**यिर्मयाह 23: धर्मी राजा और झूठे भविष्यद्वक्ताओं की कथा**
प्राचीन समय में, यहूदा के देश में अंधकार छाया हुआ था। लोगों के हृदय परमेश्वर से दूर हो चुके थे, और उनके नेताओं ने उन्हें गुमराह किया था। राजा और याजक स्वार्थी हो गए थे, और झूठे भविष्यद्वक्ता अपनी मनगढ़ंत बातें सुनाकर लोगों को धोखा दे रहे थे। ऐसे समय में, परमेश्वर ने अपने भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया।
### **परमेश्वर का न्याय और वादा**
यिर्मयाह ने परमेश्वर के वचन को सुनकर यहूदा के लोगों से कहा, “हे दुष्ट चरवाहों! तुम्हारे कारण परमेश्वर की भेड़ें बिखर गई हैं। तुमने उनकी देखभाल नहीं की, बल्कि उनका शोषण किया है। इसलिए, परमेश्वर तुमसे कहता है—’मैं तुम्हारे बुरे कर्मों का हिसाब लूँगा और तुम्हें दंड दूँगा!'”
परमेश्वर का क्रोध उन नेताओं के विरुद्ध भड़क उठा जो अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे। वे धन और सत्ता के लोभ में अंधे हो चुके थे और न्याय को ताक पर रख चुके थे। यिर्मयाह ने चेतावनी दी, “तुम लोगों ने परमेश्वर के नाम पर झूठ बोला है। तुम कहते हो, ‘परमेश्वर ने यह कहा,’ जबकि उसने तुमसे कुछ नहीं कहा। तुम अपनी कल्पनाओं को परमेश्वर का वचन बताकर लोगों को भ्रमित कर रहे हो। परमेश्वर तुम्हारे झूठ को सहन नहीं करेगा!”
### **धर्मी राजा का आगमन**
लेकिन परमेश्वर के कोप के साथ-साथ एक आशा की किरण भी थी। यिर्मयाह ने घोषणा की, “परमेश्वर कहता है—’मैं दाऊद के वंश में से एक धर्मी राजा को उत्पन्न करूँगा, जो सच्चाई और न्याय से राज्य करेगा। वह एक विजेता होगा, और उसका नाम **यहोवा हमारी धार्मिकता** होगा।'”
यह वादा इस्राएल के लिए एक नई आशा लेकर आया। परमेश्वर ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह उन्हें फिर से इकट्ठा करेगा और उन्हें उनके देश में सुरक्षित बसाएगा। “जिस दिन यह धर्मी राजा आएगा, लोग कहेंगे—’जितने बड़े काम परमेश्वर ने किए हैं, उन्हें याद करो!’ वह दिन इतना महान होगा कि लोग मिस्र से निकलने के दिनों को भी भूल जाएँगे।”
### **झूठे भविष्यद्वक्ताओं का पर्दाफाश**
लेकिन यिर्मयाह ने लोगों को सावधान भी किया, “इन झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो! वे स्वप्न देखकर कहते हैं कि उन्होंने परमेश्वर से वचन सुना है, पर वे केवल अपने मन की बातें बोलते हैं। वे कहते हैं, ‘शांति मिलेगी, कोई विपत्ति नहीं आएगी,’ जबकि परमेश्वर का न्याय निकट है!”
यिर्मयाह ने उनकी तुलना सदोम और अमोरा के पापियों से की, जिन्हें परमेश्वर ने नष्ट कर दिया था। “ये झूठे भविष्यद्वक्ता भी उसी न्याय का सामना करेंगे। परमेश्वर उन्हें भुला नहीं पाएगा, क्योंकि उन्होंने उसके नाम को बदनाम किया है।”
### **परमेश्वर का सच्चा वचन**
अंत में, यिर्मयाह ने परमेश्वर के वचन की महत्ता बताई, “परमेश्वर का वचन आग की तरह है और चट्टान को तोड़ने वाले हथौड़े के समान है। क्या मनुष्य उसे अपने अनुसार बदल सकता है? जो लोग परमेश्वर के सच्चे वचन को सुनेंगे, वे ही उसकी आशीष पाएँगे।”
इस प्रकार, यिर्मयाह ने लोगों को सच्चाई का मार्ग दिखाया और उन्हें चेतावनी दी कि वे झूठे शिक्षकों से दूर रहें। परमेश्वर का वादा स्पष्ट था—एक दिन वह एक पवित्र और धर्मी राजा भेजेगा, जो सदा के लिए उनकी अगुवाई करेगा।
**समाप्त।**