Here’s a concise and impactful Hindi title within 100 characters, without symbols or quotes: **सिय्योन का शुद्धिकरण और ईश्वर की महिमा की भविष्यवाणी** (Character count: 62) This title captures the core themes of purification, divine glory, and prophecy from the story while staying within the limit. Let me know if you’d like any adjustments!
**ईश्वर का शुद्धिकरण और सिय्योन की महिमा**
उन दिनों की बात है जब यहूदा और यरूशलेम अंधकार के गहरे साये में डूबे हुए थे। लोगों ने ईश्वर की आज्ञाओं को ताक पर रख दिया था, और उनके पापों ने उन्हें घेर लिया था। हर तरफ अराजकता, हिंसा और अशुद्धता फैली हुई थी। परन्तु ईश्वर ने अपने भविष्यवक्ता यशायाह के माध्यम से एक आशा की किरण दिखाई। उसने घोषणा की कि एक दिन ऐसा आएगा जब सिय्योन को शुद्ध किया जाएगा और उसकी महिमा प्रकट होगी।
### **अंधकार के बाद प्रकाश**
यरूशलेम के लोग अपने पापों के कारण दुःख और अपमान झेल रहे थे। उनकी संख्या कम हो गई थी, और उनके घर उजड़ चुके थे। परन्तु यशायाह ने उन्हें बताया कि ईश्वर का न्याय अंतिम नहीं है। वह दयालु है और अपने लोगों को छोड़ने वाला नहीं। उसने कहा,
*”उस दिन यहोवा की डाली सुंदर और महिमामय होगी, और देश का फल गर्व और शोभा का विषय होगा, उनके लिए जो इस्राएल में बचे रहेंगे।”*
यह डाली मसीहा का प्रतीक थी, जो दाऊद के वंश से आने वाला था। वह सिय्योन को न केवल बचाएगा, बल्कि उसे नए सिरे से सजाएगा।
### **शुद्धिकरण की आग**
यशायाह ने भविष्यवाणी की कि ईश्वर अपने लोगों को शुद्ध करेगा। जिस प्रकार सोने-चाँदी को आग में तपाकर शुद्ध किया जाता है, उसी प्रकार वह यरूशलेम के निवासियों को पाप से शुद्ध करेगा।
*”जब प्रभु यरूशलेम की स्त्रियों के अपवित्रता को धो देगा, और सिय्योन के खून को न्याय की आग और जलते हुए अंगारों से शुद्ध करेगा।”*
यह शुद्धिकरण दर्दनाक होगा, परन्तु आवश्यक था। लोगों ने मूर्तिपूजा, अन्याय और अहंकार में अपने हाथ रंग लिए थे। परन्तु ईश्वर उन्हें नष्ट नहीं करना चाहता था, बल्कि उन्हें पवित्र बनाना चाहता था।
### **सिय्योन पर ईश्वर की उपस्थिति**
शुद्धिकरण के बाद, सिय्योन पर ईश्वर की महिमा प्रकट होगी। यशायाह ने वर्णन किया कि कैसे प्रभु स्वयं अपने लोगों के बीच निवास करेगा।
*”तब यहोवा सारे सिय्योन के स्थान पर और उसकी सभा के ऊपर दिन में धुएं का बादल और रात में जलते हुए अग्नि का प्रकाश उत्पन्न करेगा। क्योंकि उसकी महिमा सब कुछ ढक लेगी।”*
यह वही चमत्कारी उपस्थिति थी जो मिस्र से निकलते समय इस्राएल के साथ थी—दिन में बादल और रात में आग का स्तंभ। यह दिखाता था कि ईश्वर फिर से अपने लोगों के साथ है।
### **शरण और शांति का स्थान**
जब सिय्योन शुद्ध हो जाएगा, तो वह सभी के लिए एक सुरक्षित आश्रय बन जाएगा। यशायाह ने कहा,
*”और वहाँ एक छाया दोपहर की गरमी से बचाएगी, और एक शरणस्थान और आंधी से छिपने का स्थान होगा।”*
यह केवल भौतिक सुरक्षा नहीं थी, बल्कि आत्मिक शांति का वादा था। जो लोग ईश्वर की शरण में आएँगे, उन्हें कभी भय नहीं होगा।
### **अंतिम विजय**
यशायाह की भविष्यवाणी एक गहरी आशा के साथ समाप्त होती है। सिय्योन अब अपने पापों से मुक्त होगा, और ईश्वर की महिमा उस पर सदैव बनी रहेगी। यह केवल एक नगर की बहाली नहीं थी, बल्कि समस्त मानवजाति के उद्धार की ओर संकेत था।
इस प्रकार, यशायाह ने अंधकार में भी प्रकाश की आशा दिखाई। ईश्वर का प्रेम और न्याय सदैव विजयी होता है, और जो उसकी शरण लेते हैं, वे अनन्तकाल तक उसकी महिमा में बने रहेंगे।