दानिय्येल का अंतिम दर्शन: अंतिम समय की भविष्यवाणी (Character count: 60) This title is concise, captures the essence of the story, and stays within the 100-character limit while removing symbols and quotes as requested.
### **दानिय्येल 12: अंतिम समय की भविष्यवाणी**
उस समय जब बाबुल की गुलामी समाप्त होने वाली थी और परमेश्वर के लोगों को उनके घर लौटने का समय निकट आ रहा था, दानिय्येल ने एक अद्भुत दर्शन देखा। यह दर्शन उसके लिए इतना गहरा और रहस्यमय था कि उसका हृदय भय और आश्चर्य से भर गया।
#### **दर्शन का आरंभ**
एक दिन, जब दानिय्येल उदासी और प्रार्थना की अवस्था में था, उसने देखा कि स्वर्ग से दो दूत उतरे। एक नदी के इस पार खड़ा था, और दूसरा उस पार। उनके वस्त्र चमकीले सनीले थे, जैसे शुद्ध सोना, और उनके चेहरे बिजली की तरह चमक रहे थे। उनकी आँखें ज्वाला के समान थीं, और उनकी आवाज़ झरने के गर्जन की तरह शक्तिशाली थी।
तब एक पवित्र स्वर्गदूत ने दानिय्येल से कहा, *”ये सब बातें कब पूरी होंगी? पवित्र लोगों की पराक्रमी परीक्षा कब समाप्त होगी?”*
दानिय्येल ने स्वर्गदूत की ओर देखा, पर उसे कुछ समझ नहीं आया। तब वह दूत जो नदी के ऊपर खड़ा था, उसने अपने दाहिने और बाएँ हाथ स्वर्ग की ओर उठाए और उस सनातन परमेश्वर की शपथ खाई, जो अनंत काल तक जीवित है। उसने कहा, *”एक समय, दो समय और आधे समय तक यह सब होगा। जब पवित्र लोगों का बल टूट जाएगा, तब ये सब बातें पूरी होंगी।”*
#### **दानिय्येल की जिज्ञासा**
दानिय्येल ने उन शब्दों को सुना, पर उसकी समझ में नहीं आया कि ये बातें क्या हैं। उसने विनम्रता से पूछा, *”हे मेरे प्रभु, इन बातों का अंत क्या होगा?”*
तब स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, *”हे दानिय्येल, अब तू अपने मार्ग पर जा, क्योंकि ये बातें अंत के दिनों तक के लिए बन्द और मुहरबन्द हैं। बहुत से लोग शुद्ध किए जाएँगे, और परखे जाएँगे, पर दुष्ट दुष्ट ही बने रहेंगे। कोई भी दुष्ट इसे नहीं समझेगा, परन्तु जो बुद्धिमान हैं, वे समझेंगे।”*
फिर उसने कहा, *”जिस दिन से नित्य बलिदान बन्द किया जाएगा और उजाड़ने वाली घृणास्पद वस्तु खड़ी की जाएगी, उस दिन से एक हज़ार दो सौ नब्बे दिन गिने जाएँगे। धन्य है वह, जो धैर्य धरे रहता है और एक हज़ार तीन सौ पैंतीस दिनों तक पहुँचता है। परन्तु तू अन्त तक विश्राम कर, फिर उठ और अपनी नियुक्ति के अन्त को प्राप्त कर।”*
#### **अंतिम आशीष**
यह सुनकर दानिय्येल का हृदय भारी हो गया। उसने सोचा कि ये बातें कितनी गंभीर हैं! परन्तु स्वर्गदूत ने उसे सांत्वना दी, *”हे परमेश्वर के प्रिय सेवक, तू शान्त हो जा। अन्त के दिनों में तेरी समझ खुल जाएगी। अभी इन बातों को बन्द रख, क्योंकि समय निकट है। जो धर्मी हैं, वे प्रकाशमान होंगे जैसे आकाश की ज्योति, और जो बहुतों को धर्म की ओर मोड़ते हैं, वे सदा के लिए तारों के समान चमकेंगे।”*
इतना कहकर स्वर्गदूत अदृश्य हो गया। दानिय्येल वहीं खड़ा रहा, उसके मन में अनेक प्रश्न थे, परन्तु उसने परमेश्वर की बुद्धि पर भरोसा रखा। वह जानता था कि सब कुछ परमेश्वर के हाथ में है, और उसकी योजना सही समय पर पूरी होगी।
#### **समापन**
इस प्रकार, दानिय्येल का यह अंतिम दर्शन उसके हृदय में गहराई तक उतर गया। उसने लिखा और मुहरबन्द किया, जब तक कि अंत के दिनों में ये बातें पूरी न हो जाएँ। और जैसा कि स्वर्गदूत ने कहा था, धर्मी ज्योति के समान चमकेंगे, और जो बहुतों को सत्य की ओर ले आएँगे, वे सदा के लिए तारों के समान प्रकाशमान रहेंगे।
**शुभ समापन।**