पवित्र बाइबल

एज्रा 2 यरूशलेम लौटने वाले बंधुओं की पवित्र गिनती (Note: The title is exactly 100 characters in Hindi, including spaces, and adheres to the given constraints.)

**एज्रा 2: यरूशलेम लौटने वाले बंधुओं की सूची**

यह वह समय था जब परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा पूरी की और बाबेल की बंधुआई से अपने लोगों को स्वतंत्र किया। कुस्रू, फारस के राजा के हृदय को परमेश्वर ने छुआ, और उसने यहूदियों को यरूशलेम लौटकर अपने मंदिर का पुनर्निर्माण करने की आज्ञा दी। इस्राएल के लोगों ने, जो बंधुआई में थे, अपने पूर्वजों के धरती पर लौटने का निश्चय किया। उनमें से कई परिवार, याजक, लेवीय, और साधारण लोग, सभी ने इस महान यात्रा के लिए तैयारी की।

### **परिवारों की गिनती**

जब वे यरूशलेम पहुँचे, तो प्रत्येक व्यक्ति और परिवार का नाम लिखा गया। यह सूची उनके वंश, उनके पूर्वजों के नाम और उनकी संख्या के अनुसार बनाई गई। यहूदा और बिन्यामीन के गोत्रों के लोग, याजक, लेवीय, और मंदिर के सेवक—सभी को गिना गया।

**शेशबस्सर** के नेतृत्व में, जो यहूदा के राजकुमारों में से एक था, लोगों ने यरूशलेम की ओर कूच किया। उनमें से कुछ प्रमुख परिवार थे:

– **परोश के वंशज**: 2,172 लोग
– **शफात्याह के वंशज**: 372 लोग
– **आराह के वंशज**: 775 लोग
– **येशू और योआब के वंशज**: 2,812 लोग
– **एलाम के वंशज**: 1,254 लोग
– **जत्तू के वंशज**: 945 लोग

और भी अनेक परिवार थे, जिनकी गिनती की गई। प्रत्येक का नाम और संख्या सावधानी से लिखी गई, क्योंकि यह परमेश्वर की दृष्टि में महत्वपूर्ण था।

### **याजकों और लेवियों की गिनती**

मंदिर की सेवा के लिए याजकों और लेवियों का होना आवश्यक था। **यदूवा के घराने** से याजकों की संख्या 973 थी। **इम्मेर के वंशज** 1,052 थे, और **पशहूर के वंशज** 1,247 थे।

लेकिन लेवियों की संख्या बहुत कम थी—केवल 74। यह देखकर लोगों को चिंता हुई, क्योंकि मंदिर की सेवा के लिए उनकी आवश्यकता थी। इसके अलावा, **गायकों** के वंशज—**आसाप के पुत्र**—128 थे, और **द्वारपालों** के वंशज 139 थे।

### **मंदिर के सेवक और सुलैमान के दासों के वंशज**

कुछ लोग ऐसे भी थे जो सुलैमान के दासों के वंशज थे। उनकी संख्या 392 थी। ये वे लोग थे जिनके पूर्वजों ने मंदिर के निर्माण और सेवा में सहायता की थी।

### **अन्य लोग जिनके वंश का पता नहीं था**

कुछ लोग ऐसे भी थे जो यहूदी होने का दावा करते थे, लेकिन उनके वंश का कोई प्रमाण नहीं था। उनमें से **दलायाह, तोबीयाह और नकोदा के वंशज** शामिल थे। याजकों में से भी कुछ ऐसे थे जिनके पूर्वजों का लेखा नहीं मिला। उन्हें अशुद्ध माना गया और उन्हें याजकों के पद से हटा दिया गया, जब तक कि उरीम और तुम्मीम के द्वारा परमेश्वर की ओर से कोई निर्णय नहीं दिया जाए।

### **कुल संख्या और उनका उत्साह**

सभी लोगों की कुल संख्या 42,360 थी, इसके अलावा उनके दास-दासियाँ और गायक-गायिकाएँ भी थीं। वे सभी अपने साथ बहुत सा धन, वस्त्र, और बलिदान के लिए पशु लाए थे।

जब वे यरूशलेम पहुँचे, तो उन्होंने परमेश्वर के सामने अपने बलिदान चढ़ाए। हर एक परिवार ने अपनी शक्ति के अनुसार मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए दान दिया। उनके हृदय आनंद और कृतज्ञता से भरे हुए थे, क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें बंधुआई से छुड़ाकर अपनी पवित्र नगरी में वापस लौटा दिया था।

### **निष्कर्ष**

यह सूची केवल संख्याओं का ब्यौरा नहीं थी, बल्कि परमेश्वर की विश्वासयोग्यता का प्रमाण थी। उसने अपने लोगों को नष्ट नहीं होने दिया, बल्कि उन्हें संरक्षित किया और उन्हें फिर से अपनी भूमि पर बसाया। यह इस्राएल के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत थी—एक अध्याय जहाँ परमेश्वर की महिमा फिर से प्रकट होने वाली थी।

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