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मलाकी 3: प्रभु का दूत और न्याय का दिन

**मलाकी 3: प्रभु का दूत और न्याय का दिन**

एक समय की बात है, जब यहूदा के लोगों का हृदय प्रभु के प्रति ठंडा पड़ गया था। वे बाहरी तौर पर धार्मिक दिखते थे, पर उनके मन में परमेश्वर के लिए सच्ची भक्ति नहीं थी। याजक भी लापरवाह हो गए थे, और लोग दशमांश और भेंट चढ़ाने में कंजूसी करने लगे थे। तब प्रभु ने मलाकी नबी के माध्यम से अपने लोगों को एक गंभीर चेतावनी दी।

### **प्रभु के दूत का आगमन**

मलाकी ने घोषणा की, *”देखो, मैं अपने दूत को भेजूंगा, जो मेरे आगे-आगे मार्ग तैयार करेगा। और अचानक प्रभु, जिसे तुम ढूंढ़ते हो, अपने मंदिर में आएगा। वह वाचा का दूत, जिसकी तुम्हें लालसा है, वह निश्चय ही आएगा!”* (मलाकी 3:1)

ये वचन एक भविष्यवाणी थी, जो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले और फिर स्वयं मसीह यीशु के आगमन की ओर इशारा करती थी। परन्तु साथ ही, यह एक चेतावनी भी थी—क्योंकि प्रभु का आना न केवल आशीष लेकर आएगा, बल्कि न्याय भी लाएगा।

### **शुद्धिकरण की अग्नि**

मलाकी ने आगे कहा, *”पर वह किसी धातुगार की आग के समान होगा, और धोबी के साबुन के समान। वह लेवियों को शुद्ध करेगा और उन्हें सोने-चाँदी की तरह तपाएगा, ताकि वे धर्म के साथ प्रभु को भेंट चढ़ा सकें।”* (मलाकी 3:2-3)

प्रभु का दूत केवल सांत्वना देने नहीं आएगा, बल्कि वह हर अशुद्धता को जलाकर राख कर देगा। जैसे सोने-चाँदी को आग में तपाकर शुद्ध किया जाता है, वैसे ही वह अपने लोगों के हृदयों को परखेगा। याजकों की अधर्मपूर्ण भेंटें, लोगों का कपटपूर्ण दशमांश, और उनकी ऊपरी धार्मिकता—सब कुछ उसकी दृष्टि में खुल जाएगा।

### **दशमांश और परीक्षा**

तब प्रभु ने अपने लोगों से एक चुनौतीपूर्ण प्रश्न किया: *”क्या मनुष्य परमेश्वर को लूट सकता है? तो भी तुम मुझे लूटते हो! पर तुम पूछते हो, ‘हमने तुझे कैसे लूटा?’ दशमांश और भेंटों में!”* (मलाकी 3:8)

लोगों ने अपनी सम्पत्ति को अपना समझ लिया था और प्रभु को उसका हिस्सा देने में कंजूसी करते थे। परन्तु परमेश्वर ने उन्हें एक अद्भुत वादा दिया: *”सारे दशमांश भंडार में ले आओ, क्या मैं आकाश के झरोखे न खोलूंगा और तुम्हारे लिए इतनी आशीषें न उंडेलूंगा कि तुम्हारे पास रखने को जगह न हो?”* (मलाकी 3:10)

प्रभु चाहता था कि उसके लोग उस पर भरोसा रखें। यदि वे उसे प्रथम स्थान देंगे, तो वह उनकी हर आवश्यकता को पूरा करेगा।

### **न्याय का दिन और धर्मी का प्रतिफल**

अंत में, मलाकी ने एक महान दिन की भविष्यवाणी की: *”फिर जो यहोवा से डरते हैं, वे आपस में बातें करेंगे, और यहोवा कान लगाकर सुनेगा। और उसके सामने एक स्मरण-पुस्तक लिखी गई है, उनके लिए जो यहोवा का भय मानते और उसके नाम का आदर करते हैं।”* (मलाकी 3:16)

प्रभु अपने लोगों को भूला नहीं है। जो उसके नाम का आदर करते हैं, उनकी हर आह, हर प्रार्थना उसके सामने रखी गई है। और जब न्याय का दिन आएगा, तो वह उन्हें अपनी विशेष संतान के रूप में बचा लेगा। *”तब तुम फिर अंतर कर सकोगे धर्मी और दुष्ट के बीच, उसके बीच जो परमेश्वर की सेवा करता है और उसके बीच जो उसकी सेवा नहीं करता।”* (मलाकी 3:18)

### **निष्कर्ष**

मलाकी की यह भविष्यवाणी हमें याद दिलाती है कि प्रभु हमारे हृदयों को जाँचता है। वह हमारी ऊपरी धार्मिकता से प्रसन्न नहीं होता, बल्कि वह हमारी सच्ची भक्ति और आज्ञाकारिता चाहता है। यदि हम उस पर भरोसा रखें और उसे प्रथम स्थान दें, तो वह हमारे जीवनों को आशीष से भर देगा। परन्तु जो उसकी अवहेलना करते हैं, उनके लिए न्याय का दिन भयानक होगा।

अंत में, मलाकी के वचन हमें मसीह के आगमन की ओर इशारा करते हैं—वही दूत जो हमारे पापों के लिए बलिदान बना और जो एक दिन पूरी न्याय और धार्मिकता के साथ लौटेगा। क्या हम उसके लिए तैयार हैं?

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