पवित्र बाइबल

ईश्वर का संदेश और इसरायल की विजयी संघर्ष: समुएल की वर्णना

समुएल के वचन सभी इसरायलों में समाप्त हुए। अब इसरायल एफेक में शिविर डाल कर फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध के लिए बाहर निकल गया था, जबकि फिलिस्तीनियों ने अपने शिविर Eben-ezer में खोले थे।
फिलिस्तीनियों ने इसरायल के खिलाफ खुद को संगठित कर दिया। और जब वे जनसंख्या में समर्पित हुए, तो इसरायल को फिलिस्तीनियों के सामने हरा दिया गया; और उन्होंने मैदान में लगभग चार हजार पुरुषों का वध किया।
और जब लोग शिविर में पहुंचे, तो इसरायल के वृद्धों ने कहा, kyu Jehovah ne aaj humein Philistines se maar diya? Shiloh se humare paas Jehovah ka vachan laane do, taki yeh humare beech aaye aur humein hamare dushmanon ke haath se bacha sake।
इसलिए लोगों ने Shiloh ko bheja; aur wahan se unhonne Jehovah of hosts ka ark laaya, jo cherubim ke upar baitha tha: aur Eli के दो पुत्र, Hophni और Phinehas, wahan the ark of the covenant of God ke saath the।
और जब Jehovah का धनुष शिविर में पहुंचा, तो सभी इसरायल ने बहुत जोर से चिल्लाया, ताकि पृथ्वी फिर से गूंज उठी।
और जब फिलिस्तीनियों ने चिल्लाने की आवाज सुनी, तो उन्होंने कहा, Yahudiyon ke shivir mein yeh mahaan chillane ki awaaz ka kya arth hai? और उन्होंने समझ लिया कि Jehovah ka ark शिविर में पहुंच गया है।
और फिलिस्तीनियों ने डर लिया, क्योंकि उन्होंने कहा, Bhagwan shivir mein aa gaye hain। और उन्होंने कहा, Hay re hum! क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
Hay re hum! कौन हमें in shaktishali devtaon ke haath se mukti dilayega? ये वो देवता हैं जिन्ह

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