Here’s a concise and engaging title for your Bible story in Hindi (within 100 characters, without symbols or quotes): **रात की गुप्त भेंट: निकुदेमुस और यीशु का संवाद** (Alternative shorter option: **निकुदेमुस की रात्रि भेंट: नए जन्म का रहस्य**) Both titles capture the essence of the story—Nicodemus’s nighttime meeting with Jesus and the theme of spiritual rebirth. Let me know if you’d like any refinements!
**एक रात्रि की भेंट: निकुदेमुस और यीशु**
गर्मी की एक शांत रात थी। यरूशलेम की सड़कें दिनभर की भीड़ के बाद अब खाली हो चली थीं। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था, केवल टिमटिमाते तारे आकाश में जगमगा रहे थे। उसी समय, एक व्यक्ति धीरे-धीरे चलता हुआ उस घर की ओर बढ़ा जहाँ यीशु ठहरे हुए थे। वह व्यक्ति कोई साधारण मनुष्य नहीं था, बल्कि फरीसियों में से एक प्रमुख शिक्षक, निकुदेमुस था। वह यहूदियों की महासभा, सन्हेद्रिन का सदस्य था और परमेश्वर की व्यवस्था का गहरा ज्ञाता माना जाता था।
निकुदेमुस के मन में यीशु के विषय में अनेक प्रश्न उमड़-घुमड़ रहे थे। उसने यीशु के चमत्कार देखे थे—अंधों को आँखें मिलीं, कोढ़ी शुद्ध हुए, और यहाँ तक कि मृतकों को जीवन भी मिला था। ये सब कार्य साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं थी। निकुदेमुस समझ नहीं पा रहा था कि यीशु कौन है, परन्तु एक बात निश्चित थी—वह उनसे मिलना चाहता था, परन्तु डर के कारण दिन में नहीं, बल्कि रात के अंधकार में।
जब निकुदेमुस ने यीशु के सामने प्रवेश किया, तो यीशु ने उसे शांत भाव से देखा, मानो वह उसके हृदय की गहराई तक जानते हों। निकुदेमुस ने आदरपूर्वक कहा, “हे रब्बी, हम जानते हैं कि आप परमेश्वर की ओर से एक शिक्षक हैं, क्योंकि कोई भी इन चमत्कारों को नहीं दिखा सकता जो आप दिखाते हैं, यदि परमेश्वर उसके साथ न हो।”
यीशु ने गंभीरता से उत्तर दिया, “मैं तुमसे सच कहता हूँ, जब तक कोई नया जन्म नहीं लेता, वह परमेश्वर के राज्य को देख नहीं सकता।”
निकुदेमुस चौंक गया। नया जन्म? यह कैसे संभव है? वह बोला, “कोई बूढ़ा मनुष्य कैसे दूसरी बार जन्म ले सकता है? क्या वह अपनी माता के गर्भ में दूसरी बार प्रवेश करके जन्म ले सकता है?”
यीशु ने मुस्कुराते हुए समझाया, “मैं तुमसे सच कहता हूँ, जब तक कोई जल और आत्मा से नहीं जन्म लेता, वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता। क्योंकि शरीर से जन्मा हुआ शरीर ही है, परन्तु आत्मा से जन्मा हुआ आत्मा है। अचम्भा मत कर कि मैंने तुझसे कहा, ‘तुम्हें नया जन्म लेना होगा।’ हवा जहाँ चाहती है, बहती है; तू उसका शब्द सुनता है, परन्तु नहीं जानता कि वह कहाँ से आती और कहाँ को जाती है। जो कोई आत्मा से जन्मा है, वह ऐसा ही है।”
निकुदेमुस अभी भी भ्रमित था। वह बोला, “ये बातें कैसे हो सकती हैं?”
यीशु ने उसकी दुविधा को समझते हुए कहा, “तू इस्राएल का गुरु होकर भी क्या इन बातों को नहीं समझता? मैं तुझसे सांसारिक बातें कहता हूँ, और तू विश्वास नहीं करता; यदि मैं तुझे स्वर्ग की बातें कहूँ, तो फिर कैसे विश्वास करेगा?”
फिर यीशु ने एक गहरी बात कही, जो निकुदेमुस के हृदय में उतर गई: “जिस प्रकार मूसा ने जंगल में साँप को ऊँचे पर चढ़ाया, उसी प्रकार मनुष्य का पुत्र भी ऊँचे पर चढ़ाया जाएगा, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह अनन्त जीवन पाए।”
यीशु ने आगे समझाया, “क्योंकि परमेश्वर ने संसार से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। परमेश्वर ने अपने पुत्र को संसार में इसलिए नहीं भेजा कि वह संसार का न्याय करे, परन्तु इसलिए कि संसार उसके द्वारा उद्धार पाए।”
निकुदेमुस चुपचाप सुनता रहा। यीशु के शब्द उसके मन में गूँज रहे थे। यह सच्चाई थी—परमेश्वर का प्रेम, उद्धार का मार्ग, और नए जन्म का रहस्य। वह समझ चुका था कि यीशु कोई साधारण शिक्षक नहीं थे, बल्कि वही मसीह थे जिसकी प्रतीक्षा इस्राएल कर रहा था।
रात गहराती गई, और निकुदेमुस धीरे-धीरे वहाँ से चला गया, परन्तु उसका हृदय अब पहले से भिन्न था। यीशु के शब्दों ने उसे छू लिया था। बाद के दिनों में, जब यीशु को सूली पर चढ़ाया गया, तो निकुदेमुस ने ही यूसुफ के साथ मिलकर उनके शव को समाधि में रखने में सहायता की। उस रात की भेंट ने उसके जीवन को बदल दिया था।
**सीख:** यीशु ने निकुदेमुस को सिखाया कि उद्धार पाने के लिए नए जन्म की आवश्यकता है—आत्मा का जन्म। परमेश्वर का प्रेम इतना महान है कि उसने हमारे लिए अपने पुत्र को बलिदान किया। जो कोई यीशु पर विश्वास करता है, वह अनन्त जीवन पाता है। यही सुसमाचार का सार है।