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परमेश्वर की महिमा: यशायाह 45 की प्रेरणादायक कहानी

यशायाह 45 की कहानी हिंदी में:

यह कहानी उस समय की है जब परमेश्वर ने अपने भविष्यवक्ता यशायाह के माध्यम से अपने लोगों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। यशायाह 45 में परमेश्वर ने अपनी सर्वशक्तिमानता और अपने चुने हुए सेवक, कुरुश (सायरस) के बारे में बताया। यह कहानी परमेश्वर की महिमा और उसके नियंत्रण को दर्शाती है।

उस समय, बाबुल का साम्राज्य पूरी दुनिया पर छाया हुआ था। बाबुल के लोग मूर्तियों की पूजा करते थे और परमेश्वर के नियमों को तोड़ते थे। इस्राएल के लोग बाबुल की गुलामी में थे, और उन्हें लग रहा था कि परमेश्वर ने उन्हें भुला दिया है। लेकिन परमेश्वर ने यशायाह के माध्यम से एक आश्चर्यजनक भविष्यवाणी की।

यशायाह ने परमेश्वर के वचन को सुनाया: “मैं यहोवा हूँ, और कोई दूसरा नहीं है। मैंने तुम्हें ज्योति में रखा है, तुम्हें अंधकार से बाहर निकाला है। मैंने तुम्हें धर्मी ठहराया है, और तुम्हें बचाया है। मैं ही परमेश्वर हूँ, और मेरे सिवा कोई उद्धारकर्ता नहीं है।”

परमेश्वर ने यशायाह से कहा कि वह कुरुश नामक एक राजा को चुनेगा, जो बाबुल के खिलाफ युद्ध करेगा और इस्राएल के लोगों को गुलामी से मुक्त करेगा। यह बात अद्भुत थी क्योंकि कुरुश एक गैर-यहूदी राजा था, और वह परमेश्वर को नहीं जानता था। फिर भी, परमेश्वर ने उसे अपने उद्देश्य के लिए चुना।

यशायाह ने परमेश्वर के वचन को लोगों तक पहुँचाया: “मैं कुरुश को धर्मी ठहराऊँगा, और उसके हाथों को मजबूत करूँगा। वह मेरे लोगों को बाबुल की गुलामी से मुक्त करेगा। मैं उसके आगे-आगे चलूँगा और उसके रास्ते को सीधा करूँगा। वह मेरे नगर यरूशलेम को फिर से बसाएगा और मेरे मंदिर की नींव रखेगा।”

परमेश्वर ने यह भी कहा कि वह अपने लोगों को यह दिखाना चाहता है कि वही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है। उसने कहा, “मैंने पृथ्वी को बनाया है, और उस पर मनुष्य को रचा है। मैंने आकाश को फैलाया है, और उसमें तारों को सजाया है। मैं ही यहोवा हूँ, और मेरे सिवा कोई दूसरा नहीं है। मैंने कुरुश को चुना है, ताकि सब जानें कि मैं ही सर्वशक्तिमान हूँ।”

यशायाह ने लोगों को समझाया कि परमेश्वर का यह कार्य उसकी महिमा को प्रकट करने के लिए है। उसने कहा, “परमेश्वर ने कुरुश को चुना है, ताकि सब जानें कि वही सच्चा परमेश्वर है। वही पृथ्वी और आकाश का निर्माता है। वही अपने लोगों को बचाने के लिए काम करता है।”

कुछ समय बाद, कुरुश ने बाबुल पर आक्रमण किया और उसे पराजित किया। उसने इस्राएल के लोगों को आजाद कर दिया और उन्हें यरूशलेम लौटने की अनुमति दी। परमेश्वर की भविष्यवाणी सच हुई, और उसने अपने लोगों को दिखाया कि वही सर्वशक्तिमान है।

यशायाह 45 की कहानी हमें यह सिखाती है कि परमेश्वर ही सृष्टि का नियंत्रक है। वह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किसी को भी चुन सकता है, चाहे वह उसके लोगों में से हो या नहीं। परमेश्वर की योजनाएँ अद्भुत हैं, और वह हमेशा अपने वचन को पूरा करता है। हमें उस पर भरोसा रखना चाहिए और उसकी महिमा को मानना चाहिए।

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