पवित्र बाइबल

कुलुस्से के विश्वासियों को पौलुस का प्रेरणादायक पत्र

कुलुस्सियों 1 के आधार पर एक विस्तृत कहानी:

एक बार की बात है, जब प्रेरित पौलुस ने कुलुस्से की मण्डली के लिए एक पत्र लिखा। यह पत्र उनके विश्वास, प्रेम, और मसीह में उनकी आशा को मजबूत करने के लिए था। पौलुस ने इस पत्र को अपने सहयोगी तिमुथियुस के साथ मिलकर लिखा था, और यह पत्र उनके हृदय से निकले शब्दों से भरा हुआ था।

पौलुस ने पत्र की शुरुआत इस तरह की: “परमेश्वर के इच्छा से मसीह यीशु के प्रेरित पौलुस और भाई तिमुथियुस की ओर से कुलुस्से में रहने वाले पवित्र और विश्वासयोग्य भाइयों को, जो मसीह में हैं। हमारे पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह से तुम्हें अनुग्रह और शांति मिलती रहे।”

पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने मसीह यीशु पर विश्वास किया है और सभी पवित्र लोगों से प्रेम रखते हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्वास और प्रेम स्वर्गीय आशा से उत्पन्न हुआ है, जो सुसमाचार के सत्य के कारण उनके हृदय में बसा हुआ है। यह सुसमाचार सारे संसार में फैल रहा है और फल ला रहा है, जैसे कुलुस्से में भी फल लाया है।

पौलुस ने उन्हें याद दिलाया कि यह सुसमाचार उन्हें एपफ्रास ने सुनाया था, जो उनका प्रिय सहकर्मी और मसीह का विश्वासयोग्य सेवक था। एपफ्रास ने उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह के सत्य के बारे में सिखाया था।

फिर पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों के लिए प्रार्थना करना शुरू किया। उन्होंने कहा, “हम निरंतर तुम्हारे लिए प्रार्थना करते हैं और परमेश्वर से यह माँगते हैं कि तुम उसकी इच्छा को पूरी तरह से समझो और सभी आत्मिक ज्ञान और बुद्धि से परिपूर्ण हो जाओ।” उन्होंने कहा कि यह ज्ञान और बुद्धि उन्हें परमेश्वर के योग्य चलने और उसे प्रसन्न करने के लिए आवश्यक है। वे हर अच्छे काम में फलवन्त हों और परमेश्वर की महिमा के लिए बढ़ते रहें।

पौलुस ने उन्हें यह भी याद दिलाया कि परमेश्वर ने उन्हें अंधकार के अधिकार से छुड़ाकर अपने प्रिय पुत्र के राज्य में प्रवेश कराया है। उन्होंने कहा, “उसी में हमें छुटकारा मिला है, अर्थात पापों की क्षमा।”

फिर पौलुस ने मसीह की महिमा और उसकी सर्वोच्चता के बारे में बताना शुरू किया। उन्होंने कहा, “वह अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप है, सभी सृष्टि में पहलौठा है। क्योंकि उसी में सभी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की और पृथ्वी की, दृश्य और अदृश्य, चाहे वे सिंहासन हों, प्रभुत्व हों, प्रधानताएँ हों, या अधिकार हों। सभी वस्तुएँ उसी के द्वारा और उसी के लिए सृजी गई हैं।”

पौलुस ने कहा कि मसीह सभी वस्तुओं से पहले है, और सभी वस्तुएँ उसी में स्थिर रहती हैं। वह मण्डली का सिर है, और वही सबसे पहले मरे हुओं में से जी उठा, ताकि सभी बातों में वह प्रधान हो।

पौलुस ने यह भी बताया कि परमेश्वर ने अपनी सारी परिपूर्णता को मसीह में बसाया है, और उसी के द्वारा सभी वस्तुओं का उसके साथ मेल मिलाप कराना चाहता है, चाहे वे पृथ्वी पर हों या स्वर्ग में, उसके क्रूस पर बहाए गए लहू के द्वारा शांति स्थापित करके।

पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों को यह याद दिलाया कि वे एक समय परमेश्वर से अलग थे और उसके शत्रु थे, लेकिन अब मसीह के शरीर के द्वारा उनका मेल मिलाप हो गया है। उन्होंने कहा, “परमेश्वर ने तुम्हें अपने सामने पवित्र, निर्दोष और निर्भर्य बनाने के लिए मसीह की मृत्यु के द्वारा तुम्हारा मेल मिलाप कर दिया है।”

पौलुस ने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे इस सत्य में दृढ़ बने रहें और अपने विश्वास से डगमगाएँ नहीं। उन्होंने कहा कि यह सुसमाचार उन्हें सुनाया गया है और यह सारे संसार में प्रचारित हो रहा है, और वे भी इसके सेवक बन गए हैं।

पौलुस ने अपने कष्टों के बारे में भी बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि वे इन कष्टों को मसीह के शरीर, अर्थात मण्डली के लिए सहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपने शरीर में उन कष्टों को पूरा कर रहा हूँ जो मसीह के दुखों के लिए बाकी हैं, उसके शरीर के लिए, जो मण्डली है।”

इस तरह, पौलुस ने कुलुस्से के विश्वासियों को मसीह की महिमा, उसकी सर्वोच्चता, और उनके लिए परमेश्वर की योजना के बारे में सिखाया। उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे अपने विश्वास में दृढ़ बने रहें और मसीह में अपनी आशा को कभी न छोड़ें। यह पत्र कुलुस्से के विश्वासियों के लिए एक प्रेरणा और प्रोत्साहन का स्रोत बन गया, और यह आज भी हमारे लिए मार्गदर्शन और प्रोत्साहन का स्रोत है।

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