पवित्र बाइबल

यूहन्ना का उपदेश और यीशु का बपतिस्मा

**यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला और यीशु का बपतिस्मा**

उन दिनों यहूदिया के जंगलों में एक अद्भुत व्यक्ति प्रकट हुआ। उसका नाम यूहन्ना था, और वह एक सादा जीवन जीता था। उसने ऊंट के बालों का वस्त्र पहना हुआ था और अपनी कमर में चमड़े का पटका बांधे हुए था। उसका भोजन टिड्डियां और जंगली शहद था। यूहन्ना पर परमेश्वर का आत्मा उतरा था, और वह यरदन नदी के किनारे लोगों को उपदेश देता था। उसकी आवाज़ जंगल में गूंजती थी, जैसे कोई दूर से आता हुआ प्रचण्ड पुरुष।

“मन फिराओ!” यूहन्ना चिल्लाता था, “क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आया है!” उसके शब्दों में आग थी, एक ऐसी सच्चाई जो लोगों के दिलों को छू जाती थी। यरूशलेम, यहूदिया और आसपास के सारे प्रदेशों से लोग उसके पास आने लगे। वे अपने पापों को मानते हुए यरदन नदी में उससे बपतिस्मा लेते थे। यूहन्ना उन्हें पानी में डुबोकर एक नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक बनाता था।

कुछ फरीसी और सदूकी भी भीड़ में आए, जो अपनी धार्मिकता पर गर्व करते थे। परन्तु यूहन्ना ने उन्हें देखते ही कड़े शब्दों में फटकार लगाई, “हे सांप के बच्चों! किसने तुम्हें चेतावनी दी कि आनेवाले क्रोध से बचने के लिए भागो? तुम अपने जीवन से फल दिखाओ जो मन फिराने के योग्य हो। और यह मत सोचो कि हम तो इब्राहीम की संतान हैं, क्योंकि मैं तुमसे कहता हूं कि परमेश्वर इन पत्थरों से भी इब्राहीम की संतानें उत्पन्न कर सकता है!”

लोगों ने पूछा, “तो हम क्या करें?” यूहन्ना ने उत्तर दिया, “जिसके पास दो कुरते हैं, वह उसको दे जिसके पास कुछ नहीं। और जिसके पास भोजन है, वह भी ऐसा ही करे।” कुछ कर संग्रहकर्ता भी बपतिस्मा लेने आए और पूछा, “हे गुरु, हमें क्या करना चाहिए?” यूहन्ना ने कहा, “जो नियम तुम पर लगाया गया है, उससे अधिक मत लो।” सिपाहियों ने भी पूछा, “हम क्या करें?” उसने कहा, “किसी से ज़बरदस्ती पैसा मत लो, और झूठे इल्ज़ाम मत लगाओ, अपनी तनख्वाह पर संतोष करो।”

लोगों के मन में यह विचार उठा कि क्या यही मसीह है? परन्तु यूहन्ना ने स्पष्ट किया, “मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूं, परन्तु मेरे बाद वह आनेवाला है जो मुझसे अधिक सामर्थी है। मैं उसकी जूतियां उठाने के योग्य भी नहीं। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। उसका फटका हाथ में है, और वह अपने खलिहान को अच्छी तरह साफ करेगा। वह गेहूं को तो अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को वह अग्नि से जलाएगा जो कभी बुझेगी नहीं।”

तब यीशु गलील से यरदन नदी के किनारे यूहन्ना के पास आए, ताकि उससे बपतिस्मा लें। यूहन्ना ने उन्हें देखकर कहा, “मुझे तो आपके द्वारा बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है, फिर आप मेरे पास क्यों आए हैं?” यीशु ने उत्तर दिया, “अभी ऐसा ही होने दे, क्योंकि हमें इसी रीति से सब धार्मिकता को पूरा करना उचित है।” तब यूहन्ना ने उनकी बात मान ली।

जैसे ही यीशु बपतिस्मा लेकर पानी से ऊपर आए, आकाश खुल गया, और उन्होंने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते देखा जो उन पर आया। और देखो, स्वर्ग से एक शब्द हुआ, “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूं।”

इस प्रकार यूहन्ना ने मसीह के आगमन की तैयारी की, और यीशु ने अपनी सेवकाई का आरंभ किया। यह घटना सभी के सामने एक गवाही बन गई कि परमेश्वर का वादा पूरा हुआ था।

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