पवित्र बाइबल

मूसा और जलती झाड़ी का दिव्य संदेश

# **मूसा और जलती हुई झाड़ी (निर्गमन 3)**

उस समय मूसा अपने ससुर यित्रो की भेड़-बकरियों को चराता हुआ होरेब के पास मिद्यान के जंगल में ले जा रहा था। वह एकांत में था, केवल पहाड़ों की छाया और हवा की सरसराहट ही उसके साथ थी। तभी उसकी नज़र एक अद्भुत दृश्य पर पड़ी—एक झाड़ी आग में जल रही थी, किंतु वह भस्म नहीं हो रही थी!

मूसा ने सोचा, *”यह कैसा चमत्कार है? क्यों यह झाड़ी जलकर भी नष्ट नहीं हो रही?”* उसने निश्चय किया कि वह इस रहस्य को समझने के लिए निकट जाएगा। जैसे ही वह झाड़ी के पास पहुँचा, परमेश्वर ने उसे आवाज़ दी—

**”मूसा! मूसा!”**

मूसा काँप उठा और बोला, **”हे प्रभु, मैं यहाँ हूँ!”**

तब परमेश्वर ने कहा, **”इस स्थान के निकट न आ। अपने पाँवों से जूते उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है, वह पवित्र भूमि है। मैं तेरे पूर्वजों का परमेश्वर, अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर और याकूब का परमेश्वर हूँ।”**

यह सुनकर मूसा ने अपना मुँह ढक लिया, क्योंकि वह परमेश्वर के सामने देखने से डर रहा था।

तब प्रभु ने कहा, **”मैंने अपनी प्रजा के दुःख को देखा है। मिस्र के अत्याचारियों के कारण उनकी चीख मेरे कानों तक पहुँची है। मैं उनके क्लेश को जानता हूँ। इसलिए मैं उन्हें मिस्रियों के हाथ से छुड़ाकर एक उपजाऊ और विस्तृत देश में ले जाऊँगा—एक ऐसा देश जो दूध और मधु की धाराएँ बहाता है। अब देख, मैं तुझे फिरौन के पास भेज रहा हूँ, ताकि तू मेरी प्रजा इस्राएलियों को मिस्र से निकाल ले आए।”**

मूसा हक्का-बक्का रह गया। उसने कहा, **”हे प्रभु, मैं कौन हूँ कि फिरौन के पास जाऊँ और इस्राएलियों को मिस्र से निकाल लाऊँ?”**

परमेश्वर ने उत्तर दिया, **”मैं तेरे साथ रहूँगा। और यह तेरे लिए चिह्न होगा कि मैंने ही तुझे भेजा है—जब तू प्रजा को इस देश से निकाल ले आएगा, तो तुम लोग इसी पहाड़ पर मेरी उपासना करोगे।”**

फिर भी मूसा ने संदेह प्रकट किया, **”किंतु यदि इस्राएली मुझसे पूछें कि तेरे भेजने वाले का नाम क्या है, तो मैं उन्हें क्या बताऊँ?”**

तब परमेश्वर ने मूसा से कहा, **”मैं जो हूँ, सो हूँ। तू इस्राएलियों से यह कहना—’मैं हूँ’ ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।’ यही मेरा नाम सदा के लिए है और यही पीढ़ी-दर-पीढ़ी मेरा स्मरण रखने का तरीका होगा।”**

परमेश्वर ने मूसा को आगे निर्देश दिए कि वह इस्राएल के पुरनियों को इकट्ठा करे और उन्हें बताए कि प्रभु ने उनकी पुकार सुन ली है। उसने यह भी कहा कि फिरौन उन्हें आसानी से नहीं जाने देगा, किंतु परमेश्वर अपने शक्तिशाली हाथ से मिस्रियों को दंड देगा और इस्राएलियों को स्वतंत्र कराएगा।

अंत में, परमेश्वर ने मूसा से कहा, **”जब तुम मिस्र से निकलोगे, तो तुम मिस्रियों से सोना-चाँदी और वस्त्र लेकर जाओगे। इस प्रकार तुम मिस्रियों का धन लूटोगे।”**

इस प्रकार, जलती हुई झाड़ी के माध्यम से परमेश्वर ने मूसा को बुलाया और उसे एक महान उद्धारकर्ता के रूप में नियुक्त किया। मूसा ने जान लिया कि परमेश्वर स्वयं उसके साथ है, और अब वह अपने लोगों को मिस्र की दासता से मुक्त कराने के लिए तैयार था।

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