पवित्र बाइबल

धर्मी एलियाब और दुष्ट मल्कीशुआ की कहानी

**कहानी: धर्मी और दुष्ट का फल (नीतिवचन 11 पर आधारित)**

एक समय की बात है, यरूशलेम के पास एक छोटे से गाँव में दो पड़ोसी रहते थे—एलियाब और मल्कीशुआ। एलियाथ एक धर्मी और ईमानदार व्यक्ति था, जो परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता था और दूसरों की मदद करने में हमेशा आगे रहता था। वहीं, मल्कीशुआ धूर्त, लालची और अहंकारी था। वह धन और सत्ता के पीछे भागता था और दूसरों का शोषण करने में कोई संकोच नहीं करता था।

### **ईमानदारी का आशीर्वाद**

एक बार गाँव में भयंकर अकाल पड़ा। अनाज की कमी हो गई, और लोग भूख से तड़पने लगे। एलियाब के पास भी अनाज का भंडार सीमित था, लेकिन उसने अपने पड़ोसियों की मदद करने का निर्णय लिया। वह रोज़ अपने भंडार से थोड़ा-थोड़ा अनाज निकालकर गरीबों और बीमारों में बाँट देता था। उसकी पत्नी ने चिंतित होकर पूछा, “यदि हम सब कुछ बाँट देंगे, तो हमारे लिए क्या बचेगा?”

एलियाब ने मुस्कुराते हुए कहा, “परमेश्वर ने कहा है—’उदार व्यक्ति समृद्ध होता है, और जो दूसरों को सींचता है, वह स्वयं भी सींचा जाएगा।’ (नीतिवचन 11:25) हमें उस पर भरोसा रखना चाहिए।”

कुछ ही दिनों बाद, एलियाब के खेत में अचानक एक नई फसल उग आई, जिससे उसका भंडार फिर से भर गया। गाँव वाले उसकी उदारता और विश्वास से प्रभावित हुए और उसे आशीर्वाद देने लगे।

### **धोखेबाज़ी का दंड**

इसी बीच, मल्कीशुआ ने अकाल का फायदा उठाने की सोची। उसने अपने अनाज को छिपाकर रख लिया और गाँव वालों को ऊँचे दामों पर बेचना शुरू कर दिया। जब कुछ गरीब लोग उससे मदद माँगने आए, तो उसने उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया और कहा, “मेरा अनाज मेरे लिए है! जाओ, अपना खुद का इंतज़ाम करो!”

लेकिन परमेश्वर की नज़रों से कुछ भी छिपा नहीं है। एक रात, मल्कीशुआ के गोदाम में आग लग गई, और उसका सारा अनाज जलकर राख हो गया। जब उसने यह देखा, तो वह चीखते हुए बाहर भागा, “मेरा सब कुछ नष्ट हो गया!” लेकिन गाँव वालों ने उसकी मदद करने से इनकार कर दिया, क्योंकि उसने कभी किसी की सहायता नहीं की थी।

### **अंतिम न्याय**

कुछ समय बाद, राजा के सैनिक गाँव में आए और उन्होंने घोषणा की कि राज्य में अनाज का वितरण किया जाएगा। एलियाब को उसकी ईमानदारी और दयालुता के कारण राजा का आशीर्वाद मिला, और उसे गाँव का मुखिया नियुक्त किया गया। वहीं, मल्कीशुआ अपनी लालच और स्वार्थ के कारण निराश्रित हो गया और अंततः अकेलेपन में मर गया।

गाँव वालों ने इस घटना से सीख ली और कहा, **”धर्मी व्यक्ति का जीवन आशीर्वाद से भरा होता है, पर दुष्ट अपने ही पापों में फँसकर नष्ट हो जाता है।” (नीतिवचन 11:5-6)**

इस तरह, परमेश्वर ने एलियाब के धर्मी जीवन को सम्मानित किया और मल्कीशुआ के दुष्ट कर्मों का न्याय किया। यह कहानी हमें सिखाती है कि ईमानदारी, दया और परमेश्वर पर भरोसा रखने वालों को सदैव आशीर्वाद मिलता है, जबकि लालच और अहंकार का अंत बुरा होता है।

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