महीना: मार्च 2025

मूसा और परमेश्वर की महिमा का दर्शन

एक दिन, मूसा ने परमेश्वर से बात की और कहा, “हे प्रभु, तूने मुझे इस्राएलियों को मिस्र से निकालकर वादा किए हुए देश की ओर ले जाने का आदेश दिया है। परन्तु, हे प्रभु, मैं तेरे बिना इस यात्रा को…

मिस्र में याकूब का परिवार और इस्राएलियों का संघर्ष

मिस्र में याकूब के परिवार का आगमन और उनकी वृद्धि (निर्गमन 1) यह कहानी उस समय की है जब याकूब और उसके बारह पुत्र, जो इस्राएल के बारह गोत्रों के पिता बने, मिस्र देश में आकर बस गए। याकूब का…

यूहन्ना का संदेश: यीशु के साथ संगति और पापों की क्षमा

एक समय की बात है, जब प्रेरित यूहन्ना ने परमेश्वर के प्रेम और सच्चाई के बारे में एक गहरी शिक्षा दी। वह उन लोगों को संबोधित कर रहा था जो यीशु मसीह में विश्वास रखते थे और उनके साथ संगति…

पौलुस का तीमुथियुस को आत्मिक संदेश

2 तीमुथियुस 3 का वर्णन करते हुए एक विस्तृत कहानी: एक बार की बात है, जब पौलुस ने अपने प्रिय शिष्य तीमुथियुस को एक पत्र लिखा। यह पत्र केवल शब्दों का संग्रह नहीं था, बल्कि यह एक आत्मिक विरासत थी,…

गलातियों 5: मसीह की आज़ादी और प्रेम का मार्ग

गलातियों 5 की कहानी: आज़ादी और प्रेम का मार्ग एक समय की बात है, जब प्रेरित पौलुस ने गलातिया के मसीही विश्वासियों को एक पत्र लिखा। यह पत्र उनके लिए एक मार्गदर्शक था, जो उन्हें मसीह की आज़ादी और प्रेम…

परमेश्वर का ज्ञान: मनुष्य की बुद्धि से ऊपर

1 कुरिन्थियों 2 के आधार पर एक विस्तृत और गहन कहानी: एक समय की बात है, जब प्रेरित पौलुस कुरिन्थुस की कलीसिया को एक पत्र लिख रहे थे। वह शहर ग्रीस में स्थित था, जहाँ बुद्धिमानी और दर्शन का बहुत…

पौलुस और बरनबास की साहसी सेवकाई और चमत्कार

प्रेरितों के काम की पुस्तक के अध्याय 14 में पौलुस और बरनबास की सेवकाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा वर्णित है। यह कहानी उनकी यात्रा और उनके द्वारा किए गए चमत्कारों को दर्शाती है, जो परमेश्वर के राज्य के प्रचार के…

यीशु और नीकुदेमुस: नया जन्म और परमेश्वर का प्रेम

यूहन्ना 3 की कहानी हिंदी बाइबल में एक गहरी और प्रेरणादायक घटना है, जो यीशु मसीह और नीकुदेमुस नामक एक फरीसी के बीच हुई बातचीत पर आधारित है। यह कहानी न केवल आध्यात्मिक सत्य को उजागर करती है, बल्कि यह…

यीशु का यरूशलेम प्रवेश और मंदिर की शुद्धि

यीशु और उनके शिष्य यरूशलेम की ओर जा रहे थे। वे जैतून के पहाड़ के पास बैतफगे और बैतनियाह नामक गाँवों से होकर गुजरे। यीशु ने अपने दो शिष्यों को बुलाया और उनसे कहा, “तुम सामने के गाँव में जाओ।…

होशे की चेतावनी: पाप का दुखद अंत और भगवान की क्षमा

होशे 10 की कहानी एक ऐसे समय की है जब इस्राएल का हृदय भगवान से दूर हो चुका था। वे अपने ईश्वर को भूलकर मूर्तियों की पूजा करने लगे थे। उनकी ज़िंदगी में अहंकार, लालच और पाप का बोलबाला था।…