**दानिय्यल 11: एक विस्तृत कथा**
उस समय, फारस के महान राजा के राज्य में, स्वर्गदूत ने दानिय्यल के पास आकर भविष्यवाणी की। यह वही स्वर्गदूत था जिसने पहले भी दानिय्यल को परमेश्वर के रहस्यों का ज्ञान दिया था। अब वह फिर से प्रकट हुआ, उसके चेहरे पर गंभीरता थी, और उसकी आँखों में आने वाले समय की गहरी भविष्यवाणी झलक रही थी।
### **फारस और यूनान के बीच संघर्ष**
स्वर्गदूत ने कहा, *”दानिय्यल, सुनो! फारस में अभी तीन और राजा उठेंगे, और चौथा धन-दौलत और ताकत में सबसे बड़ा होगा। परन्तु जब वह सबसे शक्तिशाली बनेगा, तब यूनान का राज्य उसके विरुद्ध खड़ा होगा।”*
और ऐसा ही हुआ। फारस के राजा ज़र्क्सेस ने अपार संपत्ति और सेना इकट्ठी की, परन्तु यूनान के महान योद्धा, सिकंदर ने उसके साम्राज्य को धूल में मिला दिया। सिकंदर का राज्य बहुत शक्तिशाली हुआ, परन्तु उसकी मृत्यु के बाद, उसका साम्राज्य चार भागों में बँट गया। उनमें से दो राजाओं का प्रभाव इज़राइल के निकट रहा—मिस्र के ताकतवर सेल्यूकस और सीरिया के अन्तिओकस।
### **दक्षिण और उत्तर के राजाओं का युद्ध**
स्वर्गदूत ने आगे बताया, *”दक्षिण का राजा (मिस्र का शासक) शक्तिशाली होगा, परन्तु उसके ही एक सेनापति (सीरिया का अन्तिओकस) उससे भी अधिक ताकतवर बनेगा और उसका राज्य विशाल हो जाएगा।”*
कुछ वर्षों बाद, दक्षिण और उत्तर के राजाओं में संधि हुई। मिस्र के राजा ने अपनी पुत्री क्लियोपेट्रा का विवाह सीरिया के राजा से कर दिया, परन्तु यह संधि टिक नहीं पाई। राजकुमारी अपने पति के बजाय अपने पिता के हितों की रक्षा करने लगी, जिससे सीरिया का राजा क्रोधित हो गया। उसने मिस्र पर आक्रमण कर दिया और उसके अनेक क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया।
### **अन्तिओकस एपिफेनीज का अत्याचार**
फिर स्वर्गदूत ने एक भयानक भविष्यवाणी की: *”एक नीच और धूर्त राजा उठेगा, जो छल से सत्ता हथियाएगा। वह परमेश्वर के पवित्र स्थान को अशुद्ध करेगा और उसके विरुद्ध घमंड से बोलेगा।”*
यह अन्तिओकस एपिफेनीज था, जिसने यहूदिया पर क्रूर अत्याचार किए। उसने यरूशलेम के मन्दिर में जाकर वेदी पर मूसी के व्यवस्था के विरुद्ध बलिदान चढ़ाया। उसने स्वयं को “देवता” घोषित कर दिया और यहूदियों को यूनानी देवताओं की पूजा करने के लिए मजबूर किया। जो लोग परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करते थे, उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।
### **परमेश्वर के लोगों की विजय**
परन्तु स्वर्गदूत ने दानिय्यल को आशा की बात भी बताई: *”जो परमेश्वर के ज्ञान में दृढ़ रहेंगे, वे मजबूत होंगे और विजयी होंगे। अन्त में, अत्याचारी राजा का अंत निश्चित है, और कोई उसे नहीं बचाएगा।”*
और ऐसा ही हुआ। यहूदियों ने मकाबी के नेतृत्व में विद्रोह किया और अन्तिओकस के अत्याचारों का अंत किया। मन्दिर को फिर से शुद्ध किया गया, और परमेश्वर की आराधना फिर से स्थापित हुई।
इस प्रकार, परमेश्वर ने दानिय्यल के द्वारा यह दिखाया कि संसार के राजाओं का अंत निश्चित है, परन्तु जो परमेश्वर के साथ दृढ़ रहते हैं, उन्हें अंतिम विजय प्राप्त होगी।