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दाऊद के वंश की गाथा: 1 इतिहास 3 की बाइबल कथा

**1 इतिहास 3 पर आधारित बाइबल कथा: दाऊद के वंश की गाथा**

यरूशलेम के महान राजा दाऊद के दिनों में, जब परमेश्वर ने उनसे वादा किया था कि उनका सिंहासन सदैव बना रहेगा, तब उनके वंश का विस्तार हुआ। यह कहानी है दाऊद के पुत्रों और उनके वंशजों की, जिन्होंने इस्राएल के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

### **दाऊद के पुत्रों का जन्म**

राजा दाऊद ने हेब्रोन में सात वर्ष तक राज किया, और उस दौरान उनके कई पुत्र हुए। उनकी पहली पत्नी अहीनोअम से उनका पहला पुत्र अम्नोन पैदा हुआ। अम्नोन बुद्धिमान और सुंदर था, किंतु उसने अपनी बहिन तामार के साथ पाप किया, जिसके कारण उसका अंत दुखद हुआ।

दूसरा पुत्र दानीएल था, जो कर्मेल की अबीगैल से जन्मा। दानीएल शांत और विवेकशील था, परंतु उसका उल्लेख इतिहास में अधिक नहीं मिलता। तीसरा पुत्र अबशालोम था, जो गेशूर के राजा तल्मई की पुत्री माआका से उत्पन्न हुआ। अबशालोम अत्यंत सुंदर था, और उसके लंबे घने बाल उसकी पहचान थे। किंतु उसने अपने पिता के विरुद्ध विद्रोह किया और अंततः योआब के हाथों मारा गया।

चौथा पुत्र अदोनिय्याह था, जो हग्गीत से पैदा हुआ। वह भी अपने सौंदर्य और महत्वाकांक्षा के कारण जाना जाता था, परंतु उसने भी राजगद्दी के लिए षड्यंत्र रचा और सुलैमान के हाथों उसका अंत हुआ।

इसके बाद दाऊद के अन्य पुत्रों—शफात्याह, यित्राम, एलीशामा, एलीपेलेट, नोगह, नेफेग, याफीया, एलीशामा, एल्यादा और एलीपेलेत—का जन्म हुआ। ये सभी दाऊद की अन्य पत्नियों और उपपत्नियों से पैदा हुए थे।

### **यरूशलेम में दाऊद के पुत्र**

जब दाऊद ने यरूशलेम को अपनी राजधानी बनाया, तब उन्होंने वहाँ भी संतानें प्राप्त कीं। बतशूआ, जिसे हम अम्मोनियों की राजकुमारी के रूप में जानते हैं, से शिमा, शोबाब, नातान और सुलैमान का जन्म हुआ। इनमें से नातान और सुलैमान का विशेष उल्लेख है, क्योंकि नातान मसीहा के वंश का पूर्वज बना, और सुलैमान इस्राएल का सबसे बुद्धिमान राजा हुआ, जिसने यरूशलेम में परमेश्वर के मंदिर का निर्माण किया।

इसके अलावा, दाऊद के नौ और पुत्र हुए—यिबहार, एलीशुआ, एलीपेलेत, नोगह, नेफेग, याफीया, एलीशामा, बेल्यादा और एलीपेलेत। ये सभी दाऊद के शाही परिवार के अंग थे और उनके नाम इस्राएल के इतिहास में दर्ज हुए।

### **सुलैमान से लेकर बाबेल की गुलामी तक**

सुलैमान के बाद, उसका पुत्र रहूबियाम राजा बना, किंतु उसके कठोर शासन के कारण इस्राएल का राज्य दो भागों में बँट गया—यहूदा और इस्राएल। रहूबियाम के वंशजों ने यहूदा पर शासन किया, जिनमें अबिय्याह, आसा, यहोशापात, योराम, अहज्याह, योआश, अमस्याह, उज्जिय्याह, योताम, आहाज, हिजकिय्याह, मनश्शे, आमोन, योशिय्याह और उसके पुत्र शामिल थे।

योशिय्याह के समय में, परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक मिलने पर उसने सुधार किए, किंतु उसके पुत्र यहोयाकीम और सिदकिय्याह के दिनों में यहूदा का पतन हुआ। बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम को नष्ट कर दिया, और परमेश्वर के लोगों को बंधुआई में ले जाया गया।

### **बंधुआई के बाद का वंश**

बाबेल की गुलामी के पश्चात, जब कुछ यहूदी वापस लौटे, तो दाऊद का वंश अभी भी जीवित था। शलतीएल और उसका पुत्र जरुब्बाबेल यहूदा के नेता बने और यरूशलेम के पुनर्निर्माण में अगुआई की। जरुब्बाबेल के पुत्र हनन्य्याह, यहूदा के इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्ति बने, और उनके वंशजों ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा को जीवित रखा।

इस प्रकार, दाऊद का वंश परमेश्वर की कृपा से बना रहा, और अंततः यही वंश मसीहा, यीशु के आगमन का मार्ग प्रशस्त करने वाला हुआ।

**निष्कर्ष:**

1 इतिहास 3 का यह विस्तृत वर्णन हमें दाऊद के वंश की महान गाथा सुनाता है। यह वंश परमेश्वर की प्रतिज्ञा का प्रमाण है, जिसमें अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के राजा हुए, किंतु अंततः परमेश्वर की योजना पूरी हुई। दाऊद का सिंहासन सदैव के लिए स्थापित हुआ, क्योंकि मसीह यीशु, दाऊद के वंश में जन्मे, जो सदा के लिए राजा हैं।

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