# **झूठे भविष्यद्वक्ताओं का पर्दाफाश: यहेजकेल 13**
## **भूमिका**
यहूदा के लोग बंधुआई में थे, बाबुल की गुलामी में जकड़े हुए। उनके हृदय टूटे हुए थे, और उनकी आशाएँ धूमिल हो चुकी थीं। ऐसे समय में, जब सच्चे नबियों की आवाज़ परमेश्वर के न्याय और पश्चाताप की बात करती थी, कुछ झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े हुए, जो अपनी मनगढ़ंत बातों से लोगों को झूठी आशा दे रहे थे। यहेजकेल, परमेश्वर के सच्चे भविष्यद्वक्ता, को यहोवा का वचन मिला कि वह इन झूठे नबियों के विरुद्ध खड़ा हो और उनके पाखंड को उजागर करे।
## **यहेजकेल को परमेश्वर का संदेश**
यहेजकेल बाबुल के तट पर नदी के किनारे बैठे थे, जहाँ उन्हें परमेश्वर की ओर से एक दर्शन प्राप्त हुआ। यहोवा का वचन उनके पास पहुँचा:
**”मनुष्य के सन्तान, इन झूठे भविष्यद्वक्ताओं के विरुद्ध भविष्यद्वाणी कर, जो अपने मन से भविष्य बताते हैं। उनसे कह, ‘यहोवा की यह वाणी सुनो: धिक्कार है उन मूर्ख भविष्यद्वक्ताओं पर, जो अपनी ही आत्मा का अनुसरण करते हैं और जिन्होंने कुछ नहीं देखा!'”**
यहेजकेल का हृदय दुख से भर गया। वे जानते थे कि ये झूठे नबी लोगों को धोखा दे रहे हैं, उन्हें झूठी शांति का आश्वासन देकर। परमेश्वर ने उन्हें आगे कहा:
**”हे यहेजकेल, ये झूठे भविष्यद्वक्ता उस टूटी हुई दीवार पर सफेदी पोत रहे हैं, जो गिरने वाली है। वे कहते हैं, ‘यहोवा का यही वचन है,’ जबकि यहोवा ने उनसे कुछ नहीं कहा। वे लोगों को झूठी आशा देते हैं, जबकि विनाश निकट है!”**
## **झूठे भविष्यद्वक्ताओं का चरित्र**
ये झूठे नबी चालाक और धूर्त थे। वे लोगों के डर और असुरक्षा का फायदा उठाते थे। उनकी भविष्यवाणियाँ मधुर थीं, परन्तु खोखली। वे कहते थे:
**”शांति है, शांति!”**
जबकि वास्तव में कोई शांति नहीं थी। परमेश्वर का कोप यरूशलेम पर आने वाला था, क्योंकि उसके लोगों ने उसकी आज्ञाओं को तोड़ दिया था। परन्तु ये झूठे भविष्यद्वक्ता लोगों को गुमराह कर रहे थे, जैसे कोई चोर अंधेरे में छिपकर आता है।
## **परमेश्वर का न्याय**
यहोवा ने यहेजकेल से कहा:
**”इसलिए, यहेजकेल, मैं इन झूठे भविष्यद्वक्ताओं के विरुद्ध हूँ। वे मेरे लोगों को धोखा देते हैं, और मैं उन्हें दण्ड दूँगा। जिस दीवार पर वे सफेदी पोत रहे हैं, वह गिर जाएगी, और उस पर भरोसा करने वाले सब लोग उसके नीचे दबकर नष्ट हो जाएँगे।”**
परमेश्वर ने आगे कहा:
**”मैं अपना हाथ इन झूठे भविष्यद्वक्ताओं पर उठाऊँगा। वे मेरी प्रजा के सभा में नहीं रहेंगे, न ही इज़राइल की पुस्तक में लिखे जाएँगे। वे अपने पापों के कारण नाश हो जाएँगे, और तब लोग जानेंगे कि मैं ही प्रभु यहोवा हूँ।”**
## **झूठी भविष्यद्वक्त्रियों का पाप**
परमेश्वर ने यहेजकेल को झूठी भविष्यद्वक्त्रियों के बारे में भी बताया, जो लोगों के हाथों में जादू की पट्टियाँ बाँधती थीं और अपनी मनमानी भविष्यवाणियाँ करती थीं। वे निर्दोष लोगों के प्राणों के लिए फन्दा लगाती थीं, परन्तु परमेश्वर उनसे भी नहीं बचने देगा।
**”तुम निर्दोषों के प्राणों को तुच्छ मूल्य पर बेचती हो और निरपराधों को मारती हो। इसलिए मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ, और तुम्हारे जादू की पट्टियाँ तोड़ दूँगा। मैं तुम्हें अपनी प्रजा के बीच से निकाल दूँगा, और तुम अपने कर्मों का फल पाओगी।”**
## **निष्कर्ष**
यहेजकेल ने परमेश्वर का यह वचन सुनकर लोगों को सावधान किया। उन्होंने झूठे भविष्यद्वक्ताओं की पोल खोल दी और लोगों से सच्चे मन से पश्चाताप करने का आह्वान किया। परमेश्वर चाहता था कि उसकी प्रजा सच्चाई को पहचाने और उसकी ओर लौटे।
**”इसलिए, हे इस्राएल के लोगो, झूठे भविष्यद्वक्ताओं के बहकावे में मत आओ। यहोवा की वाणी को सुनो और उसके मार्ग पर चलो। केवल तभी तुम्हारी रक्षा होगी।”**
और इस प्रकार, यहेजकेल ने परमेश्वर के न्याय और सच्चाई का संदेश सुनाया, ताकि लोग अंधकार से प्रकाश की ओर मुड़ सकें।