पवित्र बाइबल

मोआब का घमण्ड और परमेश्वर का न्याय (Note: The title is within the 100-character limit, symbols and quotes are removed, and it captures the essence of the story—Moab’s pride and God’s judgment.)

**यिर्मयाह 48: मोआब का विनाश**

प्राचीन काल में, मोआब नामक एक सुंदर और समृद्ध देश था, जो अपनी उर्वरा भूमि, दृढ़ किलों और गर्वीले लोगों के लिए प्रसिद्ध था। यह देश इस्राएल के पूर्व में स्थित था और इसके निवासी लंबे समय से अपनी शक्ति और स्वतंत्रता पर गर्व करते थे। परन्तु उनके हृदय में अहंकार और मूर्तिपूजा भर चुकी थी। वे यहोवा को भूल चुके थे और अपने देवता कमोश की पूजा करते थे। तब यिर्मयाह नबी के माध्यम से परमेश्वर ने मोआब के विरुद्ध एक भयंकर न्याय की घोषणा की।

### **मोआब का घमण्ड और पतन**

मोआब के शहर सुन्दर और सुरक्षित थे। नबो और किर्यातैम जैसे नगर ऊँची दीवारों से घिरे थे, और उनके योद्धा अपने बल पर निर्भर थे। वे कहते थे, “हम शक्तिशाली हैं, कोई हमें नहीं हरा सकता!” परन्तु यिर्मयाह ने घोषणा की, “देखो, मोआब के विरुद्ध यहोवा का वचन है! नबो उजाड़ हो जाएगा, किर्यातैम लूटा जाएगा। उनके गर्व के किले धराशायी हो जाएँगे, और उनकी शक्ति धूल में मिल जाएगी!”

परमेश्वर ने कहा, “मोआब ने मेरी प्रजा इस्राएल का तिरस्कार किया है और उस पर घमण्ड किया है। इसलिए वह दिन आएगा जब मोआब के नगरों में चीत्कार होगी, और युद्ध की आग उन्हें भस्म कर देगी।”

### **विनाश का दृश्य**

यिर्मयाह ने भविष्यद्वाणी की, “देखो, उत्तर से एक सेना आएगी, जो बिजली की तरह तेज और अग्नि की तरह भयंकर होगी। वे मोआब के खेतों को जलाएँगे, उनके दाख की बारियों को नष्ट कर देंगे, और उनके योद्धाओं को तलवार से काट डालेंगे।”

जब शत्रुओं ने आक्रमण किया, तो मोआब के लोग भयभीत हो गए। उनके साहसी योद्धा रोने लगे, और राजा हताश होकर अपने मूर्तिदेवता कमोश से गिड़गिड़ाने लगा। परन्तु कमोश मूक था—वह न तो बचा सकता था और न ही सुन सकता था। यिर्मयाह ने कहा, “कमोश अपने पूजकों को लज्जित छोड़ देगा, क्योंकि वह एक मिथ्या देवता है। केवल यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है!”

### **मोआब का विलाप**

मोआब के विनाश का समाचार सुनकर आसपास के राष्ट्र हैरान रह गए। यिर्मयाह ने कहा, “मोआब के लोगों का विलाप सुनो! वे अपने सिर मुंडवा रहे हैं, दाढ़ी कटवा रहे हैं, और चिल्ला-चिल्लाकर रो रहे हैं। उनकी समृद्धि नष्ट हो गई है, उनकी दाखमधु की मिठास कड़वाहट में बदल गई है।”

यहाँ तक कि मोआब के भागे हुए लोग भी सुरक्षित नहीं थे। यिर्मयाह ने भविष्यद्वाणी की, “जो लोग शत्रु से बचकर भागेंगे, वे भी पकड़े जाएँगे। उनके लिए कोई शरणस्थान नहीं होगा, क्योंकि यहोवा ने उनका न्याय कर दिया है।”

### **परमेश्वर की दया की आशा**

फिर भी, परमेश्वर की दया समाप्त नहीं हुई थी। यिर्मयाह ने कहा, “परन्तु अंत के दिनों में, मैं मोआब की बंधुआई को फिर लौटाऊँगा।” यद्यपि उन्हें उनके पापों के लिए दण्ड मिला, परन्तु परमेश्वर ने उनके लिए आशा की एक किरण छोड़ी।

इस प्रकार, मोआब का विनाश एक चेतावनी बन गया कि घमण्ड और मूर्तिपूजा का अंत विनाश ही है। केवल यहोवा ही सच्चा परमेश्वर है, और जो उसकी आज्ञा मानते हैं, वे ही सुरक्षित रहेंगे।

**अंत।**

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