यीशु और जक्कई: खोए हुए को बचाने की कहानी (लूका 19:1-10 पर आधारित) (Note: The title is within 100 characters, symbols like asterisks and quotes are removed, and it captures the essence of the story.)
# **यीशु और जक्कई: एक परिवर्तन की कहानी**
(लूका 19:1-10 पर आधारित)
यरीहो नगर धूप में चमकता हुआ एक सुंदर स्थान था, जहाँ हरियाली और खजूर के पेड़ों की छाया में लोग आराम करते थे। यह नगर व्यापार का केंद्र था, और यहाँ से गुजरने वाले यात्री अक्सर रुकते थे। उन दिनों यीशु अपने चेलों के साथ यरीहो से गुजर रहे थे, और उनके आगमन की खबर पूरे शहर में फैल चुकी थी। लोग उन्हें देखने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े, क्योंकि उनके चमत्कारों और शिक्षाओं की चर्चा हर जगह थी।
## **जक्कई: एक धनवान पापी**
यरीहो में एक आदमी रहता था जिसका नाम जक्कई था। वह चुंगी लेने वालों का प्रमुख था, जिसका अर्थ था कि वह रोमी सरकार के लिए कर वसूलता था। यहूदी लोग चुंगी लेने वालों से घृणा करते थे, क्योंकि वे अक्सर जरूरत से ज्यादा पैसे वसूल कर अपनी जेबें भरते थे। जक्कई बहुत धनी था, लेकिन उसकी दौलत ने उसे समाज में अलग-थलग कर दिया था। लोग उसे “पापी” कहते थे और उससे दूर रहते थे।
जब जक्कई ने सुना कि यीशु नगर से गुजर रहे हैं, तो उसके मन में एक अजीब सी बेचैनी हुई। उसने यीशु के बारे में बहुत सुना था—कैसे वह पापियों के साथ बैठते हैं, कैसे वह भटके हुओं को माफ करते हैं। जक्कई के मन में इच्छा जगी कि वह यीशु को देखे, लेकिन भीड़ के कारण यह संभव नहीं था। वह छोटा कद का था, और लोगों की भीड़ में उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
## **एक अद्भुत योजना**
जक्कई ने हार नहीं मानी। उसने एक योजना बनाई। वह भीड़ से आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया। यह पेड़ सड़क के किनारे था, जहाँ से यीशु का रास्ता गुजरना था। जक्कई ने सोचा, “चाहे कुछ भी हो, मैं उन्हें देखूंगा!”
थोड़ी देर बाद, यीशु वहाँ से गुजरे। भीड़ उनके चारों ओर जमा थी, लोग उनका आशीर्वाद लेने के लिए हाथ बढ़ा रहे थे। तभी यीशु ने ऊपर देखा। उनकी नजर जक्कई पर पड़ी, जो पेड़ पर बैठा उन्हें देख रहा था। यीशु ने मुस्कुराते हुए कहा, **”जक्कई, जल्दी नीचे आओ, क्योंकि आज मुझे तुम्हारे घर में रहना है।”**
यह सुनकर जक्कई हैरान रह गया। उसने कभी नहीं सोचा था कि यीशु उसे नाम से पुकारेंगे! वह तुरंत पेड़ से उतरा और खुशी से यीशु का स्वागत करने लगा।
## **लोगों का आक्रोश**
लेकिन जब लोगों ने देखा कि यीशु एक पापी के घर जा रहे हैं, तो वे बड़बड़ाने लगे। **”वह तो एक पापी के साथ ठहरने गए!”** कुछ ने कहा। **”क्या वह नहीं जानते कि जक्कई ने कितने लोगों को लूटा है?”**
परन्तु यीशु ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। वह जक्कई के घर पहुँचे, जहाँ उसने उनके लिए एक भोज तैयार किया था।
## **जक्कई का परिवर्तन**
भोज के दौरान, जक्कई का हृदय बदल गया। वह यीशु के सामने खड़ा हुआ और बोला, **”हे प्रभु, देखो, मैं अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा गरीबों को देता हूँ। और अगर मैंने किसी से अन्यायपूर्वक पैसे लिए हैं, तो मैं उसे चार गुना लौटाऊंगा!”**
यीशु ने उसकी ओर देखा और प्रसन्न होकर कहा, **”आज इस घर में उद्धार आया है, क्योंकि यह आदमी भी इब्राहीम का वंशज है। मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूँढ़ने और बचाने आया है।”**
## **शिक्षा**
जक्कई की कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी इतना पापी नहीं है कि परमेश्वर की कृपा उसे छू न सके। यीशु ने जक्कई के जीवन में आकर उसे बदल दिया, और उसने अपने गलत कामों का प्रायश्चित किया। हम भी, चाहे कितने भी पापी क्यों न हों, यीशु के पास आ सकते हैं, और वह हमें क्षमा करके हमारे जीवन को नया बना देगा।
**”क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूँढ़ने और बचाने आया है।”** — लूका 19:10