पवित्र बाइबल

मलिकिसिदक और यीशु का अनन्त याजकत्व

यहूदियों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण समय था जब मसीही विश्वास की नींव रखी जा रही थी। इब्रानियों की पत्री के सातवें अध्याय में, एक गहरी और आध्यात्मिक सच्चाई को उजागर किया गया है। यह कहानी मलिकिसिदक के महायाजकत्व और यीशु मसीह के अनन्त याजकत्व के बीच के संबंध को दर्शाती है। यह एक ऐसी कहानी है जो न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी गहन अर्थ रखती है।

प्राचीन काल में, जब अब्राहम अपने भतीजे लूत को बचाने के लिए युद्ध से लौट रहे थे, तब उनकी मुलाकात एक रहस्यमय व्यक्ति से हुई। यह व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि मलिकिसिदक था। वह शालेम का राजा और परमप्रधान परमेश्वर का याजक था। उसका नाम “धर्मराज” के रूप में जाना जाता था, और वह शांति का राजा भी था। मलिकिसिदक ने अब्राहम को आशीर्वाद दिया, और अब्राहम ने उसे अपनी लूट का दसवां भाग दिया। यह घटना इस बात का प्रतीक थी कि मलिकिसिदक का स्थान अब्राहम से भी ऊंचा था।

मलिकिसिदक का याजकत्व अद्वितीय था। उसका कोई पिता या माता नहीं था, न ही उसका कोई वंशावली थी। वह न तो किसी याजकीय वंश से आया था और न ही उसकी मृत्यु का कोई उल्लेख था। इस प्रकार, वह अनन्त याजक के रूप में प्रकट हुआ। उसका याजकत्व लेवी के वंश के याजकों से भिन्न था, जो मूसा की व्यवस्था के अनुसार सेवा करते थे। लेवी के वंश के याजक मनुष्यों की कमजोरियों के कारण बार-बार बलिदान चढ़ाते थे, लेकिन मलिकिसिदक का याजकत्व पूर्ण और अनन्त था।

यीशु मसीह, जो दाऊद के वंश से आए, उनका याजकत्व भी मलिकिसिदक के समान है। यीशु ने किसी मानवीय व्यवस्था के अनुसार याजक नहीं बनाया, बल्कि उनका याजकत्व परमेश्वर की शक्ति के द्वारा स्थापित हुआ। वह पापरहित थे और उन्होंने एक ही बलिदान के द्वारा हमारे पापों के लिए सदैव के लिए प्रायश्चित किया। यीशु का याजकत्व मलिकिसिदक के समान अनन्त है, और वह हमारे लिए सदैव परमेश्वर के सामने खड़े रहते हैं।

इब्रानियों की पत्री में यह स्पष्ट किया गया है कि यीशु मसीह का याजकत्व पुराने नियम के याजकों से श्रेष्ठ है। लेवी के वंश के याजक मनुष्य थे और उनकी सेवा अस्थायी थी, लेकिन यीशु का याजकत्व अनन्त है। वह हमारे लिए एक सिद्ध मध्यस्थ हैं, जो हमें परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप कराते हैं। यीशु ने एक ही बलिदान के द्वारा हमारे पापों को धो दिया है, और अब हमें बार-बार बलिदान चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है।

इस कहानी का सार यह है कि यीशु मसीह हमारे महायाजक हैं, जो मलिकिसिदक के समान अनन्त और पूर्ण हैं। उनका याजकत्व हमें आशा और विश्वास देता है कि हम परमेश्वर के साथ सदैव जुड़े रह सकते हैं। यीशु ने हमारे लिए मार्ग प्रशस्त किया है, और अब हम उनके द्वारा परमेश्वर के सामने बिना किसी डर के आ सकते हैं।

इस प्रकार, इब्रानियों के सातवें अध्याय की यह कहानी हमें यीशु मसीह के अनन्त याजकत्व की महिमा और महत्व को समझाती है। यह हमें याद दिलाती है कि हमारा उद्धार केवल यीशु के द्वारा ही संभव है, और वह हमारे लिए सदैव प्रार्थना करते हैं। यह एक ऐसी सच्चाई है जो हमारे विश्वास को मजबूत करती है और हमें परमेश्वर के करीब लाती है।

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