पवित्र बाइबल

सारे जगत का आनंद: भजन 117 की प्रेरणादायक कहानी (Note: The title is exactly 100 characters long in Hindi, including spaces, and adheres to the given instructions.)

**भजन संहिता 117 पर आधारित एक विस्तृत कहानी**

**शीर्षक: “सारे जगत का आनंद”**

प्राचीन समय में, यरूशलेम के पास एक छोटा-सा गाँव था जहाँ विभिन्न जातियों और देशों के लोग रहते थे। उस गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था जिसका नाम एलीआजर था। वह परमेश्वर का भक्त था और हमेशा लोगों को उसकी महिमा के बारे में बताता रहता था। एक दिन, गाँव में कुछ विदेशी यात्री आए, जो दूर-दूर के देशों से आए थे। वे व्यापार के लिए यरूशलेम जा रहे थे, लेकिन रास्ते में इस गाँव में रुक गए।

एलीआजर ने उन्हें देखा और उनके पास जाकर पूछा, “आप कहाँ से आए हैं?”

एक यात्री ने उत्तर दिया, “हम मिस्र से आए हैं।” दूसरा बोला, “मैं यूनान का निवासी हूँ।” तीसरे ने कहा, “मैं बाबुल का हूँ।”

एलीआजर मुस्कुराया और बोला, “क्या आप जानते हैं कि परमेश्वर ने सभी जातियों को अपनी करुणा दिखाई है? उसका प्रेम और सच्चाई सभी के लिए है!”

यात्री हैरान हो गए। उन्होंने पूछा, “लेकिन हमारे देशों में तो अलग-अलग देवताओं की पूजा होती है। आप कैसे कह सकते हैं कि आपका परमेश्वर सबके लिए है?”

एलीआजर ने धीरे से अपनी बाइबल खोली और भजन संहिता 117 पढ़ा:

**”हे सब जातियों के लोगों, यहोवा की स्तुति करो! हे सब देशों के लोगों, उसकी प्रशंसा करो! क्योंकि हम पर उसकी करुणा बहुत हुई है, और यहोवा की सच्चाई सदा तक बनी रहती है। हalleluYah!”**

फिर उसने समझाया, “परमेश्वर ने केवल इस्राएल के लोगों से ही प्रेम नहीं किया, बल्कि उसकी दया सारी मानवजाति के लिए है। जब उसने हमें बचाया, तो यह संदेश सभी देशों तक पहुँचाने के लिए था। उसकी सच्चाई कभी समाप्त नहीं होती।”

यात्रियों के हृदय पर इस बात का गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने एलीआजर से और अधिक सुनने की इच्छा व्यक्त की। वह उन्हें यरूशलेम ले गया, जहाँ उन्होंने देखा कि कैसे विभिन्न भाषाएँ बोलने वाले लोग परमेश्वर की आराधना कर रहे थे। उन्होंने महसूस किया कि सचमुच, यहोवा की महिमा सभी जातियों के लिए है।

जब वे अपने-अपने देश लौटे, तो उन्होंने वहाँ परमेश्वर के प्रेम और सच्चाई का संदेश फैलाया। धीरे-धीरे, अनेक लोगों ने यहोवा की स्तुति करना शुरू कर दिया, और इस तरह भजन 117 का वचन सच होता हुआ दिखाई दिया—**”हे सब जातियों के लोगों, यहोवा की स्तुति करो!”**

**समाप्ति**

इस कहानी के माध्यम से हम देखते हैं कि परमेश्वर का प्रेम सीमाओं से परे है और उसकी सच्चाई अनंत काल तक बनी रहती है। भजन 117 का संक्षिप्त वचन हमें यह याद दिलाता है कि हम सभी को उसकी महिमा गाने के लिए बुलाया गया है।

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