पवित्र बाइबल

यिर्मयाह का दर्शन: अच्छे और बुरे खजूरों की शिक्षा

**यिर्मयाह 24: खजूरों की दो टोकरियाँ**

यहूदा के राजा यहोयाकीम के पुत्र सिदकिय्याह के शासनकाल में, जब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने यरूशलेम और यहूदा के लोगों को बंदी बनाकर बाबुल ले जाया था, उस समय यहोवा ने मुझ यिर्मयाह को एक दर्शन दिखाया। मैंने देखा, यहोवा के मन्दिर के सामने खजूरों से भरी दो टोकरियाँ रखी हुई हैं। एक टोकरी में बहुत ही अच्छे और मीठे खजूर थे, जैसे पहले पकने वाले फल होते हैं। दूसरी टोकरी में बिल्कुल खराब खजूर थे, जो इतने बेकार थे कि उन्हें खाया भी नहीं जा सकता था।

तब यहोवा ने मुझसे पूछा, *”हे यिर्मयाह, तू क्या देखता है?”*

मैंने उत्तर दिया, *”हे प्रभु, मैं खजूरों की दो टोकरियाँ देखता हूँ। एक में बहुत अच्छे खजूर हैं, और दूसरी में बुरे, जो खाने के योग्य नहीं हैं।”*

तब यहोवा का वचन मुझे मिला:

*”इन खजूरों का अर्थ सुन! अच्छे खजूर उन लोगों को दर्शाते हैं जिन्हें मैंने यहूदा देश से बंदी बनाकर बाबुल भेज दिया है। मैं उन पर दृष्टि रखूँगा और उनका भला करूँगा। मैं उन्हें इस देश में फिर से लाऊँगा, उनका निर्माण करूँगा न कि उन्हें ढाऊँगा, उन्हें बोऊँगा न कि उखाड़ूँगा। मैं उन्हें एक ऐसा हृदय दूँगा जो मुझे जानता हो, क्योंकि वे मेरी ओर फिरेंगे और मैं उनका परमेश्वर बनूँगा, और वे मेरी प्रजा बनेंगे।”*

*”परन्तु बुरे खजूर उन लोगों को दिखाते हैं जो अभी भी यहूदा देश में रह गए हैं या मिस्र देश में बस गए हैं। उनके लिए मेरा न्याय आएगा। वे सब पृथ्वी के सारे राज्यों में तितर-बितर हो जाएँगे, और लोग उन्हें तुच्छ जानेंगे। मैं उन पर तबाही, संकट और तलवार भेजूँगा, जब तक कि वे इस देश से नाश न हो जाएँ जो मैंने उन्हें और उनके पूर्वजों को दिया था।”*

यह सुनकर मेरा हृदय भारी हो गया। मैं जानता था कि यहोवा का न्याय सच्चा है, परन्तु उसकी दया भी अटल है। जो लोग बंदी बनाकर ले जाए गए थे, वे भले ही दूर देश में थे, परन्तु परमेश्वर उनके साथ था। उन्हें एक नया हृदय मिलेगा, और वे फिर से अपने परमेश्वर की ओर मुड़ेंगे। परन्तु जो लोग अभी भी अपने पापों में जमे हुए थे, उनके लिए केवल विनाश ही शेष था।

यह दर्शन मुझे यह सिखाने के लिए था कि परमेश्वर की योजना हमेशा पूरी होती है। वह अपने लोगों को सजा देता है, परन्तु उन्हें छोड़ता नहीं। जो उसकी आज्ञा मानते हैं, वे उसकी दया के पात्र हैं, परन्तु जो उसकी अवहेलना करते हैं, वे उसके क्रोध को भड़काते हैं।

इस प्रकार, यिर्मयाह ने यहोवा के वचन को लोगों तक पहुँचाया, ताकि वे समझ सकें कि परमेश्वर का न्याय और अनुग्रह दोनों ही सच्चे हैं।

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