**एक अद्भुत भविष्यवाणी: यशायाह 18**
उस समय की बात है जब यहूदा के देश में यशायाह नबी पर परमेश्वर का वचन आया। यह वह समय था जब अश्शूर का साम्राज्य बढ़ रहा था और लोग डर के साये में जी रहे थे। परन्तु यहोवा ने यशायाह के द्वारा एक ऐसी भविष्यवाणी की जो दूर के एक देश—कूश (इथियोपिया) के लोगों से सम्बंधित थी।
### **कूश के लोगों के पास एक संदेश**
यशायाह ने देखा कि कूश के देश में ऐसे दूत हैं जो नावों के द्वारा नील नदी के रास्ते दूर-दूर तक जाते हैं। वे लोग लम्बे और दुबले-पतले हैं, जिनकी चमड़ी चिकनी और तेजस्वी है। वे बड़े ही बहादुर और युद्ध कुशल हैं, जिनके पास भयानक शस्त्र हैं। उनकी आवाज़ ऐसी है जैसे नदी की गर्जना।
परमेश्वर ने यशायाह से कहा, **”हे कूश के दूतों, तुम जो ऐसे देश में रहते हो जहाँ नदियाँ बहती हैं, सुनो! दुनिया के सारे लोगों के सामने मेरा संदेश सुनाओ। मैंने एक चिन्ह दिखाया है—मेरी आवाज़ ऐसी है जैसे सिंह की दहाड़, जो पहाड़ों से गूँजती है।”**
### **परमेश्वर की प्रतीक्षा का समय**
यशायाह ने समझाया कि जब कूश के लोग अपनी शक्ति और युद्ध कौशल पर भरोसा करते हैं, तब परमेश्वर उनसे कहता है, **”जब मैं अपना समय आने दूँगा, तब मैं हस्तक्षेप करूँगा। अभी तुम्हें धैर्य रखना है।”**
उसने एक दृष्टान्त दिया—**”जैसे कोई किसान गर्मी के दिनों में अंगूरों के पकने का इंतज़ार करता है, वैसे ही मैं अपने समय की प्रतीक्षा करता हूँ। जब फसल पूरी तरह तैयार होगी, तब मैं अपने हंसिये से काटूँगा और बेलों को छाँट दूँगा।”**
### **परमेश्वर का न्याय और अनुग्रह**
फिर यशायाह ने भविष्यवाणी की कि एक समय ऐसा आएगा जब सारी दुनिया के लोग सिय्योन की पहाड़ी पर, यहोवा के सामने इकट्ठे होंगे। कूश के लोग भी उनमें शामिल होंगे। वे परमेश्वर के सामने भेंट लेकर आएँगे, जैसे कोई मेहमान राजा के लिए उपहार लाता है।
यहोवा ने कहा, **”उस दिन, मेरी महिमा सारी पृथ्वी पर छा जाएगी। जो लोग मेरी प्रतीक्षा करते हैं, वे मेरी शरण में सुरक्षित रहेंगे। लेकिन जो अभिमानी हैं और अपनी ताकत पर भरोसा करते हैं, उनका अंत निकट है।”**
### **समापन: विश्वास और आशा**
यशायाह की यह भविष्यवाणी सुनकर लोग चकित रह गए। कूश के लोग, जो इतने शक्तिशाली थे, अंत में परमेश्वर के सामने झुकेंगे। यहोवा ने दिखाया कि वह सारी दुनिया का न्यायी है और उसकी योजनाएँ अटल हैं।
इस कहानी से हम सीखते हैं कि परमेश्वर का समय सबसे उत्तम है। हमें धैर्य रखना चाहिए और उसकी प्रतीक्षा करनी चाहिए, क्योंकि वही सच्चा न्याय करेगा और अपने लोगों की रक्षा करेगा। **”यहोवा की दृष्टि में एक दिन हज़ार वर्ष के समान है, और हज़ार वर्ष एक दिन के समान।” (2 पतरस 3:8)**
इस प्रकार, यशायाह की भविष्यवाणी ने लोगों को आशा दी कि चाहे संसार कितनी भी उथल-पुथल में हो, परमेश्वर की योजना सर्वोत्तम है।