पवित्र बाइबल

यूसुफ और अधिकारियों के स्वप्न की व्याख्या

**यूसुफ और दो अधिकारियों का स्वप्न**

फिरौन के राज्य के दिनों में, मिस्र देश में यूसुफ नामक एक युवक बंदीगृह में बंद था। वह हेब्रों की भूमि से लाया गया था और उसके अपने ही भाइयों ने उसे दास के रूप में बेच दिया था। परन्तु परमेश्वर यूसुफ के साथ था, और जेल के अधिकारी ने उस पर विश्वास रखते हुए सारे कैदियों की देखभाल का भार उस पर डाल दिया था।

एक दिन, मिस्र के राजा फिरौन के दो प्रमुख अधिकारी—एक उसका मुख्य पियक्का और दूसरा उसका मुख्य रसोइया—अपने स्वामी के विरुद्ध अपराध करने के कारण कारागार में डाल दिए गए। जेल के अधिकारी ने उन्हें यूसुफ की देखरेख में रखा, और वह उनकी सेवा करने लगा।

कुछ दिनों बाद, एक रात को, उन दोनों अधिकारियों ने अलग-अलग स्वप्न देखे, जिनका अर्थ वे समझ नहीं पाए। सुबह होते ही यूसुफ ने देखा कि वे दोनों उदास और चिंतित दिखाई दे रहे हैं। उसने उनसे पूछा, “आज आपके चेहरे पर इतनी चिंता क्यों है?”

उन्होंने उत्तर दिया, “हमने स्वप्न देखे हैं, परन्तु कोई भी उनका अर्थ नहीं बता सकता।”

यूसुफ ने कहा, “क्या स्वप्नों की व्याख्या परमेश्वर के हाथ में नहीं है? कृपया मुझे अपने स्वप्न सुनाइए।”

सबसे पहले मुख्य पियक्के ने अपना स्वप्न सुनाया: “मैंने देखा कि मेरे सामने एक दाखलता है। उस लता में तीन डालियाँ हैं, और वह मानो फूलने लगी है। उस पर अंगूर के गुच्छे लग गए, और वे पककर तैयार हो गए। मैंने फिरौन का प्याला लिया, उन अंगूरों को निचोड़कर प्याले में रस भरा, और फिर उसे फिरौन के हाथ में दे दिया।”

यूसुफ ने उससे कहा, “इस स्वप्न का अर्थ यह है: तीन डालियाँ तीन दिन हैं। अब तीन दिनों के भीतर फिरौन आपको याद करेगा और आपको पहले की तरह उसका पियक्का नियुक्त कर देगा। आप फिर से उसका प्याला उसके हाथ में देंगे, जैसा पहले किया करते थे। किन्तु जब आपका कल्याण हो, तो कृपया मेरी सुधि लेना और फिरौन से मेरे विषय में बात करके मुझे इस कारागार से छुड़वाने का प्रयत्न करना, क्योंकि मैं निरपराध हूँ। हिब्रुओं के देश से मुझे चुराकर यहाँ लाया गया है, और मैंने कोई अपराध नहीं किया है जिसके कारण मुझे इस गड्ढे में डाला गया हो।”

यह सुनकर मुख्य पियक्के के मन में आशा जागी। तब मुख्य रसोइये ने, जिसने देखा कि यूसुफ ने पहले स्वप्न का अच्छा अर्थ बताया है, अपना स्वप्न सुनाने लगा: “मैंने भी स्वप्न में देखा कि मैं अपने सिर पर तीन टोकरियाँ उठाए हुए हूँ। सबसे ऊपर वाली टोकरी में फिरौन के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान थे, परन्तु पक्षी उन्हें मेरे सिर से उठाकर खा रहे थे।”

यूसुफ ने उत्तर दिया, “इस स्वप्न का अर्थ यह है: तीन टोकरियाँ तीन दिन हैं। तीन दिनों के भीतर फिरौन आपका सिर कटवा देगा और आपको एक खम्भे पर लटका देगा, और पक्षी आपके मांस को नोंच-नोंचकर खाएँगे।”

तीसरे दिन, फिरौन के जन्मदिन के अवसर पर, उसने अपने सभी दासों के लिए एक भोज का आयोजन किया। उसने अपने मुख्य पियक्के और मुख्य रसोइये को कारागार से बुलवाया। जैसा यूसुफ ने कहा था, वैसा ही हुआ। फिरौन ने मुख्य पियक्के को उसके पद पर बहाल कर दिया, और वह फिर से राजा को प्याला देने लगा। परन्तु मुख्य रसोइये को फाँसी दे दी गई।

परन्तु मुख्य पियक्के ने यूसुफ को भूल जाने में कोई हर्ज नहीं समझा। वह अपने सुखदायी पद में मग्न हो गया और यूसुफ की बात फिरौन से नहीं कही। इस प्रकार यूसुफ को अभी भी कारागार में रहना पड़ा, परन्तु परमेश्वर उसके साथ था और उसकी योजना पूरी होनी थी।

इस प्रकार, यूसुफ का विश्वास और परमेश्वर की योजना आगे बढ़ती रही, जो अंततः मिस्र और उसके अपने परिवार के उद्धार का कारण बनी।

LEAVE A RESPONSE

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *