# यहोशू 6: यरीहो की विजय की कहानी
## परमेश्वर की योजना
यरीहो नगर मजबूत और ऊंची दीवारों से घिरा हुआ था। इस्राएलियों के आने की खबर सुनकर नगर के लोग डर गए थे और द्वार बंद कर लिए थे। कोई अंदर नहीं जा सकता था, न कोई बाहर आ सकता था। यहोशू ने सेना को यरीहो के सामने खड़ा देखा तो उसने सोचा, “इस शक्तिशाली नगर को कैसे जीतेंगे?”
तब यहोवा ने यहोशू से कहा, “देख, मैंने यरीहो को, उसके राजा और उसके शूरवीरों को तेरे हाथ में कर दिया है। तू और सब लड़ाके नगर के चारों ओर प्रतिदिन एक बार चक्कर लगाएं। ऐसा छ: दिन तक करना। सात याजक नरसिंघे लेकर सन्दूक के आगे-आगे चलें। सातवें दिन तुम नगर के सात चक्कर लगाना और याजक नरसिंघे फूंकें। जब वे एक लम्बा स्वर भरें, तब सब लोग जोर से चिल्लाएं, और नगर की दीवार गिर जाएगी। तब लोग सीधे आगे बढ़कर नगर पर चढ़ाई करें।”
## आज्ञा का पालन
यहोशू ने याजकों और सेना को बुलाया और परमेश्वर की आज्ञा सुनाई। उसने कहा, “चुपचाप चलना, कोई शब्द नहीं करना, केवल नरसिंघों की आवाज़ सुनाई दे। सातवें दिन जब मैं कहूं, तब जोर से चिल्लाना।”
पहले दिन, याजकों ने विधि के सन्दूक को उठाया और सात याजक नरसिंघे बजाते हुए आगे-आगे चले। पीछे सैनिक चले। वे नगर के चारों ओर एक चक्कर लगाकर शिविर में लौट आए। दूसरे दिन भी ऐसा ही हुआ। छ: दिनों तक वे प्रतिदिन एक चक्कर लगाते रहे। लोग आश्चर्य में थे, पर यहोशू के आदेश के अनुसार चुप रहे।
## सातवें दिन का चमत्कार
सातवें दिन सुबह जल्दी उठकर उन्होंने वैसा ही किया, परन्तु इस बार सात चक्कर लगाए। सातवें चक्कर में, जब याजकों ने नरसिंघे फूंके, तो यहोशू ने लोगों से कहा, “चिल्लाओ! क्योंकि यहोवा ने यह नगर तुम्हें दे दिया है। केवल राहाब और उसके घर के लोग बचेंगे, क्योंकि उसने हमारे भेदियों की रक्षा की थी।”
तब सब लोगों ने जोर से चिल्लाना शुरू किया, और नरसिंघों की आवाज़ गूंज उठी। तभी एक भयानक धमाके के साथ यरीहो की दीवारें जड़ से हिलकर गिर पड़ीं! इस्राएली सीधे नगर में घुस गए और उसे जीत लिया। उन्होंने सब कुछ नष्ट कर दिया, जैसा यहोवा ने आज्ञा दी थी। केवल राहाब और उसके परिवार को बचाया गया, क्योंकि उसने इस्राएल के भेदियों की सहायता की थी।
## विजय और चेतावनी
यहोशू ने सब लोगों को चेतावनी दी, “इस नगर की कोई भी वस्तु न लेना, नहीं तो इस्राएल के डेरे पर अभिशाप आ जाएगा। सब कुछ यहोवा के भण्डार के लिए पवित्र है।”
परन्तु आखन नामक एक व्यक्ति ने चोरी की और एक सुन्दर वस्त्र और कुछ चाँदी-सोना ले लिया। इससे बाद में इस्राएल को कठिनाई हुई, क्योंकि परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन हुआ था।
इस प्रकार, यहोवा ने यरीहो को इस्राएल के हाथ में दे दिया। यहोशू की प्रसिद्धि सारे देश में फैल गई, क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।
## सीख
यह कहानी हमें सिखाती है कि परमेश्वर की आज्ञा मानने से बड़ी से बड़ी बाधाएं भी टूट जाती हैं। विश्वास और धैर्य से काम लेना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर अपने समय में चमत्कार करता है।