उसकी महिमा के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि अंत के दिनों में उसकी सामर्थ्य प्रकट होगी और उसके लोगों को बचाया जाएगा।