**अब्राहम और अबीमेलेक की कहानी**
उस समय अब्राहम नेगेव के क्षेत्र में रहने लगा। वहाँ से वह कादेश और शूर के बीच में जाकर गरार नगर में ठहरा। गरार के राजा का नाम अबीमेलेक था। अब्राहम ने अपनी पत्नी सारा के बारे में लोगों से कहा, “वह मेरी बहन है।” क्योंकि उसने सोचा कि यदि वह सारा को अपनी पत्नी बताएगा, तो गरार के लोग उसे मार डालेंगे और सारा को ले जाएँगे। सारा वास्तव में अब्राहम की सौतेली बहन थी, क्योंकि वह उसके पिता की दूसरी पत्नी से जन्मी थी, परन्तु वह उसकी पत्नी भी थी।
एक दिन अबीमेलेक ने सारा को देखा और उसकी सुन्दरता पर मोहित हो गया। उसने अपने सेवकों को बुलाकर कहा, “इस स्त्री को मेरे महल में ले आओ। मैं उसे अपनी पत्नी बनाना चाहता हूँ।” सेवकों ने सारा को राजा के पास ले जाकर उसके महल में रख दिया। अब्राहम ने कुछ नहीं कहा, क्योंकि वह डर गया था।
परन्तु परमेश्वर ने अबीमेलेक को एक स्वप्न में दर्शन देकर कहा, “हे अबीमेलेक, तू मरनेवाला है, क्योंकि जिस स्त्री को तूने अपने पास ले लिया है, वह किसी दूसरे की पत्नी है!” अबीमेलेक ने अभी तक सारा को छुआ भी नहीं था, इसलिए वह भयभीत होकर परमेश्वर से बोला, “हे प्रभु, क्या तू निर्दोष लोगों को भी दण्ड देगा? क्या अब्राहम ने मुझसे यह नहीं कहा था कि यह उसकी बहन है? और सारा ने भी यही कहा था कि वह उसकी बहन है। मैंने तो सच्चे मन से यह काम किया था, मेरे हाथ निर्दोष हैं!”
तब परमेश्वर ने स्वप्न में उससे कहा, “मैं जानता हूँ कि तूने सच्चे मन से यह किया, इसलिए मैंने तुझे रोका कि तू मेरे विरुद्ध पाप न करे। इसलिए उस स्त्री को उसके पति के पास लौटा दे, क्योंकि वह भविष्यद्वक्ता है। वह तेरे लिए प्रार्थना करेगा और तू जीवित रहेगा। परन्तु यदि तू उसे नहीं लौटाएगा, तो जान ले कि तू और तेरा सारा घराना निश्चय ही मर जाएगा।”
अबीमेलेक सुबह उठा और उसने अपने सभी सेवकों को बुलाकर यह सारी बात बताई। सभी बहुत डर गए। फिर अबीमेलेक ने अब्राहम को बुलवाया और उससे कहा, “तूने हमारे साथ ऐसा क्यों किया? मैंने तेरे विरुद्ध क्या पाप किया था कि तूने मुझ पर और मेरे राज्य पर ऐसी बड़ी विपत्ति लाने की सोची? तूने वह काम किया है जो नहीं करना चाहिए था!”
अब्राहम ने कहा, “मैंने सोचा कि इस स्थान पर परमेश्वर का भय नहीं है और लोग मुझे मारकर मेरी पत्नी को ले जाएँगे। और सच तो यह है कि सारा मेरी बहन भी है, वह मेरे पिता की पुत्री है, पर मेरी माँ की नहीं। जब परमेश्वर ने मुझे मेरे पिता के घर से भटकाया, तब मैंने सारा से कहा कि जहाँ कहीं भी हम जाएँ, तू मेरे विषय में यह कहना कि वह मेरा भाई है।”
तब अबीमेलेक ने भेड़-बकरियाँ, गाय-बैल, दास-दासियाँ और चाँदी का एक हज़ार टुकड़ा देकर अब्राहम को दिया और सारा को उसके पास लौटा दिया। उसने अब्राहम से कहा, “देख, मेरा देश तेरे सामने है, जहाँ तुझे अच्छा लगे, वहाँ रह।” फिर उसने सारा से कहा, “मैंने तेरे भाई को एक हज़ार टुकड़े चाँदी दिए हैं। यह तेरे लिए एक प्रमाण है कि तेरा सबके सामने निर्दोष होना स्पष्ट है, और जो कुछ हुआ है, उसके लिए तू निर्दोष है।”
तब अब्राहम ने परमेश्वर से प्रार्थना की, और परमेश्वर ने अबीमेलेक, उसकी पत्नी और उसकी दासियों को चंगा किया, ताकि वे बच्चे पैदा कर सकें। क्योंकि परमेश्वर ने अबीमेलेक के घर की हर स्त्री के गर्भ को सारा के कारण बंद कर दिया था। इस प्रकार परमेश्वर ने अब्राहम की प्रार्थना सुनकर अबीमेलेक के घराने को आशीष दी।
इस घटना से अब्राहम ने सीखा कि परमेश्वर उसकी रक्षा करता है, भले ही वह डर के कारण सच न बोले। और अबीमेलेक ने जान लिया कि सच्चा परमेश्वर जीवित है और वह पाप का न्याय करता है, परन्तु वह दया भी दिखाता है।