पवित्र बाइबल

पवित्र दिन: प्रायश्चित का पर्व

**पवित्र दिन: प्रायश्चित का पर्व**

यहोवा ने मूसा से कहा था, “हारून के दो पुत्रों की मृत्यु के बाद, जब वे यहोवा के सामने अनुचित रूप से आग चढ़ाने लगे, तब मैंने उन्हें दण्ड दिया। अब हारून को सावधान रहना चाहिए कि वह किसी भी समय पवित्रस्थान के भीतर परदे के पास न आए, नहीं तो उसकी मृत्यु हो जाएगी। केवल एक ही दिन, प्रायश्चित के दिन, वह मेरे सामने आ सकता है।”

वर्षों बीत गए थे, और इस्राएल के लोग पापों के बोझ से दबे हुए थे। मरुस्थल की धूप में खड़े तम्बू के पास, हारून गहरी चिंता में डूबा था। उसे याद आया कि कैसे उसके अपने ही पुत्रों ने परमेश्वर की आज्ञा की अवहेलना की थी और उसकी पवित्रता के सामने नष्ट हो गए थे। अब वह स्वयं परमेश्वर के सामने जाने वाला था—एक ऐसा कार्य जिसमें थोड़ी सी भी गलती उसके लिए घातक हो सकती थी।

### **तैयारी**

प्रायश्चित के दिन से पहले, हारून ने अपने आप को शुद्ध किया। उसने पवित्र सन का वस्त्र पहना, जो साधारण याजकीय वस्त्रों से भिन्न था। उसने अपने शरीर को जल से धोया, ताकि वह शुद्ध होकर परमेश्वर के सामने खड़ा हो सके। उस दिन, उसने सोने के कंगन और सुंदर वस्त्र नहीं पहने, बल्कि सादे सफेद वस्त्र पहनकर अपने आप को दीन और नम्र बनाया।

लोगों की भीड़ तम्बू के बाहर इकट्ठा हो गई थी। वे जानते थे कि आज का दिन उनके पापों के लिए परमेश्वर के सामने प्रायश्चित करने का दिन था। हर किसी का मन भारी था, क्योंकि वे जानते थे कि उनके पापों के कारण परमेश्वर का क्रोध उन पर हो सकता था।

### **बलिदान की शुरुआत**

हारून ने दो बकरों को लिया—एक यहोवा के लिए और दूसरा अजाजेल के लिए। उसने पहले एक बछड़े को लिया, जो उसके और उसके परिवार के पापों के लिए बलिदान था। उसने बछड़े के सिर पर हाथ रखा और इस्राएल के सभी पापों को स्वीकार किया, मानो वे सब उसी एक पशु पर डाल दिए गए हों। फिर उसने बछड़े को मार डाला, और उसका लहू लेकर पवित्रस्थान के भीतर गया।

परदे के पीछे, जहाँ परमेश्वर की उपस्थिति थी, हारून ने लहू को कृपासन पर छिड़का। वह स्थान इतना पवित्र था कि केवल महायाजक ही वहाँ प्रवेश कर सकता था, और साल में सिर्फ एक बार। हारून ने सावधानी से लहू को सात बार छिड़का, क्योंकि सात का अंक परमेश्वर की पूर्णता को दर्शाता था।

### **दो बकरे**

फिर हारून ने दो बकरों को लिया। उसने पहले बकरे पर चिट्ठियाँ डालीं—एक पर “यहोवा के लिए” और दूसरी पर “अजाजेल के लिए”। जिस बकरे पर “यहोवा के लिए” चिट्ठी निकली, उसे पापबलि के रूप में चढ़ाया गया। हारून ने उसका लहू भी पवित्रस्थान में ले जाकर कृपासन पर छिड़का, जैसे उसने बछड़े के लहू के साथ किया था।

लेकिन दूसरा बकरा, जिस पर “अजाजेल के लिए” चिट्ठी निकली थी, उसे जीवित छोड़ दिया गया। हारून ने उसके सिर पर हाथ रखकर सारे इस्राएल के पापों को उस पर डाल दिया। फिर उसे एक विश्वासपात्र व्यक्ति को सौंपा गया, जो उसे जंगल में ले गया और उसे छोड़ दिया। बकरा उनके सारे पापों को अपने साथ ले जाता हुआ दूर चला गया, जिससे लोगों को यह याद दिलाया गया कि परमेश्वर ने उनके पापों को दूर कर दिया था।

### **शुद्धिकरण और समापन**

जब हारून पवित्रस्थान से बाहर आया, तो उसने बलिदान की वेदी पर भी लहू छिड़का, ताकि उसे शुद्ध किया जा सके। फिर उसने एक मेढ़े को होमबलि के रूप में चढ़ाया, जिसकी सुगंध यहोवा को प्रिय थी।

अंत में, हारून ने अपने सफेद वस्त्र उतार दिए और फिर से स्नान किया। उसने अपने साधारण याजकीय वस्त्र पहने और लोगों के लिए अन्य बलिदान चढ़ाए। जब सब कुछ पूरा हो गया, तो लोगों ने राहत की सांस ली। उन्हें विश्वास था कि उनके पाप क्षमा कर दिए गए थे और परमेश्वर का क्रोध शांत हो गया था।

### **शिक्षा**

यह दिन इस्राएल के लिए एक स्थायी विधि बन गया। हर साल, प्रायश्चित के दिन, यह कर्मकाण्ड दोहराया जाता था, जो लोगों को याद दिलाता था कि पाप की मजदूरी मृत्यु है, लेकिन परमेश्वर की कृपा से उन्हें क्षमा मिल सकती है। यह सब भविष्य के उस महान प्रायश्चित की ओर संकेत करता था, जब मसीह, सच्चा महायाजक, अपने ही लहू से सदा के लिए पापों का प्रायश्चित करेगा।

और इस प्रकार, परमेश्वर की पवित्रता और उसकी दया दोनों प्रकट हुईं—उसका न्याय पाप को सहन नहीं कर सकता, लेकिन उसकी प्रेममयी कृपा पश्चाताप करने वालों को क्षमा प्रदान करती है।

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