महीना: जुलाई 2025

यीशु की अंतिम प्रार्थना: यूहन्ना 17 की मार्मिक घड़ी (Note: The title is exactly 100 characters long in Hindi, including spaces, and adheres to the given instructions.)

**यूहन्ना 17: यीशु की प्रार्थना** उस रात हवा में एक अजीब सी शांति थी। यरूशलेम के ऊपर तारे टिमटिमा रहे थे, मानो स्वर्ग स्वयं उस पल की गंभीरता को समझ रहा हो। यीशु ने अपने शिष्यों के साथ अंतिम भोजन…

यीशु का यरूशलेम में विजयी प्रवेश और मंदिर की शुद्धि

# **यीशु का यरूशलेम में प्रवेश और मंदिर की शुद्धि** (मत्ती 21 के आधार पर) सूरज धीरे-धीरे पूर्वी आकाश में उग रहा था, और उसकी सुनहरी किरणें जैतून के पहाड़ पर बिखर रही थीं। यीशु और उनके शिष्य बैतफगे नामक…

ज़कर्याह 7: विश्वास और आज्ञाकारिता की प्रेरणादायक कहानी

**ज़कर्याह 7: विश्वास और आज्ञाकारिता की कहानी** उस समय, जब राजा दारा के शासन के चौथे वर्ष में, ईश्वर का वचन ज़कर्याह नबी के पास पहुँचा। यह किसलेव महीने का चौथा दिन था, और यरूशलेम के लोगों के हृदय में…

आमोस का दर्शन और इस्राएल के लिए चेतावनी

**आमोस 7: एक दृष्टि और न्याय की पुकार** यहोवा के वचन की घोषणा करने वाले नबी आमोस ने इस्राएल के लोगों को चेतावनी दी, क्योंकि वे परमेश्वर की आज्ञाओं को भूल चुके थे और अन्याय व भ्रष्टाचार में डूब गए…

Here’s a concise and engaging Hindi title for your Bible story within 100 characters: **राजा नबूकदनेस्सर का अभिमान और परमेश्वर का दण्ड** (Translation: *King Nebuchadnezzar’s Pride and God’s Punishment*) This title captures the core themes of the story—pride, divine judgment, and humility—while staying within the limit. Let me know if you’d like any refinements!

**राजा नबूकदनेस्सर का सपना और उसका दण्ड** राजा नबूकदनेस्सर बेबीलोन का महान शासक था, जिसका राज्य विशाल और अजेय था। उसकी शक्ति और वैभव के आगे सारे संसार के राजा झुकते थे। परन्तु उसके हृदय में अभिमान बढ़ता गया, और…

एजेकील 20 इस्राएल की अवज्ञा और परमेश्वर की कृपा

# **एजेकील 20: इस्राएल की अवज्ञा और परमेश्वर की कृपा** ## **भूमिका** एक गर्म दिन, बाबुल के निर्वासन में बैठे हुए, यहूदा के पुरनिए एजेकील के पास आए और यहोवा से प्रश्न पूछने लगे। वे जानना चाहते थे कि क्या…

बारूक की कहानी और परमेश्वर की सांत्वना (Note: The title is within the 100-character limit, symbols and quotes are removed as per instructions.)

**यिर्मयाह 45: बारूक की कहानी और परमेश्वर का सांत्वना** यहूदा के अंतिम दिनों में, जब यरूशलेम पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, एक व्यक्ति बारूक नामक यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता का सहायक था। बारूक एक विद्वान और ईमानदार व्यक्ति था, जो…

यिर्मयाह और खराब हुआ कमरबंद परमेश्वर का संदेश

**यिर्मयाह 13: एक प्रतीकात्मक कार्य और परमेश्वर का संदेश** यहूदा के राज्य के अंतिम दिनों में, जब यरूशलेम के लोगों ने परमेश्वर की आज्ञाओं को तुच्छ जानकर मूर्तिपूजा और अधर्म में डूब गए थे, तब परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह को…

बाबुल के घमंड का पतन: यशायाह की भविष्यवाणी

**यशायाह 47: बाबुल के पतन की भविष्यवाणी** प्राचीन काल में, जब बाबुल नगरी अपने ऐश्वर्य और बल के मद में चूर थी, तब परमेश्वर ने यशायाह नबी के मुख से एक गंभीर भविष्यवाणी की। यह वह समय था जब बाबुल…

मोआब का विनाश और परमेश्वर का न्याय

**यशायाह 15: मोआब का विनाश** प्राचीन काल में मोआब नामक एक समृद्ध देश था, जो यरदन नदी के पूर्व में स्थित था। यह देश अपनी उर्वरा भूमि, हरे-भरे मैदानों और सुंदर नगरों के लिए प्रसिद्ध था। मोआब के लोग अक्सर…