पवित्र बाइबल

प्रभु का न्याय और विश्वासियों का धैर्य

**2 थिस्सलुनीकियों 1 पर आधारित बाइबल कथा**

**शीर्षक: प्रभु यीशु का न्याय और विश्वासियों का धैर्य**

एक समय की बात है, थिस्सलुनीके की कलीसिया के विश्वासी घोर संकट में थे। उन पर अत्याचार बढ़ रहे थे, उनका उपहास किया जाता था, और कई बार तो उन्हें जेल में भी डाल दिया जाता था। परन्तु फिर भी, वे प्रभु यीशु मसीह में अपने विश्वास पर दृढ़ बने रहे। उनके हृदय में परमेश्वर के प्रति प्रेम और एक-दूसरे के लिए सेवा की भावना बढ़ती ही जा रही थी।

पौलुस, सीलास और तीमुथियुस ने उनकी इस स्थिति के बारे में सुना और उन्हें एक पत्र लिखने का निश्चय किया। पौलुस ने अपने हाथों से कलम उठाई और परमेश्वर के आत्मा की प्रेरणा से लिखना आरम्भ किया:

*”परमेश्वर हमारे पिता और प्रभु यीशु मसीह की ओर से थिस्सलुनीके की कलीसिया के लोगों को अनुग्रह और शान्ति मिलती रहे।”*

उसने आगे लिखा कि वे उनके बढ़ते हुए विश्वास और प्रेम के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। उनकी सहनशीलता और विपत्तियों में धैर्य एक उदाहरण था कि कैसे परमेश्वर का राज्य उनके जीवन में साकार हो रहा है।

फिर पौलुस ने उन्हें एक गहरी सच्चाई स्मरण कराई—*”परमेश्वर न्यायी है।”* वह दिन आएगा जब प्रभु यीशु आकाश से प्रगट होंगे, अपने शक्तिशाली स्वर्गदूतों के साथ, ज्वलन्त अग्नि में। उस दिन, वे उन सभी को जो परमेश्वर को नहीं जानते और उसके सुसमाचार का पालन नहीं करते, अनन्त विनाश के लिए दण्ड देंगे।

किन्तु हे विश्वासियो, तुम्हारे लिए वह दिन विश्राम और महिमा का होगा! प्रभु तुम्हें उन सभी क्लेशों से छुटकारा दिलाएंगे जो तुमने उसके नाम के लिए सहे हैं। वह तुम्हें अपने राज्य में महिमामय करेगा, क्योंकि तुमने उस पर विश्वास किया। यह सब परमेश्वर की उस अद्भुत योजना के अनुसार होगा, जिसमें वह अपने लोगों को पवित्र करता है और उन्हें अपनी महिमा में साझीदार बनाता है।

इसलिए, हे प्रिय भाइयो और बहनो, डटे रहो! अपने विश्वास में स्थिर रहो। जो तुम्हें सताते हैं, उनके लिए दुखी मत हो, क्योंकि परमेश्वर का न्याय निश्चित है। उसकी यह प्रतिज्ञा अटल है कि वह तुम्हारे दुखों का प्रतिफल देगा और तुम्हें अपने अनन्त आनन्द में स्थापित करेगा।

और इस प्रकार, थिस्सलुनीके के विश्वासियों ने इस पत्र को पढ़कर नई सामर्थ्य पाई। उनके हृदयों में आशा की ज्योति जगमगा उठी, क्योंकि वे जानते थे कि उनका परिश्रम प्रभु में व्यर्थ नहीं है। वह दिन निकट है जब सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा, और परमेश्वर की धार्मिकता सारे संसार के सामने प्रकट होगी।

**अन्त।**

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