पवित्र बाइबल

यहेजकेल का संदेश: व्यक्तिगत कर्म और यहोवा का न्याय

एक दिन, यहोवा का वचन यहेजकेल नबी के पास आया। वह बाबुल की नदी के किनारे बैठे थे, जहाँ वे अपने लोगों के बीच में थे। यहोवा ने यहेजकेल से कहा, “हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के लोगों से कहो कि वे मेरे वचनों को सुनें। वे कहते हैं कि उनके पूर्वजों ने पाप किया है, और उन्हें उसका दण्ड भुगतना पड़ रहा है। परन्तु मैं तुमसे कहता हूँ कि हर एक व्यक्ति अपने ही पापों के लिए जिम्मेदार है।”

यहेजकेल ने यहोवा के वचनों को सुनकर उन्हें इस्राएल के लोगों को सुनाने का निश्चय किया। उन्होंने कहा, “हे इस्राएल के लोगों, यहोवा तुमसे कहता है कि तुम्हारे पूर्वजों के पापों के कारण तुम्हें दण्ड नहीं मिलेगा। हर एक व्यक्ति अपने ही कर्मों के अनुसार जीवित रहेगा या मर जाएगा।”

फिर यहेजकेल ने एक कहानी सुनाई, “मान लो कि एक धर्मी पुरुष है जो यहोवा की आज्ञाओं का पालन करता है। वह मूर्तियों की पूजा नहीं करता, न ही वह पराये देवताओं के सामने झुकता है। वह किसी का हक नहीं मारता, न ही वह ब्याज लेता है। वह गरीबों की मदद करता है और न्याय से चलता है। यह व्यक्ति निश्चित रूप से जीवित रहेगा, यहोवा की यह वाणी है।”

“परन्तु,” यहेजकेल ने आगे कहा, “यदि इस धर्मी पुरुष का पुत्र अपने पिता के मार्ग से भटक जाए और पाप करने लगे, तो क्या होगा? यदि वह मूर्तियों की पूजा करे, हत्या करे, और अन्याय से धन इकट्ठा करे, तो क्या वह जीवित रहेगा? नहीं, वह मर जाएगा, क्योंकि उसने पाप किया है।”

यहेजकेल ने फिर कहा, “अब मान लो कि इस पापी पुत्र का पुत्र अपने पिता के पापों को देखकर सचेत हो जाए और यहोवा की आज्ञाओं का पालन करने लगे। वह मूर्तियों की पूजा न करे, न ही हत्या करे, बल्कि न्याय और धर्म के मार्ग पर चले। क्या वह जीवित रहेगा? हाँ, वह जीवित रहेगा, क्योंकि उसने पश्चाताप किया और यहोवा के मार्ग पर चलने लगा।”

यहेजकेल ने इस्राएल के लोगों को समझाया, “यहोवा कहता है कि हर एक व्यक्ति अपने ही कर्मों के अनुसार जीवित रहेगा या मर जाएगा। यदि कोई पापी पश्चाताप करे और यहोवा की आज्ञाओं का पालन करे, तो वह जीवित रहेगा। परन्तु यदि कोई धर्मी व्यक्ति पाप करने लगे, तो वह मर जाएगा।”

यहेजकेल ने यहोवा के वचनों को पूरी तरह से समझाया और कहा, “हे इस्राएल के लोगों, तुम्हें यह समझना चाहिए कि यहोवा न्यायी है। वह चाहता है कि तुम पश्चाताप करो और उसके मार्ग पर चलो। यदि तुम ऐसा करोगे, तो तुम जीवित रहोगे। परन्तु यदि तुम पाप में बने रहोगे, तो तुम्हारा अंत निश्चित है।”

इस प्रकार, यहेजकेल ने इस्राएल के लोगों को यहोवा के न्याय और दया के बारे में समझाया। उन्होंने लोगों को यह सिखाया कि हर एक व्यक्ति अपने ही कर्मों के अनुसार जीवित रहेगा या मर जाएगा, और यह कि यहोवा चाहता है कि सभी पश्चाताप करें और उसके मार्ग पर चलें।

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