# **यहेजकेल 30: मिस्र के विरुद्ध परमेश्वर का न्याय**
## **भूमिका**
यहेजकेल नबी के समय में, मिस्र एक शक्तिशाली राष्ट्र था, जो अपनी सैन्य शक्ति और धन के मद में अक्सर परमेश्वर के लोगों के विरुद्ध षड्यंत्र रचता था। परन्तु परमेश्वर ने मिस्र के अहंकार और अत्याचार को देख लिया था। यहेजकेल के द्वारा, प्रभु ने मिस्र के ऊपर आने वाले भयंकर न्याय की भविष्यवाणी की। यह न्याय केवल मिस्र ही नहीं, बल्कि उसके सहयोगी राष्ट्रों पर भी आने वाला था।
## **यहेजकेल को परमेश्वर का वचन**
एक दिन, यहेजकेल नबी पर यहोवा का वचन आया। उस समय बेबीलोन का साम्राज्य विस्तार कर रहा था, और मिस्र भी उसकी शक्ति से भयभीत था। परन्तु परमेश्वर ने यहेजकेल से कहा, **”मनुष्य के सन्तान, भविष्यवाणी कर और कह कि प्रभु यहोवा यह कहता है: हाय! वह दिन निकट है! यहोवा का दिन निकट है, वह बादलों से घिरा हुआ दिन होगा, अन्यजातियों का समय होगा।”**
यहेजकेल ने देखा कि परमेश्वर का क्रोध मिस्र के विरुद्ध भड़क उठा है। मिस्र के गर्व और उसके मूर्तिपूजक राजाओं ने परमेश्वर के सामने अपने आप को बड़ा समझा था। अब उसका अन्त आने वाला था।
## **मिस्र पर आने वाला विनाश**
परमेश्वर ने यहेजकेल से कहा, **”तलवार मिस्र में आएगी, और मारे जाने के कारण मिस्र में हाहाकार मच जाएगा। उसके सहायक राष्ट्र भी नष्ट हो जाएंगे। मिस्र की शक्ति टूट जाएगी, और उसका घमण्ड धराशायी होगा। मिगदोल से सवेने तक, उसके सभी नगर निर्जन हो जाएंगे।”**
यहेजकेल ने देखा कि मिस्र की नील नदी, जो उसकी जीवनरेखा थी, सूख जाएगी। नदी के किनारे बसे हुए नगर उजाड़ हो जाएंगे। मिस्र के देवता—अमोन, नो, फरोह, और सभी मूर्तियाँ—बेबीलोन के हाथों नष्ट हो जाएंगी। परमेश्वर ने कहा, **”मैं मिस्र के देवताओं और राजाओं को नाश कर दूँगा, और फरोह को भी, जो अपने आप को परमेश्वर समझता है।”**
## **बेबीलोन के हाथों मिस्र का पतन**
परमेश्वर ने यहेजकेल को दिखाया कि बेबीलोन का राजा नबूकदनेस्सर मिस्र पर चढ़ाई करेगा। उसकी सेना मिस्र के नगरों को घेर लेगी, तलवार से सब कुछ नष्ट कर देगी। मिस्र के वीर योद्धा मारे जाएंगे, और बचे हुए लोग बंधक बना लिए जाएंगे।
यहेजकेल ने सुनाई दी हुई चीखें—मिस्र के लोग रोते हुए कह रहे थे, **”हमारा अन्त आ गया! हमारे देवता हमें नहीं बचा सकते!”** परन्तु परमेश्वर ने निर्णय कर लिया था। मिस्र को अपने पापों का दण्ड मिलना ही था।
## **परमेश्वर की न्याय की योजना**
यहेजकेल ने परमेश्वर के वचन को और सुनाया: **”मैं मिस्र को निर्बल कर दूँगा, और उसकी शक्ति को तोड़ दूँगा। वह फिर कभी राष्ट्रों पर शासन नहीं करेगा। मैं उसके राजाओं का गर्व चूर-चूर कर दूँगा।”**
परमेश्वर ने यह भी कहा कि मिस्र के पतन से उसके सहयोगी राष्ट्र—कूश, पुत, लूद, अरब और लीबिया—भी डर जाएंगे। वे समझ जाएंगे कि यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है, और उसके न्याय से कोई नहीं बच सकता।
## **निष्कर्ष: परमेश्वर की सर्वोच्चता**
यहेजकेल की भविष्यवाणी पूरी हुई। बेबीलोन ने मिस्र पर आक्रमण किया, और उसका साम्राज्य धराशायी हो गया। परमेश्वर ने दिखा दिया कि वही सभी राष्ट्रों का न्यायी है। जो लोग अहंकार करते हैं और परमेश्वर की अवहेलना करते हैं, उनका अन्त निश्चित है।
यहेजकेल ने इस दर्शन के बाद इस्राएल को याद दिलाया कि परमेश्वर न केवल उनका न्याय करता है, बल्कि वह उनका उद्धारकर्ता भी है। जो लोग उसकी शरण में आते हैं, वे सुरक्षित रहते हैं। मिस्र का पतन इस बात का प्रमाण था कि यहोवा ही सारी पृथ्वी का शासक है।
**इस प्रकार, यहेजकेल 30 का संदेश स्पष्ट है: परमेश्वर का न्याय अटल है, और उसकी सत्ता सर्वोच्च।**