**व्यवस्थाविवरण 18: एक सच्चे नबी की खोज**
उन दिनों की बात है जब इस्राएली यर्दन नदी के पूर्वी किनारे पर डेरा डाले हुए थे। मूसा, परमेश्वर के विश्वासयोग्य सेवक, ने लोगों को एकत्रित किया और उन्हें उन आज्ञाओं की याद दिलाई जो यहोवा ने उन्हें होरेब पर्वत पर दी थीं। सूरज की किरणें उस विशाल शिविर पर पड़ रही थीं, और हवा में एक पवित्र गंभीरता छाई हुई थी।
मूसा ने अपनी लाठी को जमीन पर टिकाते हुए कहा, **”हे इस्राएल के लोगो! जब तुम प्रतिज्ञा किए हुए देश में प्रवेश करोगे, तो वहाँ के घिनौने कामों में लिप्त न होना। यहोवा ने उन राष्ट्रों को उनकी मूर्तिपूजा और टोना-टोटके के कारण दण्ड दिया है। तुम्हें इन घृणित कार्यों से दूर रहना चाहिए।”**
लोग चुपचाप सुन रहे थे, कुछ के चेहरे पर भय था, तो कुछ गंभीरता से मूसा की बातों को आत्मसात कर रहे थे। मूसा ने आगे कहा, **”तुम में से कोई भी अपने बेटे या बेटी को आग में नहीं चढ़ाएगा, न ही भविष्य बताने वालों, जादू-टोना करने वालों, टोनहियों, या मंत्रियों की बात सुनेगा। यहोवा को ये सब घृणित लगते हैं।”**
एक युवक, जिसका नाम एलीआजर था, ने हाथ उठाकर पूछा, **”लेकिन हे मूसा, फिर हम कैसे जानेंगे कि परमेश्वर की इच्छा क्या है? क्या वह हमसे बात नहीं करेगा?”**
मूसा ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, **”यहोवा तुम्हारे लिए एक नबी खड़ा करेगा, जो तुम्हारे अपने भाइयों में से होगा, जैसा कि मैं हूँ। तुम्हें उसकी सुननी चाहिए।”**
लोगों के बीच फुसफुसाहट फैल गई। मूसा ने आगे समझाया, **”जिस दिन होरेब पर्वत पर तुमने यहोवा से कहा था कि हम परमेश्वर का शब्द सुनने से डरते हैं, नहीं तो हम मर जाएँगे, तब यहोवा ने मुझसे कहा था कि उन्होंने ठीक कहा। इसलिए, मैं तुम्हारे लिए एक नबी खड़ा करूँगा, जो मेरे समान होगा। मैं उसके मुँह में अपने वचन डालूँगा, और वह उन सब बातों को कहेगा जो मैं उसे आज्ञा दूँ।”**
एक औरत, जिसका नाम दबोरा था, ने पूछा, **”लेकिन हम कैसे पहचानेंगे कि कोई नबी सच्चा है या झूठा?”**
मूसा ने गंभीरता से उत्तर दिया, **”यदि कोई नबी यहोवा के नाम से बोलता है, और उसका वचन पूरा नहीं होता, तो वह नबी नहीं है। वह अपनी ही बातें कह रहा है, इसलिए उससे मत डरना। परन्तु जो नबी सच्चा है, उसके वचन यहोवा के मुँह से निकलेंगे और निश्चय पूरे होंगे।”**
लोगों ने इस बात को गहराई से समझा। वे जान गए कि परमेश्वर उन्हें कभी अनाथ नहीं छोड़ेगा। वह हमेशा उनके बीच से एक नबी खड़ा करेगा जो उन्हें सही मार्ग दिखाएगा।
मूसा ने अपनी आँखें आकाश की ओर उठाईं और कहा, **”यहोवा हमारा परमेश्वर है, और वही हमारा मार्गदर्शक है। उसके वचनों पर चलो, और झूठे नबियों से सावधान रहो। जो कुछ मैंने तुम्हें आज्ञा दी है, उसे मन में रखो और उस पर चलो।”**
इस प्रकार, इस्राएल के लोगों ने एक बार फिर परमेश्वर की प्रतिज्ञा को सुना और समझा कि वह उनके साथ है, और आने वाले दिनों में वह उनके बीच से एक नबी खड़ा करेगा जो उन्हें सच्चाई का मार्ग दिखाएगा। और इस प्रकार, उन्होंने अपने हृदय में यह आशा बसा ली कि परमेश्वर कभी उन्हें नहीं छोड़ेगा।