Here’s a concise and engaging Hindi title for your Bible story within 100 characters, without symbols or quotes: **ज़कर्याह 10: परमेश्वर का वादा और नई आशा** (Character count: 42) This title captures the essence of the story—God’s promise and renewed hope for Judah—while being clear and impactful. Let me know if you’d like any adjustments!
**ज़कर्याह 10: एक नई आशा की कहानी**
उस समय, यहूदा के पहाड़ियों पर हल्की बारिश की बूंदें गिर रही थीं, और चारों ओर हरियाली छाई हुई थी। लोग अपने खेतों में काम कर रहे थे, परन्तु उनके चेहरे पर उदासी थी। वर्षों से उन्हें सूखे और संकटों का सामना करना पड़ा था। उनके हृदय में प्रश्न था: “क्या परमेश्वर ने हमें भुला दिया है?”
तभी परमेश्वर का वचन ज़कर्याह भविष्यद्वक्ता के द्वारा उन तक पहुँचा: **”यहोवा से वर्षा माँगो, वसंत ऋतु की वर्षा की। यहोवा ही बादलों को बनाता है, वह मनुष्यों को वर्षा देता है, हर एक को खेतों में घास देता है।”** (ज़कर्याह 10:1)
भविष्यद्वक्ता की आवाज़ में एक दिव्य आश्वासन था। उसने समझाया कि मूर्तियाँ और झूठे भविष्यद्वक्ता लोगों को धोखा देते हैं, परन्तु यहोवा ही अपने लोगों का सच्चा चरवाहा है। **”घर के लोगों के कारण यहोवा की करुणा भड़क उठी है, और वह उन्हें बचाने आएगा,”** ज़कर्याह ने घोषणा की।
### **यहूदा का पुनर्निर्माण**
परमेश्वर ने वादा किया कि वह यहूदा को एक शक्तिशाली योद्धा के रूप में उठाएगा। **”मैं यहूदा को एक योद्धा की तरह सशक्त बनाऊँगा, और यूसुफ के वंश को मैं बचाऊँगा। मैं उन्हें वापस लाऊँगा, क्योंकि मैंने उन पर दया की है,”** (ज़कर्याह 10:6)।
लोगों के हृदय में आशा जाग उठी। वे समझने लगे कि परमेश्वर उन्हें फिर से इकट्ठा करेगा, जैसे एक चरवाहा अपनी भेड़ों को बटोरता है। उनके बच्चे खुशी से नाचेंगे, और युवक नए साहस से भर जाएँगे। **”मैं उन्हें हर जगह से बुलाऊँगा—मिस्र से, अश्शूर से, और दूर-दूर के देशों से। मैं उन्हें अपनी भूमि पर ले आऊँगा, और वे इतने अधिक होंगे कि उनके लिए जगह कम पड़ेगी!”** (ज़कर्याह 10:10)।
### **विजय और आनन्द की भविष्यवाणी**
ज़कर्याह ने बताया कि परमेश्वर उनके साथ युद्ध में होगा। **”वे गिलाद और लबानोन में अपने शत्रुओं को कुचलेंगे, और समुद्र की लहरें भी उन्हें रोक नहीं पाएँगी,”** उसने कहा। लोगों की आँखों में चमक आ गई। वे जानते थे कि परमेश्वर उनकी लड़ाई लड़ेगा।
और फिर, एक दिन, जैसा परमेश्वर ने वादा किया था, उसकी आशीष उन पर बरसने लगी। खेत फिर से हरे-भरे हो गए, और लोगों के हृदयों में आनन्द भर गया। वे समझ गए कि यहोवा ही उनका सच्चा मुक्तिदाता है, और उसकी प्रतिज्ञाएँ कभी टलती नहीं।
**”मैं उन्हें दृढ़ करूँगा, और वे मेरे नाम में चलेंगे,”** यहोवा ने कहा। और इस प्रकार, उसकी महिमा सदैव के लिए प्रकट हुई।
**॥ समाप्त ॥**