**आमोस 7: एक दृष्टि और न्याय की पुकार**
यहोवा के वचन की घोषणा करने वाले नबी आमोस ने इस्राएल के लोगों को चेतावनी दी, क्योंकि वे परमेश्वर की आज्ञाओं को भूल चुके थे और अन्याय व भ्रष्टाचार में डूब गए थे। एक दिन, आमोस ने एक अद्भुत दर्शन देखा।
### **पहली दृष्टि: टिड्डियों का दल**
आमोस ने देखा कि परमेश्वर ने टिड्डियों के एक विशाल दल को उत्पन्न किया, जो राजा की फसल काटने के बाद उगने वाली नई फसल को नष्ट करने वाला था। टिड्डियाँ हरियाली को चट कर जातीं, और सारा देश बंजर हो जाता। आमोस का हृदय द्रवित हुआ, और उसने यहोवा से विनती की:
“हे प्रभु, क्षमा कर! याकूब (इस्राएल) इतना छोटा है, वह कैसे सह पाएगा?”
यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुनी और कहा, “यह नहीं होगा।” टिड्डियों का दल गायब हो गया, और फसल बच गई।
### **दूसरी दृष्टि: आग का दंड**
फिर आमोस ने एक और दर्शन देखा: परमेश्वर ने न्याय की आग बुलाई, जो समुद्र की गहराइयों तक को सुखा देती और पूरे देश को जला डालती। आग इतनी भयानक थी कि पत्थर भी धूल में मिल जाते। आमोस ने फिर यहोवा से गिड़गिड़ाकर कहा:
“हे सर्वशक्तिमान प्रभु, रुक जा! याकूब कहाँ ठहरेगा? वह तो इतना निर्बल है!”
यहोवा ने फिर दया दिखाई और कहा, “यह भी नहीं होगा।” आग बुझ गई, और देश बच गया।
### **तीसरी दृष्टि: साहुल का फंदा**
तब यहोवा ने आमोस को एक तीसरा दर्शन दिखाया। उसने देखा कि प्रभु एक दीवार पर साहुल (नापने का धागा) लगाकर खड़ा है। वह इस्राएल को नाप रहा था, जैसे कोई न्यायी निर्माणकर्ता किसी टेढ़ी दीवार को जाँचता है। यहोवा ने कहा:
“देख, मैं अपने लोगों के बीच एक साहुल रखूँगा। वे अब और बचेंगे नहीं। उनके पूर्वजों के पाप और उनका अहंकार उन्हें नष्ट कर देगा। इस्राएल के उच्च स्थान (मूर्तिपूजा के स्थान) उजाड़ दिए जाएँगे, और मैं यारोबाम के घराने को तलवार से मिटा दूँगा।”
### **आमोस और पुरोहित आमस्याह का संघर्ष**
जब आमोस ने इस्राएल के लोगों को ये दर्शन सुनाए और उन्हें पश्चाताप करने की चेतावनी दी, तो बेतेल के मूर्तिपूजक पुरोहित आमस्याह ने उसका विरोध किया। उसने इस्राएल के राजा यारोबाम को संदेश भेजा:
“आमोस तेरे विरुद्ध षड्यंत्र रच रहा है! उसके वचन देश में अशांति फैला रहे हैं।”
फिर आमस्याह ने आमोस से कहा, “हे दर्शी, यहाँ से भाग जा! यहूदा में जाकर भविष्यवाणी कर, पर इस्राएल में नहीं। यह राजा का पवित्र स्थान है!”
आमोस ने निडरता से उत्तर दिया:
“मैं कोई पेशेवर नबी नहीं हूँ, न ही किसी नबी के वंश से हूँ। मैं तो एक साधारण गड़ेरिया और बागबान था, परन्तु यहोवा ने मुझे चुना और कहा, ‘जा, मेरी प्रजा को सचेत कर।’ इसलिए अब सुन, यहोवा का वचन है: ‘तेरी पत्नी वेश्या बन जाएगी, तेरे बच्चे तलवार से मारे जाएँगे, तेरा भूमि बाँट दिया जाएगा, और तू अशुद्ध भूमि में मर जाएगा। इस्राएल को निश्चय ही अपनी भूमि से निर्वासित किया जाएगा।'”
### **निष्कर्ष**
आमोस की भविष्यवाणी सच हुई। इस्राएल ने पश्चाताप नहीं किया, और अश्शूरियों ने उन पर आक्रमण करके उन्हें बंधक बना लिया। परमेश्वर का न्याय सच्चा था, परन्तु उसकी दया भी विद्यमान थी—यदि लोग मन फिराते, तो वह उन्हें क्षमा कर देता। आमोस की कहानी हमें सिखाती है कि परमेश्वर पाप से घृणा करता है, परन्तु वह मन फिराने वालों को अवश्य क्षमा करता है।