**यहेजकेल 29: मिस्र के विरुद्ध भविष्यवाणी**
नबी यहेजकेल के समय में, इस्राएल के लोग बार-बार मिस्र की ओर देखते थे, मानो वही उनका उद्धारकर्ता हो। परन्तु परमेश्वर ने देखा कि मिस्र का अभिमान और उसका झूठा भरोसा उसके विनाश का कारण बनेगा। तब यहोवा का वचन यहेजकेल के पास पहुँचा, और उसने मिस्र के फिरौन और उसके देश के विरुद्ध एक गंभीर भविष्यवाणी सुनाई।
### **मिस्र—एक अभिमानी मगरमच्छ**
यहेजकेल ने घोषणा की, *”हे मनुष्य के सन्तान, अपना मुख फिरौन, मिस्र के राजा की ओर करो और उसके विरुद्ध भविष्यवाणी करो।”* फिर उसने मिस्र की तुलना एक विशाल मगरमच्छ से की, जो अपनी नदी में पड़ा रहता है और कहता है, *”यह नील नदी मेरी है, मैंने ही उसे बनाया है!”*
फिरौन का हृदय इतना अभिमानी हो गया था कि वह स्वयं को ईश्वर समझने लगा। उसने सोचा कि उसकी शक्ति और धन उसे अजेय बना देंगे। परन्तु परमेश्वर ने कहा, *”देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, हे फिरौन! मैं तुझे तेरी नदी से निकालकर जंगली मैदान में फेंक दूँगा, जहाँ तू मर जाएगा और तेरी लोथ पक्षियों और जानवरों का भोजन बनेगी।”*
### **मिस्र का दण्ड और उसके सहारे पर भरोसा करने वालों की निराशा**
यहोवा ने आगे कहा कि मिस्र ने इस्राएल को झूठी आशा दी थी। जब यहूदा संकट में था, तब उसने मिस्र से सहायता माँगी, परन्तु मिस्र ने उसे धोखा दिया—जैसे टूटी हुई नरकट की छड़ी, जिस पर झुकते ही हाथ में चुभ जाती है। इस्राएल को समझ लेना चाहिए था कि मिस्र उनका सहारा नहीं हो सकता, केवल यहोवा ही उनका रक्षक है।
परमेश्वर ने घोषणा की कि मिस्र चालीस वर्ष तक उजाड़ रहेगा। उसकी धन-सम्पदा लूट ली जाएगी, उसके नगर खंडहर बन जाएँगे, और उसके लोग दूसरे देशों में बंधुआ बना दिए जाएँगे। फिर चालीस वर्ष के बाद, मिस्र को फिर से बसाया जाएगा, परन्तु वह कभी भी पहले जैसा महान नहीं होगा।
### **बाबुल को परमेश्वर का प्रतिफल**
यहोवा ने यहेजकेल को बताया कि बाबुल का राजा नबूकदनेस्सर मिस्र पर आक्रमण करेगा और उसे लूटेगा। *”मैंने मिस्र का धन बाबुल को दे दिया है, क्योंकि उसने मेरे लिए कड़ी मेहनत की है,”* यहोवा ने कहा। यह दिखाता था कि परमेश्वर संसार के राजाओं को अपने उद्देश्यों के लिए उपयोग करता है।
### **परमेश्वर की न्यायपूर्ण योजना**
यहेजकेल की यह भविष्यवाणी इस्राएल को याद दिलाती थी कि परमेश्वर सभी राष्ट्रों पर शासन करता है। मिस्र का अभिमान उसके पतन का कारण बना, और इस्राएल को सीख मिली कि केवल यहोवा पर भरोसा रखना चाहिए।
अन्त में, यहेजकेल ने घोषणा की, *”तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।”* मिस्र का न्याय इस बात का प्रमाण था कि परमेश्वर सच्चा और न्यायी है, और वह अपने वचन को पूरा करता है।
इस प्रकार, यहेजकेल की भविष्यवाणी ने मिस्र के घमण्ड को चूर-चूर कर दिया और इस्राएल को सच्चे परमेश्वर की ओर लौटने का आह्वान किया।