पवित्र बाइबल

धनी युवक और यीशु की प्रेरणादायक मुलाकात

यह कहानी मत्ती 19 के आधार पर है, जो यीशु मसीह के जीवन और शिक्षाओं का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह कहानी विस्तार से और विवरणों के साथ बताई गई है, जो हिंदी बाइबिल की शैली में लिखी गई है।

### यीशु और धनी युवक की मुलाकात

उस समय यीशु गलील से यरदन नदी के पार यहूदिया के इलाके में आए। वहाँ उनके पास बड़ी भीड़ इकट्ठी हो गई, और वह उन्हें सिखाने लगे। उनकी शिक्षाओं में परमेश्वर के राज्य, पश्चाताप, और प्रेम की बातें शामिल थीं। लोग उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे थे, क्योंकि उनके शब्दों में अधिकार और सच्चाई थी।

तभी एक धनी युवक वहाँ आया। वह बहुत ही संपन्न था, और उसके कपड़े महंगे और सुंदर थे। उसने यीशु के पास आकर उन्हें प्रणाम किया और पूछा, “हे गुरु, मैं अनन्त जीवन पाने के लिए क्या करूँ? मैं कौन सा अच्छा काम करूँ?”

यीशु ने उसकी ओर देखा और उसके हृदय की गहराई को समझा। वह जानते थे कि यह युवक धन और संपत्ति से बंधा हुआ है। यीशु ने उत्तर दिया, “तुम मुझसे अच्छे के बारे में क्यों पूछते हो? केवल एक ही अच्छा है, और वह है परमेश्वर। यदि तुम अनन्त जीवन में प्रवेश करना चाहते हो, तो आज्ञाओं का पालन करो।”

युवक ने पूछा, “कौन सी आज्ञाएँ?” यीशु ने कहा, “हत्या मत करो, व्यभिचार मत करो, चोरी मत करो, झूठी गवाही मत दो, अपने माता-पिता का आदर करो, और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करो।”

युवक ने गर्व से कहा, “गुरु, मैंने इन सभी आज्ञाओं का पालन किया है। मैं बचपन से ही इनका पालन करता आया हूँ। मुझमें क्या कमी है?”

यीशु ने उसे प्रेम भरी नज़रों से देखा और कहा, “यदि तुम सिद्ध होना चाहते हो, तो जाओ, अपनी सारी संपत्ति बेचकर गरीबों को दे दो, और तुम्हें स्वर्ग में धन मिलेगा। फिर आकर मेरे पीछे हो ले।”

यह सुनकर युवक का चेहरा उतर गया। वह बहुत दुखी हुआ, क्योंकि उसके पास बहुत सारी संपत्ति थी। वह चुपचाप वहाँ से चला गया, क्योंकि वह अपनी धन-दौलत को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था।

यीशु ने अपने शिष्यों की ओर देखा और कहा, “मैं तुमसे सच कहता हूँ कि धनी व्यक्ति का परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कठिन है। यह उतना ही कठिन है जितना कि एक ऊँट का सूई के नाके में से निकलना।”

यह सुनकर शिष्य अचंभित हो गए और पूछने लगे, “तो फिर किसका उद्धार हो सकता है?”

यीशु ने उन्हें देखकर कहा, “मनुष्यों के लिए तो यह असंभव है, परन्तु परमेश्वर के लिए सब कुछ संभव है।”

तब पतरस ने कहा, “देखो, हमने सब कुछ छोड़ दिया है और तेरे पीछे हो लिए हैं। हमें क्या मिलेगा?”

यीशु ने उत्तर दिया, “मैं तुमसे सच कहता हूँ कि जब सब कुछ नया होगा, और मनुष्य का पुत्र अपने महिमा के सिंहासन पर बैठेगा, तो तुम भी, जो मेरे पीछे हो लिए हो, बारह सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करोगे। और हर एक जिसने मेरे नाम के लिए घर, भाइयों, बहनों, पिता, माता, बच्चे, या खेत छोड़े हैं, वह सौ गुना पाएगा और अनन्त जीवन का वारिस होगा। परन्तु बहुत से जो पहले हैं, वे अंतिम होंगे, और अंतिम पहले होंगे।”

यह कहानी यीशु की शिक्षाओं और उनके प्रेम को दर्शाती है। यह हमें यह सीख देती है कि परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करने के लिए हमें अपने मन और हृदय को पूरी तरह से उसके प्रति समर्पित करना होगा। धन और संपत्ति हमें परमेश्वर से दूर कर सकते हैं, लेकिन सच्चा प्रेम और आज्ञाकारिता हमें उसके करीब लाते हैं।

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